गाजा में चल रही जंग के बीच अब ईरान और इजरायल में युद्ध का खतरा मंडराने लगा है. माना जा रहा है कि किसी भी वक्त ईरान इजरायल पर अटैक कर सकता है. ईरान ने युद्ध का ऐलान कर दिया है तो इजरायल ने भी अपने सैनिकों तो तैयार रहने के लिए कह दिया है. ईरान-इजरायल के तनाव को देखते हुए अमेरिका हाईअलर्ट है.
ऐसी खबरें भी सामने आई हैं कि ईरान ने इजरायल पर हमले की चेतावनी देते हुए अमेरिका को पीछे हटने को कहा है. ईरान का कहना है कि अमेरिका इस मुद्दे से अलग हट जाए, क्योंकि सीरिया अपने दूतावास पर हुए इजरायली हमले का जवाब देने वाला है.
ईरान-इजरायल के बीच युद्ध का सायरन ऐसे वक्त में बजा है जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हमास पर दबाव डालने के लिए मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी को पत्र लिखा है. बाइडेन चाहते हैं कि मिस्र और कतर के नेता मिलकर हमास पर दबाव डालें और इजरायली बंधकों की रिहाई के लिए समझौता लागू कराएं. इजरायल-हमास में चल रहे युद्ध को खत्म करने की कवायद के बीच तीसरे विश्व युद्ध की घंटी बज गई है. 1 अप्रैल को सीरिया में ईरानी दूतावास पर बड़ी एयरस्ट्राइक हुई थी, जिसमें ईरान के 2 जनरल समेत 7 सैन्य और दूसरे कर्मियों की मौत हो गई थी. ईरान एयरस्ट्राइक के लिए इजरायल को जिम्मेदार मान रहा है और बदला लेने की धमकी दी है.
इजरायल के जाल में ना फंसे अमेरिका: ईरान
मिडिल ईस्ट में लगातार बढ़ते तनाव से अमेरिका की टेँशन बढ़ गई है. ईरानी राष्ट्रपति के राजनीतिक मामलों के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद जमशीदी ने इजरायली पीएम नेतन्याहू का जिक्र करते हुए एक्स पर एक पोस्ट लिखी है. मोहम्मद जमशीदी ने लिखा है कि ‘अमेरिका को अलग हट जाना चाहिए ताकि उस पर कोई आंच न आए’ जमशीदी की इस टिप्पणी पर अमेरिका ने कोई जवाब नहीं दिया है. पर मोहम्मद जमशीदी ने इस बात का दावा किया है कि अमेरिका ने ईरान से अमेरिकी ठिकानों पर हमला नहीं करने को कहा है. अमेरिकी मीडिया का दावा है कि सीरिया के दमिश्क में हुए अटैक पर अमेरिका ने ईरान से कहा है कि उन्हें हमलों की जानकारी नहीं है.
अमेरिका की खुफिया एजेंसी को मिला खतरनाक इनपुट!
अमेरिका को खुफिया जानकारी मिली है कि ईरान एक जवाबी हमले की योजना बना रहा है. ईरान अपने खतरनाक ड्रोन और क्रूज मिसाइलों से अटैक कर सकता है. ये ड्रोन और मिसाइलें इराक, सीरिया या ईरानी क्षेत्र कहीं से भी लॉन्च की जा सकती है. इस इनपुट के बाद गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ फोन पर बात की. बातचीत में इजरायल के लिए ईरानी खतरों पर गंभीर चर्चा की गई.
ईरान की धमकी, इजरायल ने की तैयारी
ईरान की ओर से हमले की धमकी के बाद से इजरायल और चौकन्ना हो गया है. इजरायल ने अपने सैनिकों की छुट्टियों को रद्द कर दिया है. साथ ही रिजर्व फोर्स को भी बुला लिया है. इजरायल ने अपने शहरों की हवाई सुरक्षा बढ़ा दी है. शहरों के अंदर शेल्टर्स को खोल दिया है, ताकि हमलों के दौरान लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया जा सके. इसके अलावा इजरायल ने कई अहम इलाकों पर जीपीएस को ब्लॉक कर दिया है. जीपीएस ब्लॉक होने से मिसाइलें और ड्रोन भटक जाते हैं. इसके अलावा इजरायल ने पूरी दुनिया में दूतावासों को अलर्ट पर रखा है. इजरायल ने अपने राजदूतों से अनुरोध किया है कि वे अपनी सुरक्षा को देखते हुए सार्वजनिक कार्यक्रमों में न जाएं.
ईरान ने इजरायल से बदला लेने की कसम खाई
ईरान ने कॉन्सुलेट पर हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है. ईरान ने हमले की धमकी भी दी है. सीरिया में अपने दूतावास पर हमले के बाद ईरान ने कहा है कि वो युद्ध के लिए तैयार है और इजरायल को सबक सिखा कर रहेंगे. ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियान ने सीरिया में हुए अटैक के बाद कहा कि ये अंतर्राष्ट्रीय समझौतों का उल्लंघन है. गाजा में नाकाम होने के कारण बेंजामिन नेतन्याहू बौखला गए हैं. ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने भी कहा कि ईरान चुप नहीं बैठेगा.
ईरान के धमकी को लेकर अमेरिका इसलिए भी चिंतित है क्योंकि सीरिया में अमेरिका के लगभग 900 सैनिक हैं और इराक में 2,500 सैनिक हैं, साथ ही जॉर्डन में अमेरिकी की अन्य सहायता चौकियां हैं. अगर ईरान चाहे सीरिया से अटैक करें या इराक से अमेरिकी सैनिक भी चपेट में आ सकते हैं. ईरान अमेरिका को पीछे हटने का दबाव बना रहा है, यानि उसका हमला करने का प्लान तय है.