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गोलान हाइट्स पर इजरायली कब्जा, इस्लामिक देश बिदके

सीरिया में तख्तापलट के बाद संकट कम नहीं और बढ़ गया है. बशर अल असद की सरकार गिरने और विद्रोहियों के सरकार के दावे के बीच इजरायल लगातार सीरिया में आगे बढ़ चुका है. कब्जे वाले गोलान हाइट्स में इजरायली सेना ने 14 किलोमीटर अंदर तक अपनी सेना को टैक के साथ तैनात कर दिया है. सीरिया की जमीन पर अधिकार के इजरायली सेना के इरादे पक्के हैं तो वहीं इजरायल के इस कदम की सऊदी अरब, कतर और इराक ने निंदा की है. 

सऊदी अरब ने कहा है कि इजरायल अंतर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर रहा है. निंदा पर प्रतिक्रिया देते हुए इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि “गोलान हाइट्स 60 सालों से इजरायल के कब्जे में रहा और हमेशा के लिए इजरायल के पास ही रहेगा.” 

गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में इस क्षेत्र पर इजरायल को मान्यता दी थी.

सीरिया की राजधानी दमिश्क की गोलान हाइट्स से महज 40 किलोमीटर की दूरी है. खास बात ये है कि सीरिया में जिस विद्रोही संगठन हयात तहरीर अल शाम (एचटीएस) ने असद का तख्ता पलट किया है, उसका चीफ अबू मोहम्मद अल जिलानी उर्फ अल-गोलानी, इसी गोलान हाइट्स का बाशिंदा है. (Golan Heights पर इजरायल का कब्जा, सीरिया की आपदा में मिला अवसर)

गोलान हाइट्स का ये है इतिहास

दरअसल इजरायल ने साल 1967 में गोलान हाइट्स के अधिकतर हिस्सों पर कब्जा कर लिया था और साल 1981 में इस पूरे क्षेत्र पर उसका कब्जा हो गया था. असद की सत्ता गिरने के तुरंत बाद इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इजरायली सेना को बफर जोन पर कब्जा करने का आदेश दिया था. ये बफर जोन 1974 में सीरिया के साथ युद्धविराम के तहत स्थापित किया गया था. अब वहां पर इजरायली सैनिकों की तैनाती कर दी गई है.

गोलान पर इजरायली कब्जा, मुस्लिम देश 

सोमवार को सऊदी अरब, कतर और इराक के विदेश मंत्रालय ने इजरायल के सीरियाई इलाके में बफर जोन में सैनिकों के भेजने की आलोचना की है. सऊदी अरब ने कहा है कि “इजरायल अंतरराष्ट्रीय कानून के नियमों का उल्लंघन कर रहा है. इजरायली एक्शन ये दिखाता है कि वो सीरिया की सुरक्षा, स्थिरता और क्षेत्रीय अखंडता को बहाल करने में रुकावट डालने के लिए दृढ़ संकल्पित है.” 

वहीं कतर ने इजरायली एक्शन को घुसपैठ करार देते हुए एक खतरनाक घटनाक्रम बताया है. कतर का मानना है कि “सीरियाई क्षेत्रों पर कब्जा करने की इजरायल की नीति क्षेत्र को और अधिक हिंसा और तनाव की ओर ले जाएगी.”  

इराक ने इजरायल को सीरिया में आगे बढ़ने से रोकने का आह्वान किया है. इराक के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि “इराक, सीरिया की संप्रभुता और अखंडता को बनाए रखने पर जोर देता है. हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से अपनी जिम्मेदारी निभाने और इस आक्रमण की निंदा करने और इसे रोकने का आह्वान करते हैं.”

मुश्किल में सीरिया, इजरायल, यूएस के बाद तुर्किए का अटैक

राष्ट्रपति असद के देश छोड़ने के बाद से सीरिया में सिर्फ और सिर्फ गोलियों और बमों की ही आवाजें आ रही हैं. सीरिया में पहले अमेरिका ने बम बरसाए फिर इजरायल ने रॉकेट से हमला किया. अब तुर्किए ने ड्रोन ने पूर्वी सीरिया के कई इलाकों में हमला किया है. 

तुर्किए के अटैक में बच्चों समेत 11 से ज्यादा सीरियाई नागरिक मारे जाने की खबर है. तुर्किए की सेना ने सीरिया के उत्तरी इलाके मनबिज पर कब्जा कर लिया है. मनबिज इलाका कुर्द लड़ाकों का है जो तुर्किए के कट्टर दुश्मन है पर अमेरिका का उन्हें समर्थन मिला हुआ है. मनबिज में कुर्द लड़ाकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए अमेरिका और तुर्किए के बीच सोमवार को समझौता हुआ है. 

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