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ईरान के हाथ टॉप सीक्रेट फाइल, इजरायल से जंग तय?

By Nalini Tewari

ईरान ने दावा किया है कि उसने इजरायल की न्यूक्लियर साइट की सीक्रेट सूची हासिल कर ली है. एक सीक्रेट ऑपरेशन के तहत ईरान की खुफिया एजेंसी के पास वो फाइल है, जिसमें इजरायल के परमाणु कार्यक्रम और पश्चिमी देशों के साथ उसके संबंधों के बारे में गुप्त दस्तावेज हैं. अगर इजरायल ने भड़काया तो न्यूक्लियर साइट पर अटैक किया जाएगा. 

ईरान ने ये खुलासा ऐसे वक्त में किया है, जब हाल ही में ये जानकारी सामने आई थी कि इजरायल, ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला करने वाला है. मिडिल ईस्ट में तनातनी बढ़ चुकी है, किसी भी वक्त ईरान-इजरायल के बीच भयंकर युद्ध शुरु हो सकता है.

इजरायल के न्यूक्लियर हथियार का गुप्त खजाना मिला: ईरानी खुफिया एजेंसी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के चलते इजरायली पीएम और अपने परममित्र बेंजामिन नेतन्याहू को धमका दिया था. अब वही ईरान, इजरायल को दिखा रहा है आंखें. ईरान का कहना है कि एक गुप्त अभियान के तहत उनकी खुफिया एजेंसी के पास इजरायली न्यूक्लियर ठिकानों की डीटेल हैं.

ईरान की सुप्रीम राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एसएनएससी) का कहना है कि “देश के खुफिया बलों ने हाल ही में एक ऑपरेशन किया है और उन स्थानों की सूची हासिल की है जहां पर इजरायल के परमाणु ठिकाने हैं. ईरान के खुफिया मंत्रालय ने घोषणा की कि उसे इजरायल के परमाणु कार्यक्रम और पश्चिमी देशों के साथ उसके संबंधों के बारे में गुप्त दस्तावेजों का एक “खजाना” मिला है. ईरानी खुफिया एजेंसियों ने इस लिस्ट को ईरान की सेना को सौंप दिया है.”

ईरानी सेना की टेबल पर है इजरायली टारगेट का नक्शा:ईरानी एसएनएससी 

सुप्रीम राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने औपचारिक जानकारी देते हुए कहा, “जटिल खुफिया ऑपरेशन के माध्यम से प्राप्त जानकारी में इजरायल के छिपे हुए परमाणु स्थलों का ठिकाना भी शामिल है. ईरान के परमाणु बुनियादी ढांचे पर किसी भी इजरायली हमले के जवाब में इन गुप्त स्थलों पर हमला किया जाएगा. इजरायली टारगेट का नक्शा ईरानी सेना की टेबल पर है, और यदि इजरायल किसी भी प्रकार की आक्रामक कार्रवाई करता है तो उसके गुप्त परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया जाएगा.”

खुफिया एजेंसियों को क्या-क्या मिला, दस्तावेज सार्वजनिक करेगा ईरान

ईरान की खुफिया सेवाओं ने इजरायल के परमाणु कार्यक्रम से संबंधित “संवेदनशील दस्तावेज” हासिल किए हैं. इनमें दस्तावेज, तस्वीरें और वीडियो शामिल हैं, जो इजरायल की परमाणु परियोजनाओं और सुविधाओं से संबंधित हैं. 

ईरान के खुफिया मंत्री इस्माइल खातिब ने इजरायल के खिलाफ किए गए ऑपरेशन को महत्वपूर्ण खुफिया उपलब्धि बताया है. मंत्री के मुताबिक, “इस ऑपरेशन में हजारों पन्नों के दस्तावेज प्राप्त हुए हैं जिन्हें जल्द ही सार्वजनिक किया जाएगा. इनमें अमेरिका, यूरोप और अन्य देशों से संबंधित दस्तावेज शामिल हैं. हमारी खुफिया एजेंसी ने घुसपैठ के जरिये और स्रोतों तक पहुंचकर हासिल किया गया है.”

न्यूक्लियर रिसर्च फैसिलिटी से कुछ दस्तावेज चोरी हुए: आईएईए

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने भी इस बात की पुष्टि की है कि संवेदनशील दस्तावेज चोरी हुए हैं. ग्रॉसी के मुताबिक “इजरायल की राजधानी तेल अवीव के पास सोरेक न्यूक्लियर रिसर्च फैसिलिटी से कुछ दस्तावेजों के चोरी किए गए हैं. हमने इसका निरीक्षण किया है.” 

ग्रॉसी ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर कहा है कि “ईरान का परमाणु कार्यक्रम व्यापक और गहरा है. उसे रोकने के लिए बहुत बड़े और विनाशकारी हमले की जरूरत होगी. गहरा मतलब कई सुविधाएं बेहद अच्छी तरह से संरक्षित हैं.”

वहीं राफेल ग्रॉसी से ईरान ने सीधे तौर पर कहा है कि “अगर इजरायल उसकी परमाणु सुविधाओं पर हमला करता है तो तेहरान का परमाणु बम बनाने का इरादा और मजबूत हो सकता है.” 

इजरायल की जिस न्यूक्लियर ठिकाने से गायब दस्तावेज, उसके बारे में जानिए

आईएईए ने जिस सोरेक न्यूक्लियर रिसर्च फैसिलिटी से दस्तावेजों के चोरी होने की बात कही है, वो तेल अवीव से 20 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है. यह 1958 में इजरायल में स्थापित परमाणु विज्ञान के लिए एक राष्ट्रीय प्रयोगशाला है, जो न्यूक्लियर साइंस और फिजिक्स पर काम करती है.

इजरायल ने ईरान की न्यूक्लियर साइट पर हमले की बनाई है योजना

इजरायली सैन्य अधिकारियों ने ईरान के परमाणु स्थलों पर हमलों के लिए खुले तौर पर तैयारी की है. नातान्ज़ और फोर्डो जैसी ईरानी भूमिगत परमाणु साइट पर हमला करने के लिए इजरायली एयरफोर्स ने तैयारी की है.  

इजरायल हमेशा से ईरान के न्यूक्लियर संपन्न होने का खुले तौर पर विरोध करता है. ईरान के परमाणु वैज्ञानिक की हत्या में भी इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद का नाम आ चुका है. 

ईरान से इजरायल की नफरत का कारण ये है कि हमास, हूती और हिजबुल्ला जैसे कई आतंकी संगठनों को ईरान सपोर्ट करता है, हथियार, रॉकेट, मिसाइल मुहैया कराता है, और इन्हीं हथियारों के जरिए आतंकी संगठन इजरायल पर हमले करते हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने दी नेतन्याहू को धमकी

अमेरिका और ईरान, ओमान की मध्यस्थता में परमाणु वार्ता कर रहे हैं. ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति नहीं चाहते की इजरायल के हमले से बातचीत डीरेल हो जाए. पिछले सप्ताह ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि उन्होंने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को चेतावनी दी थी कि वो ऐसी कार्रवाई न करें जो ईरान के साथ परमाणु वार्ता को बाधित कर सकती है. 

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