रूस के साथ संबंध बिगाड़ने के बाद बाइडेन प्रशासन जाते-जाते भारत के साथ भी तल्खी बढ़ाने पर तुल गया है. पहले भारतीय अरबपति गौतम अदाणी के खिलाफ वारंट जारी किया गया तो दो दिन बाद ही भारत के एक बिजनेसमैन पर रूस की कंपनियों के लिए अमेरिकी एविएशन उपकरण सप्लाई करने काे आरोप में गिरफ्तार कर लिया है.
निर्यात नियंत्रण कानून के उल्लंघन के तहत अमेरिकी पुलिस ने राजधानी दिल्ली में एविशन कंपनी चलाने वाले संजय कौशिश नाम के बिजनेसमैन को गिरफ्तार कियाहै. अमेरिकी न्याय विभाग ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध शुरु होने के बाद मार्च 2023 में संजय कौशिक ने कई लोगों के साथ साजिश रची. संजय कौशिश नेअवैध तरीके से अमेरिकी एयरोस्पेस तकनीक हासिल की और रूस को देने की कोशिश की.
भारतीय की अमेरिका में गिरफ्तारी, क्या हैं आरोप
अमेरिकी पुलिस ने संजय कौशिक को उस वक्त गिरफ्तार किया, जब वे दिल्ली से अमेरिका एक आधिकारिक यात्रा पर पहुंचे थे. संजय कौशिक दिल्ली एयरपोर्ट के करीब अरेजो नाम की एक एविशन कंपनी चलाते हैं. ये कंपनी, एयर चार्टर सुविधा के साथ-साथ एविशन उपकरण और तकनीक की सेल्स भी करती है.
अमेरिकी न्याय विभाग के मुताबिक, संजय कौशिक को मियामी से 17 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद से संजय कौशिक ओरेगॉन जेल में बंद है. शुक्रवार (20 नवंबर) को एक अमेरिकी कोर्ट ने संजय को आरोपित घोषित किया.कोर्ट में कहा गया है कि संजय कौशिक अवैध खरीद करने वाले गिरोह का सदस्य है, जो रूस की कंपनियों के लिए अवैध रूप से अमेरिकी विमानन सामान और टेक्नोलॉजी लेता है. (https://www.justice.gov/opa/pr/indian-national-charged-conspiring-illegally-export-us-aviation-components-russia)
अमेरिका में रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारतीय पर क्या गंभीर आरोप लगाए
अमेरिकी न्याय विभाग का आरोप है, संजय कौशिक ने अमेरिका से सभी कलपुर्जे और तकनीक हासिल की, कि उनकी भारत में एक प्राइवेट हेलीकॉप्टर फर्म है. हालांकि, जांच में सब झूठ पाया गया. संजय कौशिक की फर्म ने लाइसेंस का उल्लंघन करते हुए अमेरिका से रूस के लिए सामान भेजा पर अमेरिकी एजेंसियों ने सारे सामान को रूस पहुंचने से पहले ही रोक लिया.
अमेरिका में संजय कौशिक पर जो आरोप लगाए गए हैं, उनमें अमेरिकी एजेंसी ने कहा है कि संजय कौशिक ने अमेरिका से एटीट्यूड हेडिंग रेफरेंस सिस्टम (एएचआरएस) लिया. ये उपकरण विमानों में लगाया जाता है, जिससे ये पता किया जा सकता है कि विमान कितनी ऊंचाई पर उड़ रहा है. साथ ही ये भी पता चलता है कि विमान किस दिशा में जा रहा है.
संजय कौशिक ने ये तकनीक और कलपुर्जे रूस को भेजने की कोशिश की थी, जो वर्तमान समय में बिना परमिशन नहीं दी जा सकती है. अमेरिका के अनुमति के बिना इस तकनीक को रूस को नहीं बेचा जा सकता है. अगर अमेरिका के आरोप सही पाए गए तो संजय कौशिक को 20 साल तक की सजा हो सकती है.
क्या जानबूझकर संबंध खराब करने पर तुले हैं बाइडेन?
जनवरी में अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की ताजपोशी होनी है. हालांकि, अभी जो बाइडेन ही अमेरिका के राष्ट्रपति हैं. पिछले 10 दिनों से जो बाइडेन प्रशासन से ऐसे कई फैसले लिए हैं, जो आगे चलकर ट्रंप प्रशासन की मुश्किलें बढ़ा सकती हैं. मसलन ट्रंप रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकना चाहते हैं, पर उनके कुर्सी पर काबिज होने से पहले बाइडेन ने रूस के खिलाफ यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइल के इस्तेमाल की इजाजत देकर युद्ध को भड़का दिया है.
वहीं भारतीय उद्योगपति गौतम अदाणी, जिन्होंने ट्रंप प्रशासन से निवेश का वादा किया है, उनके खिलाफ भी बाइडेन प्रशासन ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाकर वारंट जारी किया है. कुछ दिनों पहले भारत के मोस्ट वांटेड गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के आरोपों पर एनएसए डोवल के खिलाफ भी वारंट जारी किया, तो अब भारतीय बिजनेसमैन की गिरफ्तारी कर युद्ध में रूस को टेक्नोलॉजी देने के गंभीर आरोप लगाए हैं.
इन एक्शन से एक बात तो साफ हो गई है कि बाइडेन प्रशासन रिश्तों को डैमेज करने में जुटा हुआ है. साथ ही देर से ही सही पर जो बाइडेन और उनके प्रशासन का दोहरा चेहरा सबके सामने उजागर हुआ है.