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सात समंदर पार फ्रांस के साथ हुई वरुण एक्सरसाइज

भारतीय नौसेना ने फ्रांसीसी नौसेना के साथ साझा युद्धाभ्यास वरुण के दौरान समंदर के साथ-साथ समंदर के नीचे और आकाश यानी तीन डोमेन में अपने युद्ध-कौशल को परखा है. दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच वरुण एक्सरसाइज को भूमध्य सागर में आयोजित की गई (2-4 सितंबर).

भारत और फ्रांस की नौसेनाओं के संबंधों में रीढ़ की हड्डी का काम करने वाली वरुण एक्सरसाइज का ये 22 वां संस्करण था. पहली बार वर्ष 2001 में वरुण एक्सरसाइज का आयोजन किया गया था. इस साल भारतीय नौसेना की तरफ से आईएनएस तबर फ्रंटलाइन स्टील्थ फ्रिगेट (युद्धपोत) और लॉन्ग रेंज मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट पी-8आई ने हिस्सा लिया. तबर पर हेलीकॉप्टर भी तैनात रहता है.

फ्रांसीसी नौसेना की तरफ से एफएस प्रोविंस युद्धपोत, सफरीन पनडुब्बी, एफ-20 एयरक्राफ्ट, एटलांटिक-2, एमबी 339 फाइटर जेट सहित एनएच-90 और डोउफिन हेलीकॉप्टर ने शिरकत की.

भारतीय नौसेना के प्रवक्ता, कमांडर विवेक मधवाल के मुताबिक, वरुण एक्सरसाइज के इस संस्करण के दौरान टेक्टिकल मैनुवर, एडवांस एंटी-सबमरीन वारफेयर एक्सरसाइज, फ्लाइएक्स, एयर डिफेंस एक्सरसाइज, लाइव वेपन फायरिंग, फोटो-एक्स और स्टीम पास्ट जैसी ड्रिल का आयोजन किया गया. (https://x.com/FinalAssault23/status/1832079218018058296)

खास बात ये है कि भारतीय नौसेना के पी-8आई टोही विमान ने यूरोप में अपनी पहली तैनाती के साथ ही इतिहास भी रच दिया है. भारतीय नौसेना का लॉन्ग रेंज मेरीटाइम रिकोनिसेंस विमान, फ्रांस की नौसेना के साथ सालाना ‘वरुण’ एक्सरसाइज में हिस्सा लेने के लिए सोमवार को फ्रांसीसी एयरबेस 125 इस्ट्रेस-ले ट्यूब पर  पहुंचा था. 60 साल बाद नौसेना का कोई विमान फ्रांस पहुंचा था. ठीक 63 साल पहले भारतीय नौसेना के एलिज़े विमान ने आखिरी बार फ्रांस के हाइरेस एयरबेस से उड़ान भरी थी.

भारत और फ्रांस की नौसेना के बीच 1993 में शुरू में पहला युद्धाभ्यास हुआ था. वर्ष 2001 में इसे औपचारिक रूप तौर से ‘वरुण’ नाम दे दिया गया जो दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में काम कर रहा है. वार्षिक युद्धाभ्यास  मेरीटाइम सहयोग, अंतर-संचालन और परिचालन तालमेल को बढ़ावा देने पर केंद्रित होता है.

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