July 7, 2024
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खटास संबंधों के बीच आर्मी चीफ अमेरिका में

हाल के महीनों में संबंधों में आई खटास के बीच थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे अमेरिका के दौरे पर जा रहे हैं. हिंद प्रशांत क्षेत्र यानी इंडो पैसिफिक रीजन में भारत और अमेरिका अहम रणनीतिक साझेदार हैं. ऐसे में आर्मी चीफ का ये दौरा बेहद अहम माना जा रहा है.

वैश्विक मंच पर भले ही भारत और अमेरिका के बीच सब कुछ अच्छा दिख रहा हो पर कुछ मुद्दों को लेकर भारत और अमेरिका के बीच दरार जरुर आई है. हाल ही में भारत और अमेरिका में रुके हुए एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन समझौते पर भी अंतिम मुहर लगाई गई है. एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन की खरीद पर उस वक्त खटाई में पड़ गई थी, जब खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत पन्नू को लेकर अमेरिका ने भारत पर गंभीर आरोप लगा दिए थे.

माना जा रहा था कि खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की कथित हत्या की साजिश को लेकर अमेरिका ने भारत को एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन की बिक्री रोक दी थी. पर अब सौदे को हरी झंडी मिल गई है, और भारत 3.99 बिलियन डॉलर की अनुमानित लागत पर 31 ड्रोन को खरीद रहा है,  इस पैकेज में कई तरह के सेंसर और मिसाइल भी शामिल हैं.  साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के गणतंत्र दिवस समारोह में शिरकत ना करने का कारण भी गुरपतवंत सिंह पन्नू ही माना जा रहा है. (पन्नू नहीं आया MQ-9 डील के आड़े)

यूएस चीफ ऑफ स्टाफ से मुलाकात होगी, क्या बात होगी ?
13-16 फरवरी तक आर्मी चीफ मनोज पांडे का अमेरिका दौरा बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इस दौरान सेनाध्यक्ष और अमेरिकी के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल रैंडी जॉर्ज और दूसरे वरिष्ठ अमेरिकी सैन्य अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय चर्चा और बातचीत में शामिल होंगे. यह यात्रा भारत और अमेरिका के बीच मजबूत सैन्य सहयोग और रणनीतिक साझेदारी के लिए बेहद अहम है. बैठक का उद्देश्य भारत और अमेरिका के रक्षा सहयोग को और मजबूत करना और दोनों देशों की सेनाओं के बीच मजबूत संबंध को बढ़ावा देना है. सेना ने बयान जारी करते हुए कहा है कि जनरल मनोज पांडे और जनरल रैंडी जॉर्ज की बैठक भारत और अमेरिका के बीच वैश्विक शांति और सुरक्षा के प्रति सम्मान और आपसी प्रतिबद्धता का प्रतीक है. सेना ने कहा है कि आर्मी चीफ की अमेरिकी यात्रा भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों में एक और मील का पत्थर है जो सैन्य सहयोग बढ़ाने, वैश्विक खतरे से निपटने की रणनीति और भविष्य में सुरक्षा बल के आधुनिकीकरण की दिशा में मिलकर काम करने पर बात की जाएगी.

स्ट्राइकर का ऑफर, एमक्यू 9बी प्रीडेटर ड्रोन की डील

भारत के लिए घातक ड्रोन बेहद आवश्यक है, वो इसलिए क्योंकि पाकिस्तान के पास है दुनिया का सबसे खतरनाक ड्रोन बायरेक्टर टीबी2 आ चुका है. पाकिस्तान ने ये ड्रोन तुर्किए से लिया है. हाल में एक रिपोर्ट आई थी, कि भारत के बॉर्डर पर एयरफील्ड में तुर्किए का ड्रोन रखा गया है, जिसके बाद भारतीय सेना में भी ऐसे ड्रोन की डिमांड बढ़ गई. भारत ने अमेरिका से एमक्यू 9बी प्रीडेटर ड्रोन की डील की है. ये वही ड्रोन है, जिसकी मदद से अमेरिका ने आईएस और अल-कायदा की टॉप लीडरशिप को मारा गिराया था.
इसके अलावा अमेरिका ने भारत को स्ट्राइकर इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल यानी बख्तरबंद गाड़ी का ऑफर दिया है. स्ट्राइकर का ये वेरिएंट दुश्मनों के ड्रोन, फिक्स विंग एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर को पलक झपकते मार गिरा सकता है. इस बख्तरबंद वाहन का भारत और अमेरिका मिलकर निर्माण करेंगे. स्ट्राइकर को लेकर भी जनरल मनोज पांडे के अमेरिका दौरे में रैंडी जॉर्ज से बात हो सकती है.

सेना प्रमुख का दौरा मील का पत्थर साबित होगा
जनरल मनोज पांडे के अमेरिका दौरे को लेकर भारतीय सेना ने कहा है कि “भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों में एक और मील का पत्थर है.” जनरल मनोज पांडे और अमेरिकी सेना के वरिष्ठ नेतृत्व के बीच साझा सुरक्षा हितों और रक्षा सहयोग के लिए अनुकूल माहौल को बढ़ावा देने के मुद्दे पर बात होगी. जनरल मनोज पांडे को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा. इसके अलावा जनरल पांडे आर्लिंगटन नेशनल मेमोरियल में ‘टॉम्ब ऑफ द अननोन सोल्जर’ पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे. इस दौरान थलसेना प्रमुख पेंटागन (यूएम के रक्षा विभाग का मुख्यालय) का भी विस्तृत दौरा करेंगे.

क्या है अमेरिका का इरादा…फूट डालो राज करो ?
अमेरिका भारत के पड़ोसी देश मालदीव से ऐसे वक्त में दोस्ती गांठने लगा है, जब भारत और मालदीव के बीच संबंध खराब दौर में है. अमेरिका ने मालदीव की जमकर तारीफ की है. अमेरिका ने कहा है कि मालदीव इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को स्वतंत्र, सुरक्षित और समृद्ध रखने के लिए एक प्रमुख भागीदार है. अमेरिका ने कहा है कि मालदीव के साथ सहयोग को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो एक स्वतंत्र और समृद्ध भारत-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने में एक प्रमुख भागीदार है. अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने 29 से 31 जनवरी तक मालदीव का दौरा किया था.

वहीं अमेरिका ने भारत की भी तारीफ की है. व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता एड्रिएन वाटसन ने कहा है कि “हिंद प्रशांत महासागर रणनीति की वजह से अमेरिका और हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र ज्यादा सुरक्षित, समृद्ध हुआ है. भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध भी अभूतपूर्व तरीके से आगे बढ़ रहे हैं, ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान के साथ भी हिंद प्रशांत महासागर की सुरक्षा को मजबूत किया गया है.”

 

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