By Nalini Tewari
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर बढ़े टैरिफ और जुर्माने की घोषणा पर भारत की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया दी गई है. भारत की तरफ से साफ-साफ कहा गया है कि देश के हितों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाया जाएगा.
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के सीजफायर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में अमेरिकी राष्ट्रपति को एक्सपोज़ किया था. पीएम मोदी ने ट्रंप का नाम लिए बिना कहा था कि दुनिया के किसी भी नेता ने ऑपरेशन सिंदूर रोकने के लिए नहीं कहा.
वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी ट्रंप के सीजफायर के क्रेडिट लेने को खारिज करते हुए सदन में साफ किया था कि 22 अप्रैल यानि पहलगाम नरसंहार वाले दिन के बाद से लेकर 17 जून तक ट्रंप और पीएम मोदी के बीच कोई बात नहीं हुई थी.
अमेरिका के टैरिफ और जुर्माने पर भारत ने दी प्रतिक्रिया
ट्रंप की तरफ से भारतीय वस्तुओं पर 25 फीसदी टैरिफ के एलान के कुछ घंटों बाद विदेश मंत्रालय की ओर से प्रतिक्रिया दी गई. विदेश मंत्रालय ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, सरकार किसानों, उद्यमियों और एमएसएमई के कल्याण की रक्षा और कल्याण को सबसे ज्यादा अहमियत देती है. सरकार राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगी, जैसा कि ब्रिटेन के साथ आर्थिक और व्यापार समझौते समेत अन्य व्यापार समझौतों के मामले में किया गया है.
ट्रंप के बयान के असर का गंभीरता से अध्ययन कर रहे हैं: विदेश मंत्रालय
भारत सरकार ने कहा, अमेरिकी राष्ट्रपति के इस बयान के असर का गंभीरता से अध्ययन कर रही है और भारत के हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगी. सरकार ने बताया कि भारत और अमेरिका पिछले कुछ महीनों से एक निष्पक्ष, संतुलित और पारस्परिक लाभदायक द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए बातचीत कर रहे हैं. भारत उस उद्देश्य के लिए प्रतिबद्ध है.
फिक्की ने जताई अमेरिकी फैसले पर चिंता
अमेरिका की तरफ से भारत से आने वाले कुछ उत्पादों पर 25% आयात शुल्क लगाने और जुर्माने पर फिक्की के अध्यक्ष हर्षवर्धन अग्रवाल ने कहा, “अमेरिका की तरफ से भारत पर 25% टैरिफ लगाने और प्रतिबंध लगाने का फैसला निराशाजनक है. इसका असर निश्चित रूप से हमारे निर्यात पर पड़ेगा, हालांकि, हमें उम्मीद है कि यह कदम केवल अस्थायी होगा और जल्द ही भारत और अमेरिका के बीच स्थायी व्यापार समझौता हो जाएगा.”
पीएम मोदी ने क्या कहा था, जिससे चिढ़ गए हैं ट्रंप
अमेरिका के सीजफायर के दावों को लेकर पीएम मोदी ने मंगलवार को संसद में कहा था, “जब ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को हमारी सेना परास्त कर रही थी. उसी दौरान नौ तारीख (9 मई) की रात को अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने मुझसे बात करने की कोशिश की. मैं उनका फोन नहीं उठा पाया. मैंने बाद में उनको कॉल किया. उन्होंने मुझे बताया कि पाकिस्तान बड़ा हमला करने वाला है. मेरा जवाब था कि अगर पाकिस्तान का ये इरादा है तो उसे बहुत महंगा पड़ेगा. अगर पाकिस्तान हमला करेगा तो बड़ा हमला करके जवाब देंगे. आगे मैंने कहा था कि हम गोली का जवाब गोले से देंगे. हमने पाकिस्तान की सैन्य शक्ति को तहस-नहस कर दिया. आज पाकिस्तान जान गया है कि भारत का हर जवाब पहले से ज्यादा तगड़ा होता है. उसे पता है भविष्य में नौबत आई तो भारत कुछ भी कर सकता है. दुनिया के किसी भी नेता ने भारत से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रोकने के लिए नहीं कहा.”
चीन ने भी ट्रंप के टैरिफ को लेकर सुनाया
चीन के विदेश मंत्रालय ने भी अमेरिका की उस चेतावनी पर कड़ा जवाब दिया है जिसमें कहा गया था कि अगर चीन ने रूस से तेल खरीदना जारी रखा, तो उस पर भारी टैरिफ लगाया जा सकता है. चीनी विदेश मंत्रालय ने अपनी एक्स पोस्ट में कहा, “चीन हमेशा अपने राष्ट्रीय हितों के अनुसार ऊर्जा की आपूर्ति सुनिश्चित करेगा. टैरिफ युद्ध में किसी की जीत नहीं होती. जबरदस्ती और दबाव की नीति से कुछ हासिल नहीं होता. चीन अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और विकास से जुड़े हितों की मजबूती से रक्षा करेगा.”