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तंजानिया को बुलेटप्रूफ जैकेट, अफ्रीका से मिलिट्री डिप्लोमेसी

अफ्रीकी देशों के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने की दिशा में भारत, तंजानिया को स्वदेशी बुलेटप्रूफ जैकेट देने जा रहा है. साथ ही तंजानिया स्थित भारतीय उच्चायोग में पहली बार ‘डिफेंस विंग’ बनाई जा रही है. इस डिफेंस विंग का उद्घाटन करने के लिए खुद डीआईए चीफ दार एस सलाम की तीन दिवसीय यात्रा पर जा रहे हैं. 

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी (डीआईए) के डीजी लेफ्टिनेंट जनरल डी एस राणा सोमवार से तंजानिया की यात्रा पर जा रहे हैं (13-15 मई). इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करना और क्षेत्रीय सुरक्षा पर चर्चा करने के साथ ही भारत और तंजानिया की सामरिक साझेदारी को मजबूत करना है. 

डीआईए चीफ अपनी यात्रा के दौरान तंजानिया के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल जैकब जॉन मकुंडा और अपने समकक्ष मेजर जनरल एम एन मेकरेमी से मुलाकात करेंगे. इसके साथ ही लेफ्टिनेंट जनरल राणा तंजानिया की राजधानी दार एस सलाम में भारतीय उच्चायोग में डिफेंस विंग का उद्घाटन करेंगे. इसके मायने ये है कि पहली बार तंजानिया में भारतीय ‘डिफेंस अटैचे’ (डीए) तैनात किया जाएगा. भारतीय नौसेना के कमांडर रैंक के अधिकारी को दार एस सलाम में डीए बनाया जा रहा है. 

दरअसल, अफ्रीकी देशों से रक्षा और सैन्य सहयोग बढ़ाने की दिशा में भारत अब अलग-अलग देशों में अपने डीए तैनात करने की तैयारी कर रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘ग्लोबल साउथ’ और ‘जी-20’ में अफ्रीका की भागीदारी के साथ भारत की मिलिट्री डिप्लोमेटी में अब अफ्रीका महाद्वीप प्राथमिकता पर है. यही वजह है कि अफ्रीकी देश तंजानिया, जिबूती, मोजाम्बिक, आईवरी कोस्ट और इथोपिया में अलग से डीए तैनात किए जा रहे हैं (https://x.com/HQ_IDS_India/status/1783891943212417362).

दरअसल, प्रमुख देशों में स्थापित दूतावास और उच्चायोग में डिफेंस विंग होती है जहां डीए तैनात होते हैं. ये डीए थलसेना, वायुसेना और नौसेना के अधिकारी होते हैं. जिन देशों के साथ भारत का समुद्री सहयोग रहता है वहां नौसेना के अधिकारियों को डीए (या एनए यानी नेवल अटैचे) तैनात किए जाते हैं. डीए के कंधों पर उस देश के साथ भारत की मिलिट्री एक्सरसाइज, डिफेंस टेक्नोलॉजी में सहयोग और हथियारों का आयात-निर्यात शामिल होता है. क्योंकि अब भारत, तंजानिया को बुलेटप्रूफ जैकेट देने जा रहा है, ऐसे में वहां अलग से डीए तैनात करने की जरूरत आन पड़ी है. साथ ही पश्चिमी हिंद महासागर का देश होने के नाते तंजानिया के साथ सोमालियाई समुद्री लुटेरों को काबू करने और अरब सागर की सुरक्षा में भी सहयोग किया जा सकता है. 

पिछले कुछ सालों से भारत ने अफ्रीकी देशों के साथ साझा युद्धाभ्यास (‘अफ्रीका इंडिया डिफेंस एक्सरसाइज’ यानी एएफआईएनडीएक्स) करना शुरु कर दिया है. इसके साथ ही डिफेंस एक्सपो के दौरान खास ‘डिफेंस मिनिस्टर कॉन्क्लेव’ और ‘चीफ-कॉन्क्लेव’ का आयोजन किया जाता है. भारतीय नौसेना, तंजानिया और मोजाम्बिक की नेवी के साथ मिलकर ‘आईएमटी-ट्रिलैटरल’ मेरीटाइम एक्सरसाइज भी करती है. 

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, दौरे के दौरान डीआईए चीफ तंजानिया के कमांड एंड स्टाफ कॉलेज (सीएससी) अरूषा में भारतीय सहयोग से बनी एक लाईब्रेरी का भी उद्घाटन करेंगे और जिम की नींव रखेंगे. 

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