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ईरान के समर्थन में इस्लामिक मुल्क, नेतन्याहू ने खाई सिनवार को खत्म करने की कसम

By Himanshu Kumar

हमास चीफ इस्माइल हानिया (हनियेह) की ईरान में घुसकर हत्या के बाद इजरायल और ईरान में युद्ध का बिगुल बज चुका है. दुनिया के देशों में दो फाड़ हो गया है. अमेरिका जहां इजरायल के साथ खड़ा है, तो वहीं इस्लामिक मुल्क ईरान के पक्ष में हैं. बढ़े तनाव के बीच इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की बैठक में ईरान की धरती पर हमास के राजनीतिक प्रमुख की हत्या के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया गया है. 
सऊदी अरब के जेद्दा में हुई बैठक में पहली बार सऊदी अरब ने इजरायल को हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया है. सऊदी अरब का इजरायल के खिलाफ बयान इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि हाल के दिनों में इजरायल और सऊदी अरब में नजदीकियां बढ़ी थीं. यहां तक की 7 अक्टूबर को हमास के इजरायल पर किए गए आतंकी हमले के पीछे की एक वजह ये भी थी, कि हमास और ईरान नहीं चाहते थे कि सऊदी अरब और इजरायल के बीच अच्छे संबंध स्थापित हों. बहरहाल जेद्दा में हुई बैठक में ओआईसी ने अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से “तत्काल और प्रभावी हस्तक्षेप” का अनुरोध किया है.

ईरान की संप्रभुता का घोर उल्लंघन हुआ- सऊदी अरब
बुधवार को  बैठक के बाद जारी एक बयान में, ओआईसी ने इजरायल की कार्रवाई को “अंतरराष्ट्रीय कानूनों, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और ईरान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का गंभीर उल्लंघन” बताया.

ओआईसी ने कहा, “ईरान की राजधानी तेहरान में रहने के दौरान पूर्व फिलिस्तीनी प्रधानमंत्री इस्माइल हानिया की हत्या की ओआईसी कड़ी निंदा करता है और इस जघन्य हमले के लिए अवैध कब्जा करने वाली शक्ति इजरायल को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराता है, जो आक्रामकता का अपराध है. अंतर्राष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर और इस्लामिक गणराज्य ईरान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा का गंभीर उल्लंघन है. यह चेतावनी देता है कि अवैध कब्जा करने वाली शक्ति इजरायल के जारी अपराध क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता को कमजोर करते हैं और अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने की अपनी प्राथमिक जिम्मेदारी के तहत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से तत्काल और प्रभावी हस्तक्षेप का अनुरोध करता है.”

ओआईसी की बैठक इजरायल द्वारा फिलिस्तीन के लोगों पर किए जा रहे “निरंतर अपराधों” पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई थी. ईरान और फिलिस्तीन ने सऊदी तटीय शहर जेद्दाह  में ओआईसी की बैठक बुलाई थी.

मेजबान सऊदी अरब ने भी कहा कि हनियाह की हत्या ईरान की संप्रभुता का “घोर उल्लंघन”
ओआईसी ने “इजरायली आक्रामकता और फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ यातना, भुखमरी और सामूहिक दंड की नीति” को तत्काल समाप्त करने की मांग की है और फिलिस्तीनी लोगों को उनकी भूमि से विस्थापित करने, निष्कासित करने या जबरन स्थानांतरित करने के किसी भी प्रयास को हर संभव तरीके से खारिज कर दिया है.

गाम्बिया के विदेश मंत्री मामादौ तंगारा, जिनका देश वर्तमान में ओआईसी का अध्यक्ष भी है, ने कहा कि इजरायल की कार्रवाई क्षेत्रीय संघर्ष की स्थिति पैदा कर सकती है ।

तंगारा ने कहा, “इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान की धरती पर एक राजनीतिक नेता की हत्या करके उसकी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर आक्रमण और उल्लंघन एक ऐसा कृत्य है जिसे अलग-थलग करके नहीं देखा जा सकता।”

ओआईसी सदस्यों ने अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय से इजरायल द्वारा फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ किए गए युद्ध अपराधों और अपराधों की जांच में तेजी लाने का आग्रह किया.

बुधवार को, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि कई ओआईसी सदस्य वाशिंगटन से सहमत हैं कि तनाव बढ़ने से क्षेत्र में जारी संकट और बढ़ेगा. मिलर ने कहा कि “हम उम्मीद करेंगे कि ओआईसी की उस बैठक में वही होगा जो हम पिछले सप्ताह से करने की कोशिश कर रहे हैं, यानी कि ईरान के साथ संबंध रखने वाले सभी पक्ष ईरान पर दबाव डालें – ठीक उसी तरह जैसे हम इज़राइल की सरकार पर दबाव डाल रहे हैं – कि उन्हें संघर्ष को बढ़ाने के लिए कोई कदम नहीं उठाना चाहिए.  अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक, क्षेत्रीय तनाव बढ़ने से गाजा में युद्ध विराम समझौते की संभावनाएं खतरे में पड़ सकती हैं.

मिलर ने कहा कि “हम सभी को यह संदेश दे रहे हैं: देखिए, यह क्षेत्र के लिए स्पष्ट रूप से बहुत ही नाजुक समय है। तनाव बहुत ज़्यादा है। हम युद्ध विराम समझौते के अंतिम चरण में हैं – उम्मीद है.

हमास और ईरान ने पिछले सप्ताह तेहरान में हानिया की हत्या के लिए इजरायल को दोषी ठहराया है, लेकिन इजरायल सरकार ने जिम्मेदारी की पुष्टि या खंडन नहीं किया है. कतर में रहने वाले हानिया, ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए तेहरान में थे. हानिया की जगह हमास के गाजा प्रमुख याह्या सिनवार को नियुक्त किया गया है.

इजरायल ने नए हमास प्रमुख को “खत्म” करने की कसम खाई
इजराइल ने हमास के नवनियुक्त नेता याह्या सिनवार को खत्म करने की कसम खाई है. इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हरजी हलेवी ने रक्षात्मक और आक्रामक दोनों तरह की कार्रवाइयों के लिए इजरायल की तैयारियों पर जोर दिया. 2017 से गाजा में हमास का नेतृत्व करने वाला सिनवार 7 अक्टूबर के आतंकी हमले के बाद से छिपा हुआ है. 

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