मिडिल ईस्ट संकट के बीच भारतीय नौसेना के तीन ट्रेनिंग युद्धपोत ईरान के बंदर अब्बास बंदरगाह पहुंचे हैं. ये तीनों जहाज फारस की खाड़ी में लॉन्ग रेंज तैनात होने के लिए पहुंचे हैं ताकि ईरानी नौसेना के साथ साझा ट्रेनिंग कर सके.
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता, कमांडर विवेक मधवाल के मुताबिक, जो तीन युद्धपोत बंदर अब्बास पहुंचे हैं, वे फर्स्ट ट्रेनिंग स्क्वाड्रन (1 टीएस) का हिस्सा हैं. इनमें से दो जहाज, आईएनएस तीर और आईएनएस शार्दुल नौसेना के हैं और एक आईसीजीएस वीरा भारतीय तटरक्षक बल का है.
बंदर अब्बास पहुंचने पर ईरान के आईआरआई शिप ज़ेरह ने तीनों भारतीय जहाज को एस्कॉर्ट किया और स्वागत भी किया.
ईरान दौरे के दौरान भारतीय नौसेना के तीनों जहाज ईरान की नेवी के साथ मेरीटाइम सुरक्षा और इंटरऑपरेबिलिटी के साथ-साथ प्रोफेशनल एक्सचेंज, क्रॉस ट्रेनिंग विजिट और मेरीटाइम पार्टनरशिप एक्सरसाइज में हिस्सा लेंगे.
सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर आतंकवाद के खिलाफ जंग को पूर्ण-युद्ध में तब्दील करने से रोकने का आह्वान किया था. क्योंकि फोन कॉल से पहले नेतन्याहू ने एक वीडियो संदेश में ईरान पर हमला करने का संकेत दिया था. (इजरायल को जंग में मिला भारत का साथ, मोदी-नेतन्याहू की फोन कॉल)
आतंकी संगठन हमास, हिजबुल्लाह और हूती विद्रोहियों को सबक सिखाने के बाद इजरायल अब ईरान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है.
ऐसे में ईरान के बंदरगाह पर भारतीय ट्रेनिंग जहाज का पहुंचना मायने रखता है. क्योंकि ईरान के चाबहार पोर्ट के संचालन की जिम्मेदारी भी भारत के पास है.
भारत और ईरान के बीच मजबूत समुद्री संबंध हैं. इसी साल मार्च के महीने में ईरान के ट्रेनिंग जहाज बुशहर और टॉन्ब मुंबई में एक साझा प्रशिक्षण के लिए आए थे. आईआरआई शिप डेना भी इसी साल फरवरी के महीने में भारतीय नौसेना द्वारा आयोजित मल्टीलेटरल युद्धाभ्यास मिलन-24 में हिस्सा लेने विशाखापट्टनम आया था.