July 5, 2024
XYZ 123, Noida Sector 63, UP-201301
Alert Breaking News Defence Weapons

समंदर में संहार के लिए तैयार वरुणास्त्र

 समंदर में बढ़ते खतरों को देखते हुए भारतीय नौसेना लगातार अपनी ताकत बढ़ा रही है और वो भी आत्मनिर्भर होते हुए. ऐसे में भारतीय नौसेना ने चुना है भारतीय टॉरपीडो ‘वरुणास्त्र’ को. इंडियन नेवी चाहती है कि कलवरी क्लास की सभी पनडुब्बियों में लंबी दूरी के स्वदेशी टॉरपीडो लगाए जाएं. विदेशों से भी टॉरपीडो खरीदने का प्लान है, लेकिन कोशिश है कि पहले स्वदेशी वरुणास्त्र को चुना जाए. प्रस्ताव को अगले हफ्ते रक्षा मंत्रालय के उच्च-स्तरीय मीटिंग में पेश किया जाएगा. नेवी का प्रस्ताव है कि दुनियाभर के 48 टॉरपीडो में से किसी को चुना जाए पर प्राथमिकता वरुणास्त्र की है. 

वरुणास्त्र करेगा दुश्मनों का नाश
दस्यु के नाशक और देवताओं की रक्षक वरुण के नाम पर वरुणास्त्र को डीआरडीओ ने की नेवल साइन्स एंड टेक्नोलॉजिकल लैबोरेटरी ने बनाया है. वरुणास्त्र हेवीवेट एंटी सबमरीन टॉरपीडो है. वरुणास्त्र ने पिछले साल जून के महीने में ट्रायल के दौरान अंडरवाटर टारगेट का सटीक निशाना लगाया था. नेवी ने वरुणास्त्र का वीडियो पर भी जारी किया था. नेवी ने वरुणास्त्र को मील का पत्थर बताया है. जहाज से लॉन्च होने वाले वरुणास्त्र के वर्जन को साल 2016 में नेवी में शामिल किया जा चुका है. तत्कालीन रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने वरुणास्त्र को नेवी में शामिल करने की हरी झंडी दिखाई थी. 

क्या है वरुणास्त्र की ताकत?
डीआरडीओ द्वारा बनाई गई वरुणास्त्र एडवांस्ड ऑटोनॉमस हैवीवेट एंटी-सबमरीन टॉरपीडो है. 25.5 फीट लंबे इस टॉरपीडो का वजन 1500 किलोग्राम है. इलेक्ट्रिक इंजन से चलने वाली इस टॉरपीडो में 250 किलोग्राम का हाई एक्सप्लोसिव वॉरहेड लगाया जाता है. वरुणास्त्र की खासियत ये है कि इसकी रेंज 40-50 किलोमीटर तक हो सकती है. 600 मीटर की गहराई और 40 नॉट्स की स्पीड में टारगेट को भेद सकता है. अधिकतम 2000 फीट गहराई तक जा सकता है. अभी इस टॉरपीडो को विशाखापट्नम क्लास, दिल्ली क्लास, कोलकाता क्लास, राजपूत क्लास और कमोरता क्लास के डिस्ट्रॉयर्स में लगाया गया है. इसके अलावा नीलगिरि और तलवार क्लास में भी टॉरपीडो लगा है. वरुणास्त्र दुनिया का इकलौता टॉरपीडो है जिसमें GPS आधारित लोकेटिंग एड सिस्टम है.

वरुणास्त्र इस समय की जरूरत है. नेवी को और मजबूत बनाने के लिए वरुणास्त्र पर अगले सप्ताह अहम फैसला होगा. ये तो तय है कि डीआरडीओ के वरुणास्त्र में ऐसा दम है कि दुश्मन भले ही समुद्र में छिपा हो, भारतीय नेवी का ‘वरुणास्त्र’ ना सिर्फ उसे ढूंढ लेगा बल्कि उड़ा भी देगा. 

 

ReplyForwardAdd reaction
ReplyForwardAdd reaction

 

ReplyForwardAdd reaction

 

ReplyForwardAdd reaction
ReplyForwardAdd reaction

editor
India's premier platform for defence, security, conflict, strategic affairs and geopolitics.