इंडोनेशिया भी फिलीपींस की तरह भारत के प्राइम स्ट्राइक वेपन ब्रह्मोस को खरीदने की डील लगभग पक्की करने जा रहा है. रविवार को गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान इंडोनेशियाई राष्ट्रपति प्राबोवो सुबियांतो ने कर्तव्य पथ पर खुद ब्रह्मोस मिसाइल को बेहद करीब से देखा.
खास बात ये है कि शनिवार को इंडोनेशियाई राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजदूगी में ब्रह्मोस एयरोस्पेस लिमिटेड के सीएमडी जयतीर्थ आर जोशी से मुलाकात की थी. हालांकि, इंडोनेशियाई राष्ट्रपति के इस दौरे के दौरान ब्रह्मोस सौदे को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है.
ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने इंडोनेशियाई राष्ट्रपति सुबियांतो, पीएम मोदी और डॉक्टर जोशी की एक साथ तस्वीर अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर पोस्ट कर ब्रह्मोस मिसाइल की डील को हवा दे दी है. ब्रह्मोस एयरोस्पेस ही सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का निर्माण करती है.
गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि हैं इंडोनेशियाई राष्ट्रपति सुबियांतो
भारत के सबसे करीबी समुद्री देशों में से एक इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुबियांतो के इस साल गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने से दोनों देशों के संबंधों में जबरदस्त गर्मजोशी देखने को मिली है.
जानकारी के मुताबिक, इंडोनेशिया को ब्रह्मोस मिसाइल के सौदे के लिए भारत अपने ही किसी राष्ट्रीय बैंक से लोन भी देने के लिए तैयार हो गया है. माना जा रहा है कि इंडोनेशिया के साथ ब्रह्मोस मिसाइल का ये सौदा करीब 450 मिलियन डॉलर (करीब 3877 करोड़) का होने जा रहा है.
भारत का प्राइम स्ट्राइक वेपन
दुनिया की एकमात्र सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस को भारत ने रूस की मदद से देश में ही तैयार किया है. ब्रह्मोस भारत का प्राइम स्ट्राइक वैपेन है जिसे भारत की सबसे लंबी नदी ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्कवा नदी के नामों को मिलाकर नाम दिया गया है.
माना जाता है कि दुनिया की कोई रडार और हथियार, मिसाइल सिस्टम उसे इंटरसेप्ट नहीं कर सकता है यानी एक बार ब्रह्मोस को दाग दिया तो ब्रह्मास्त्र की तरह इसे कोई नहीं रोक सकता है और अपने लक्ष्य पर ही जाकर गिरती है और टारगेट को तबाह करके ही दम लेती है. (https://x.com/BrahMosMissile/status/1883405986054205533)
फिलीपींस ने खरीदी हैं ब्रह्मोस की तीन बैटरियां
पिछले साल अप्रैल के महीने में भारत ने फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइल के एंटी-शिप वर्जन की तीन बैटरिया निर्यात की थी. इस सौदे की कीमत करीब 2700 करोड़ की थी. फिलीपींस ने अपने समुद्री-तट पर इन ब्रह्मोस मिसाइल को तैनात किया है.
फिलीपींस की तरह इंडोनेशिया की भी है चीन से तनातनी
फिलीपींस की तरह ही इंडोनेशिया का भी साउथ चाइना सी को लेकर चीन से तनातनी चल रही है. ऐसे में भारत से ब्रह्मोस मिसाइल का करार मायने रखता है. हालांकि, भारत और इंडोनेशिया ने आधिकारिक तौर से इस सौदे को लेकर कोई बयान जारी नहीं किया है.
हाल के दिनों में भारत और इंडोनेशिया के संबंध काफी मजबूत हुए हैं. पिछले साल नवंबर के महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न्यूयॉर्क में सुबियांतो से मुलाकात की थी. उस मीटिंग का एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें सुबियांतो ने जयशंकर की तारीफ की थी. (https://x.com/ANI/status/1883224805895524363)
सेना के तीनों अंग इस्तेमाल करते हैं प्राइम स्ट्राइक वेपन
ब्रह्मोस मिसाइल भारत के उन चुनिंदा हथियारों (मिसाइलों) में से एक है जिसे थलसेना, वायुसेना और नौसेना तीनों ही इस्तेमाल करती हैं. वायुसेना के फ्रंटलाइन एयरक्राफ्ट, सुखोई में भी ब्रह्मोस मिसाइल को इंटीग्रेट कर दिया गया है.
थलसेना की आर्टलरी यानि तोपखाना भी ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल करता है. नौसेना के युद्धपोतों को भी ब्रह्मोस से लैस कर दिया गया है. जिससे नौसेना के शिप और अधिक घातक बन गए हैं और समंदर से जमीन तक पर टारगेट करने में सक्षम बन गए हैं.
इंडोनेशियाई सेना की टुकड़ी भी होगी गणतंत्र दिवस परेड में शामिल
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति के साथ ही इंडोनेशियाई सेना की एक टुकड़ी और मिलिट्री बैंड भी कर्तव्य पथ पर कदम-ताल करता दिखाई पड़ा. ये टुकड़ी और बैंड खास तौर से 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के लिए राजधानी दिल्ली पहुंचा था.