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पेजर-अटैक से ज्यादा जोखिम इस ऑपरेशन में, तेहरान में घुसकर Mossad ने दिया अंजाम

लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ मोसाद के पेजर अटैक की कहानी सामने आने के बाद अब ईरान में मारे गए हमास चीफ इस्माइल हानिया की प्लानिंग का भी खुलासा हो गया है.

ईरान के अंदर घुसकर कैसे मोसाद के एजेंट ने हानिया के खिलाफ किया था सीक्रेट ऑपरेशन. ईरान में आईआरजीसी के बेहद ही सख्त सिक्योरिटी वाले गेस्ट हाउस में वो कौन था, जिसने हानिया को मारने के लिए इजरायल का साथ दिया. कितने महीने की प्लानिंग के बाद हानिया मारा गया और कैसे मारा गया, एक-एक सवालों का कड़ी दर कड़ी सच सामने आ गया है.

मोसाद के एक एजेंट ने ये खुलासा किया कि एक चूक होती तो हानिया उस रात बच सकता था. लेकिन किस्मत इजरायल के साथ थी, क्योंकि जिस कमरे में हानिया को टारगेट किया गया था, वहां का एसी (एयर कंडीशन) ऐन वक्त पर खराब हो गया था. सही वक्त पर एसी रिपेयर हो गया, नहीं तो हानिया अगर दूसरे कमरे में चला जाता तो उसकी जान बच जाती और मोसाद का ऑपरेशन फेल हो सकता था.

ईरान में कैसे मारा गया था हमास चीफ हानिया, हुआ खुलासा

इजरायल की एक विशेष रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इस्माइल हानिया की हत्या के लिए आईआरजीसी के एक सहयोगी ने साथ दिया. 31 जुलाई, 2024 को जब हानिया की हत्या हुई, तब वह तेहरान के सआदत अबाद इलाके में नेशात परिसर में रह रहा था. इस परिसर में उच्च-स्तरीय ईरानी अधिकारी और आईआरजीसी सदस्य रहते हैं, जिनकी सुरक्षा एयर डिफेंस सिस्टम से की जाती है. (https://x.com/mossadil/status/1818721547550626033?s=46)

इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल सिक्योरिटी स्टडीज के ईरान विशेषज्ञ बेनी सबती के मुताबिक, “हानिया की हत्या पेजर ऑपरेशन से भी अधिक उच्च स्तर की थी. हमने सबसे अधिक सुरक्षित ईरानी सुविधा के अंदर और बाहर से घुसपैठ की.”

हानिया सिर्फ तेहरान, इस्तांबुल और मॉस्को जाता था: एक्सपर्ट

कतर के दोहा में रहने वाला इस्माइल हानिया तीन प्रमुख शहरों की यात्रा करता था- इस्तांबुल, मॉस्को और तेहरान. रिपोर्ट में बताया गया कि कतर में इस्माइल हानिया की हत्या नहीं की जा सकती थी क्योंकि इससे बंधक मध्यस्थता प्रयासों को नुकसान पहुंचता. इसके अलावा इस्तांबुल में हत्या पर एर्दोगन के गुस्से के बहुत गंभीर परिणाम हो सकते थे.

मॉस्को में ऑपरेशन और कठिन था, लिहाजा तेहरान को टारगेट किया गया. मोसाद के एजेंट ने हानिया के रुकने के पैटर्न पर नजर रखी. एजेंट ने नेशात परिसर में हानिया की यात्राओं के पैटर्न की पहचान की. ईरान ने उन लोगों से एजेंट ने जानकारी हासिल की, जो हानिया के रुकने के बारे में बता सकते थे. पता चला कि हानिया जब भी आता है तो नेशात परिसर में रुकता है और एक ही विशेष कमरे में ठहरता है. (https://x.com/yaardabestaani/status/1793218217894084634?s=46)

आईआरजीसी में मोसाद एजेंट ने लगा ली सेंध

आईआरजीसी की एलीट फोर्स अंसार अल-महदी इकाई हानिया की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार थी. इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल सिक्योरिटी स्टडीज के ईरान विशेषज्ञ बेनी सबती ने बताया, “इन गार्डों का चयन बहुत सारे परीक्षणों और सुरक्षा जांच के बाद किया जाता है, यह सुनिश्चित करने के लिए उनका कठोर परीक्षण किया जाता है कि वे विदेशी या दुश्मन दलों के संपर्क में न हों, और वे हाथ से हाथ की लड़ाई और हथियारों में अत्यधिक कुशल हैं. उनके लिए, इस एलीट फोर्स का वरिष्ठ अधिकारी ईरान के राष्ट्रपति के बराबर महत्व रखता है”

तकिए में लगाया बम, पर एसी खराब होने से मोसाद की बढ़ी टेंशन

इस्माइल हानिया, ईरान के राष्ट्रपति पेजेश्कियान के शपथ ग्रहण के लिए पहुंचा था. ईरान में खामेनेई से मुलाकात और शपथग्रहण की ग्रुप फोटो डालने के बाद मोसाद एजेंट को ये जानकारी मिल चुकी थी कि हानिया तेहरान में है और वो नेशात परिसर के विशेष कमरे में ही रहेगा.

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हानिया के तकिए में एजेंट ने बम फिट किया था. जो रिमोट कंट्रोल था. मोसाद एजेंट की टेंशन उस वक्त बढ़ गई जब हानिया के कमरे का एसी खराब हो गया. एसी खराब होने की वजह से आशंका थी कि कि कहीं हानिया अपना कमरा बदल ले. पर ईरानी मैकेनिक ने जल्दी ही हानिया के कमरे का एयर कंडीशन सही कर दिया, जिसके बाद हानिया अपने कमरे में ही सोने चला गया.

देर रात 1.30 बजे हुआ हानिया के कमरे में धमाका

सख्त पहरे में हानिया गहरी नींद में सो रहा था और देर तार 1:30 बजे, परिसर में एक बड़ा विस्फोट हुआ. धमाके की आवाज सुनकर अफरातफरी मच गई. धमाका हानिया के कमरे में हुआ था तो फौरन अधिकारी और गार्ड्स वहां पहुंचे. धमाके के कुछ ही देर में डॉक्टर्स ने हानिया को मृत घोषित कर दिया. बताया जाता है कि सबसे पहले कमरे में हमास नेता खलील अल हय्या आया और हानिया की मौत के बाद फूट-फूट कर रोने लगा. (https://x.com/mossadil/status/1819796082706333752?s=46)

हालांकि ईरान अब तक उस शख्स की तलाश कर रहा है जिसने हानिया को मारने के लिए मोसाद की मदद की थी. कुद्स फोर्स के कमांडर इस्माइल कानी पर भी शक गहराया था. क्योंकि वो कई सप्ताह तक गायब था. सिर्फ हानिया ही नहीं बल्कि हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत के पीछे भी कानी के हाथ होने का शक जताया गया था, क्योंकि जब नसरल्लाह को मारा गया था, तब भी कानी लेबनान के बेरूत में ही मौजूद थे लेकिन इजरायल के हमले में बच गया था. (https://x.com/mossadil/status/1818936658277941270?s=46)

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