ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना और मंगोलियाई सेना के बीच बड़ा युद्धाभ्यास किया गया है. नोमैडिक एलीफेंट के नाम से उलानबातार में चल रहे युद्धाभ्यास के दौरान दोनों देशों के सेनाओं ने आतंकवाद रोधी अभियानों और सटीक निशानेबाजी की सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान किया है. यह संयुक्त अभ्यास का 17वां संस्करण है, जो 13 जून तक मंगोलिया के विशेष बल प्रशिक्षण केंद्र में चलेगा.
भारत-मंगोलिया की सेनाओं की स्पेशल ट्रेनिंग
भारत और मंगोलिया के सैन्य दल मंगोलिया की राजधानी उलानबातार में चल रहे द्विपक्षीय अभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं. संयुक्त अभ्यास के जरिए दोनों देश अपनी मौजूदा सुरक्षा चुनौतियों का प्रभावी जवाब देने की क्षमता को मजबूत कर रहे हैं. नोमैडिक एलीफेंट का लक्ष्य भारत-मंगोलिया की सेना के बीच तालमेल बढ़ाना है.
नोमैडिक एलीफेंट पर सेना ने क्या जानकारी दी
यह अभ्यास संयुक्त राष्ट्र के तहत अर्ध-शहरी और पहाड़ी इलाकों में गैर-परंपरागत अभियानों पर केंद्रित है और इसका मकसद दोनों देशों की कार्यक्षमता बढ़ाना है. यह दो सप्ताह का अभ्यास हर साल भारत और मंगोलिया में बारी-बारी से होता है. पिछला संस्करण जुलाई 2024 में मेघालय के उमरोई में आयोजित किया गया था. यह अभ्यास भारत और मंगोलिया के बढ़ते रक्षा सहयोग को दर्शाता है.
क्यों अहम है भारत-मंगोलिया का सैन्य अभ्यास
सेना के अधिकारी के मुताबिक, यह अभ्यास इसलिए खास है क्योंकि यह संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशनों की तरह है. ये मिशन वास्तविक दुनिया में होते हैं, जहां कई देशों की सेनाएं अलग-अलग और मुश्किल हालात में साथ मिलकर काम करती हैं. सैनिक संयुक्त अभ्यासों के माध्यम से बदलते सुरक्षा परिदृश्य में प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया देने की क्षमता को बढ़ा सकते हैं.
‘नोमैडिक एलीफेंट’ अभ्यास में युद्ध प्रशिक्षण के साथ-साथ दोनों देशों के सैनिकों के बीच सांस्कृतिक समझ और दोस्ती को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया जा रहा है.भारत और मंगोलिया के सैनिकों ने अपने-अपने सांस्कृतिक पहलुओं को प्रस्तुत किया.