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ईरान के राष्ट्रपति की हेलीकॉप्टर क्रैश में मौत

ईरान ने राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत का ऐलान कर दिया है. सोमवार सुबह रेस्क्यू टीम के हेलीकॉप्टर क्रैश साइट पर पहुंचने के साथ ही रईसी और विदेश मंत्री हौसेन अमीर अब्दुलहियन की जिंदा रहने की उम्मीद काफी कम हो गई थी. ईरान ने इस बात की सार्वजनिक घोषणा कर दी है कि रईसी, अब्दुलहियन सहित हेलीकॉप्टर में मौजूद चार लोगों की मौत हो गई है. खराब मौसम के चलते रईसी का हेलीकॉप्टर रविवार को पूर्वी अज़रबैजान प्रांत में क्रैश हो गया था.

रविवार को ईरान के पूर्वी अज़रबैजान प्रांत में राष्ट्रपति रईसी का हेलीकॉप्टर खराब मौसम के बाद लापता हो गया था. शुरुआत में कहा गया था कि हेलीकॉप्टर ने किसी अज्ञात जगह पर हार्ड-लैंडिंग की है. तुरंत ही राहत और बचाव टीम को संभावित जगहों पर राष्ट्रपति की तलाश में भेजी गई थी. लेकिन खराब मौसम के चलते कई घंटे तक कोई अता-पता नहीं चला था. लेकिन सोमवार सुबह मौसम साफ होते ही रईसी के हेलीकॉप्टर के क्रैश होने की जानकारी सार्वजनिक कर दी गई. 

माना जा रहा है कि रेस्क्यू टीम क्रैश साइट पर पहुंच चुकी है और किसी के जिंदा होने के सबूत तलाश रही है. क्योंकि हेलीकॉप्टर में रईसी के साथ विदेश मंत्री हौसेन अमीर अब्दुलहियन और पायलट सहित कुल आधा दर्जन लोग सवार थे. जानकारी के मुताबिक, रईसी बैल 212 हेलीकॉप्टर में सवार थे. 80 के दशक में कनाडा में इस हेलीकॉप्टर का निर्माण शुरु हुआ था. 

रईसी के हेलीकॉप्टर के लापता होते ही पूरे ईरान में चिंता और सदमे की लहर दौड़ गई थी. पूरे ईरान में उनकी सलामती के लिए दुआएं हो रही थी. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने ‘एक्स’ अकाउंट पर ईरान के राष्ट्रपति की सलामती की दुआ की थी. रुस और तुर्किए जैसे देशों ने रईसी की तलाश के लिए अपनी स्पेशलाइज्ड टीमों को बचाव कार्य में लगाने की पेशकश की थी (https://x.com/narendramodi/status/1792418659803038064).

रविवार को रईसी और उनके मंत्रिमंडल के सदस्य अजरबैजान की मदद से पूर्वी अज़रबैजान प्रांत (ईरान का उत्तर पश्चिमी प्रांत) में बने एक डैम के उद्घाटन के बाद राजधानी तेहरान लौट रहे थे. ये सभी तीन अलग-अलग हेलीकॉप्टर में मौजूद थे. दो हेलीकॉप्टर तो गंतव्य तक पहुंच गए लेकिन रईसी के हेलीकॉप्टर के बारे में बताया गया कि खराब मौसम के चलते हार्ड लैंडिंग करनी पड़ी. हालांकि, ये साफ नहीं हो पाया है कि ये हार्ड-लैंडिंग कहां हुई है. 

रईसी के हेलीकॉप्टर की तबरीज (पूर्वी अज़रबैजान प्रांत की राजधानी) के किसी अज्ञात जगह पर हार्ड-लैंडिंग की खबर मिलती ही ईरान का पूरा तंत्र हरकत में आ गया. आनन-फानन में एक दर्जन से भी ज्यादा टीमों को एंबुलेंस, बसों और स्निफर डॉग्स के साथ संभावित जगहों पर रवाना किया गया. पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरु हो चुका है. सर्च ऑपरेशन के वीडियो भी सामने आए हैं जिनमें खराब मौसम साफ तौर से दिखाई पड़ रहा है. 

जानकारी के मुताबिक, डैम के उद्घाटन स्थल से जब रईसी के हेलीकॉप्टर ने टेक-ऑफ किया था तो मौसम साफ था लेकिन मिड-एयर अचानक स्थिति बदल गई. ऐसे में इस बात की आशंका है कि खराब मौसम के चलते ही पायलट ने किसी अज्ञात जगह पर लैंडिंग कराने की कोशिश की लेकिन हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया. 

रईसी वर्ष 2021 में ईरान के राष्ट्रपति बने थे. उन्हें ईरान के सबसे बड़े धार्मिक-गुरु आयतुल्लाह खामेनेई का दाया हाथ माना जाता था. वे ईरान में खामेनेई से एक पद नीचे थे. राष्ट्रपति बनने से पहले रईसी खुद एक कट्टर धार्मिक-स्कोलर थे. उनके सत्ता संभालने के बाद से ईरान की महिलाओं पर कई तरह की पाबंदियां लगाई गई. जिसके चलते ईरान में महिलाओं ने जबरदस्त विरोध किया. अमेरिका ने ईरान सहित रईसी पर कई तरह की पाबंदियां लगा रखी थी. 

रईसी के सत्ता में रहने के दौरान ईरान ने चीन और रुस से नजदीकियां बढ़ाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी साख बढ़ाई और वैश्विक पटल पर एकाकीपन खत्म किया. यूक्रेन युद्ध में रुस को शहीद-ड्रोन देकर ईरान ने इस दौरान हथियारों की दुनिया में अपनी बड़ी धमक दिखाई. साथ ही पाकिस्तान के बलूचिस्तान में एरियल-स्ट्राइक कर दुनिया को अपनी सैन्य ताकत से भी रुबरु कराया. उनके कार्यकाल में ही भारत और ईरान के बीच चाबहार बंदरगाह को लेकर बड़ा समझौता हुआ (https://x.com/neeraj_rajput/status/1792420447495324065).

पिछले महीने ही (13 अप्रैल) को ईरान ने इजरायल पर ड्रोन सहित क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइल से एक बड़ा हमला किया था. ईरान ने ये हमला सीरिया में अपने दूतावास पर इजरायल के ड्रोन अटैक के जवाब में किया था. ऐसे में ईरान और इजरायल के बीच जबरदस्त तनाव बना हुआ है. क्योंकि इजरायल ने चेतावनी दी है कि वो ईरान से बदला लेकर रहेगा. इजरायल की ईरान से तनातनी का एक बड़ा कारण हमास और हूती विद्रोहियों के हमले भी है. इजरायल का आरोप है कि ईरान की शह पर ही आतंकी संगठन हमास ने पिछले साल 7 अक्टूबर को इजरायल पर बड़ा हमला किया था. साथ ही लाल सागर में यमन के हूती विद्रोहियों को भी ईरान के समर्थन के आरोप लगते रहे हैं. हूती विद्रोहियों ने पिछले कुछ महीनों से लाल सागर में इजरायल सहित अमेरिका और ब्रिटेन के युद्धपोत और व्यापारिक जहाज पर बड़ी संख्या में ड्रोन अटैक कर पूरे क्षेत्र को वार-जोन में तब्दील कर दिया है. 

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