इजरायल-हिजबुल्लाह के जंग के मैदान से भारत ने अपने एक घायल सैनिकों को सुरक्षित निकालकर स्वदेश लाने का जोखिम कार्य किया है. इजरायल-लेबनान सीमा पर विवादित गोलन हाइट्स में तैनात हवलदार सुरेश आर को भारतीय वायुसेना के सी-130 एयर एम्बुलेंस से दिल्ली लाया गया है.
गोलन हाइट्स एक विवादित क्षेत्र है जहां संयुक्त राष्ट्र की ‘डिसएंगेजमेंट ऑर्ब्जवर फोर्स’ (यूएनडीओएफ) तैनात रहती है. भारतीय सेना की एक टुकड़ी इस यूएनडीओएफ का अहम हिस्सा है. इनदिनों इजरायल और लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के बीच चल रही जंग की आग गोलन हाईट्स तक पहुंच रही है. इसी दौरान भारतीय सेना की टुकड़ी का हिस्सा हवलदार सुरेश जंग की चपेट में आ गए थे.
हवलदार सुरेश के सिर में करीब एक महीने पहले चोट लगी थी जिसके कारण पहले उन्हें इजरायल के हाइफा स्थित अस्पताल में भर्ती किया गया था. जानकारी के मुताबिक, सिर में चोट लगने के कारण वे डिस-ओरिएंट हो गए थे और समय, स्थान और लोगों को ठीक से पहचान नहीं पाते थे. ऐसे में 20 अगस्त से 20 सितंबर तक सुरेश हाइफा के अस्पताल में भर्ती रहे.
20 सितंबर को हवलदार सुरेश को गोलन हाईट्स के इजरायल के कब्जे वाले विवादित इलाके के एक अस्पताल में भर्ती किया गया.
घायल सैनिक की मेडिकल हालत को देखते हुए भारत लाने का फैसला लिया गया. ऐसे में भारतीय सेना ने विदेश मंत्रालय, वायुसेना और आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल सर्विस से संपर्क साधा और दिल्ली स्थित आरएंडआर हॉस्पिटल लाने का प्लान तैयार किया गया.
भारतीय वायुसेना की एयर एम्बुलेंस को वॉर-जोन में भेजने की तैयारी हुई. इनदिनों इजरायल की डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) और हिजबुल्लाह के बीच जबरदस्त जंग चल रही है. दोनों ही पक्ष एक दूसरे पर रॉकेट, मिसाइल और ड्रोन से अटैक कर रहे हैं. साथ ही आईडीएफ ने हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हवाई हमले भी किए हैं. इन रॉकेट और मिसाइलों के बीच वायुसेना का सी-130 एयर एम्बुलेंस हवलदार सुरेश को लेकर पहले तेल अवीव पहुंचा और फिर वहां से गुजरात स्थित जामनगर एयर बेस.
एयर एम्बुलेंस में भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल (डॉक्टर) अनुज सिंह और क्रिटिकल केयर एयर इवेक्युएशन टीम भी मौजूद थी. एयर एम्बुलेंस ने तेल अवीव से रात 1.20 बजे पर उड़ान भरी और गुरुवार की सुबह 10 बजे जामनगर पहुंच गए.
दोपहर 2 बजे एयर एम्बुलेंस पालम (दिल्ली) एयर बेस पहुंची और फिर वहां से सीधे आर्मी के आरएंडआर (रिसर्च एंड रेफरल) हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया गया. भारतीय सेना के मुताबिक, फिलहाल घायल सैनिक की स्थिति स्थिर है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विदेशी मिशन में घायल सैनिक हवलदार सुरेश आर को ‘निकालने की योजना बनाने’ और उसे ‘सफलतापूर्वक क्रियान्वित’ करने में उल्लेखनीय एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए सशस्त्र बलों को बधाई दी.
रक्षा मंत्री ने कहा कि “हमें अपने सशस्त्र बलों पर गर्व है जिन्होंने एक बार फिर सैनिकों की हमेशा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी अटूट प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है.”
ये कोई पहला मामला नहीं है जब इजरायल के वॉर-जोन में भारत से जुड़ा कोई सैनिक हताहत हुआ है. इसी साल मई के महीने में भारतीय सेना के एक पूर्व कर्नल राफा में वीरगति को प्राप्त हुए थे. भारतीय सेना से सेवानिवृत होने के बाद कर्नल वैभव काले (रिटायर) संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की तरफ से गाजा में ऑब्जर्बर के तौर पर तैनात थे. घटना के दिन, कर्नल काले एक अन्य यूएनकर्मी के साथ राफा के अस्पताल के दौरे पर जा रहे थे. उसी वक्त टैंक के एक गोले ने उनकी कार पर हमला किया जिसमें उनकी मौत हो गई थी. (गाजा में भारत के रिटायर्ड कर्नल को वीरगति, UN ऑब्जर्वर के तौर पर थे तैनात)