अमेरिका और ईरान के बीच तल्खी बढ़ती ही जा रही है. ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का जोरदार स्वागत करने वाले पाकिस्तान पर अमेरिका ने फटकार लगाने के बाद व्यापारिक कंपनियों पर शिकंजा कसा है. अमेरिका ने ईरानी सेना की ओर से अवैध व्यापार और यूएवी की आपूर्ति करने को लेकर एक दर्जन से अधिक कंपनियों, व्यक्तियों और जहाजों पर बैन लगा दिया है. बैन की गई कंपनियों की लिस्ट में भारत की भी तीन कंपनियां शामिल हैं. अमेरिका के वित्त विभाग का दावा है कि इन कंपनियों, व्यक्तियों और जहाजों ने यूक्रेन में रूस द्वारा छेड़ी गई लड़ाई में ईरानी यूएवी की सीक्रेट बिक्री में अहम भूमिका निभाई है.
भारत की कौन सी कंपनियां बैन ?
जिन भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, उनमें जेन शिपिंग, पोर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटिड और सी आर्ट शिप मैनेजमेंट कंपनी शामिल है. अमेरिका के मुताबिक, ये कंपनियां गुप्त तरह से रूस तक ईरानी ड्रोन की डिलीवरी में अहम भूमिका निभाते हैं और रूस इन ड्रोन का इस्तेमाल यूक्रेन के खिलाफ जंग में करता है. ईरान की कंपनी सहारा थंडर ईरान की सेना के लिए काम करती है. सहारा थंडर ईरान के हजारों यूएवी के डिजाइन, विकास, निर्माण और बिक्री में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. सहारा थंडर ईरानी रक्षा मंत्रालय के लिए ईरानी सामानों की सेल और शिपमेंट का काम करती है. यह शिपमेंट रूस के अलावा चीन और वेनेजुएला तक भी पहुंचाया जाता है. ईरान की सहारा थंडर कंपनी ने सीएचईएम जहाज के लिए भारत की जेन शिपिंग और पोर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटिड के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन किया. इस जहाज को यूएई की एक कंपनी ऑपरेट करती है. सहारा थंडर ने साल 2022 से सीएचईएम जहाज को कई देशों में शिपमेंट डिलीवरी करवाने के लिए इस्तेमाल किया है. इसके अलावा भारत की तीसरी कंपनी सी आर्ट शिप मैनेजमेंट यूएई की कंपनी के साथ मिलकर सहारा थंडर को शिप मैनेजमेंट सेवाएं देती है.
ईरान आतंकवादियों को सैन्य हथियार देता है: अमेरिका
कंपनियों के बैन करने को अमेरिका के टेररिज्म एंड फाइनेंस इंटेलिजेंस के अधिकारी ब्रायन नेल्सन ने एकदम सही बताया है. ब्रायन नेल्सन के मुताबिक, “ईरान लगातार क्षेत्र में अस्थिरता फैलाने का काम कर रहा है. ईरान का रक्षा मंत्रालय यूक्रेन में रूस के युद्ध, इजरायल पर हमले और आतंकवादियों के लिए यूएवी और दूसरे खतरनाक सैन्य हार्डवेयर देकर क्षेत्र और दुनिया को अस्थिर करता है. अमेरिका लगातार ब्रिटेन और कनाडा के साथ मिलकर उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करता रहेगा, जो ईरान के मंसूबों को पूरा करने में मदद कर रहे हैं.”
पाकिस्तान को अमेरिका ने लताड़ा
कंपनियों पर बैन से पहले अमेरिका ने पाकिस्तान को भी ईरान के साथ बिजनेस डील करने पर जमकर लताड़ा था. ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी 22 अप्रैल को 3 दिन के दौरे पर पाकिस्तान पहुंचे थे. इस दौरान पाकिस्तान और ईरान में कई ट्रेड सहमति बनी. अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को वॉर्निंग देते हुए कहा था कि जो भी ईरान से व्यापार करेगा, उसपर कई प्रतिबंध लगाए जाएंगे.
चीन और बेलारूस की कंपनी पर बैन
हाल ही में अमेरिका ने पाकिस्तान को बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के लिए उपकरण मुहैया कराने को लेकर चीन की तीन कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगा दिया था. चीनी कंपनियों के अलावा बेलारूस की भी एक कंपनी पर बैन लगाया गया था. अमेरिका के विदेश विभाग ने कंपनियों के बैन के बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि चीन पाकिस्तान को बैलिस्टिक मिसाइल बनाने में मदद मुहैया करा रहा था. इसलिए चीनी कंपनियों पर बैन लगाया गया.