हमास के खिलाफ जंग को अब इजरायल मिस्र की सीमा तक ले गया है. मिस्र और गाजा के बीच फिलाडेल्फी कॉरिडोर पर अब इजरायली डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने अपने अधिकार-क्षेत्र में ले लिया है. वर्ष 2004 से ये कॉरिडोर मिस्र और गाजा के बीच एक बफर जोन था. लेकिन राफा में मिली 70-80 सुंरग मिलने से आईडीएफ आगबबूला है क्योंकि ये सभी टनल राफा बॉर्डर के जरिए मिस्र में जाकर खुलती हैं.
फिलाडेल्फी कॉरिडोर पर इजरायल का कब्जा
फिलाडेल्फी बफर जोन राफा के पूरे दक्षिणी किनारे पर लगभग 14 किलोमीटर तक फैला है, जो मिस्र बॉर्डर पर स्थित है. इसके अलावा आईडीएफ ने दक्षिणी गाजा से मिस्र तक फैले हमास के सुरंगों को भी खोज निकाला है. आईडीएफ के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने ऐसी 20 सुरंगों को ढूंढ लेने की जानकारी दी है. आईडीएफ ने अपने एक्स पोस्ट में गाजा की सैटेलाइट तस्वीरें शेयर की है कि इजरायली सैनिकों ने “राफा बॉर्डर से महज 100 मीटर की दूरी पर एक डेढ़ (1.5) किमी लंबी सुरंग खोजी है. सुरंग में आतंकियों के दर्जनों एंटी टैंक मिसाइल और हथियार थे. सैनिकों ने हथियारों को नष्ट कर दिया है.” हालांकि मिस्र ने इजरायली दावों को गलत बताया है. मिस्र वही देश है जो इजरायल और हमास के बीच मध्यस्थता कराने की कोशिश करा रहा है. (https://x.com/IDF/status/1795880487849697642)
इजरायल के सामने हमास ने पेश की डील
कमर टूटने के बाद आतंकी संगठन हमास ने इजरायल से समझौते की पेशकश की है. हमास ने कहा है कि “अगर इजरायली सेना गाजा में जंग रोक देती है तो वो बंधकों की अदला-बदली समेत समझौते की डील करने के लिए तैयार हैं.” हमास ने एक बयान जारी करके कहा है कि “हमारे लोगों के खिलाफ जारी आक्रामकता, घेराबंदी, भुखमरी और नरसंहार के बीच सीजफायर की बातचीत नहीं हो सकती. अगर इजरायल, गाजा में जंग रोक देता है तो वो एक समझौता करने के लिए तैयार है, जिसमें बंधकों की अदला बदली डील भी शामिल है.”
भारत की चिंता
फिलिस्तीन के राफा में 26 मई को हुए हवाई हमले में 45 नागरिकों की मौत पर भारत ने चिंता जताई है. भारत ने दक्षिणी गाजा के राफा शहर पर इजरायली हमले में आम नागरिकों की मौत को ‘‘हृदय विदारक’’ बताया है. इसके साथ ही भारत ने अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के सम्मान करने का आह्वान किया है.
राफा में आम नागरिकों की मौत हृदय विदारक: विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने राफा में शरणार्थी शिविर में नागरिकों की मौत को ‘गहरी चिंता’ का विषय कहा है. रणधीर जायसवाल ने अपनी प्रेसकॉन्फ्रेंस में कहा है कि- ‘‘हमने लगातार आम नागरिकों की सुरक्षा और क्षेत्र में जारी संघर्ष में अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के सम्मान का आह्वान किया है, इजरायल ने पहले ही इसे एक दुखद घटना मानते हुए इसकी जिम्मेदारी स्वीकार कर ली है और घटना की जांच की घोषणा कर दी है.’’
स्पेन, आयरलैंड और नॉर्वे के फिलिस्तीन को मान्यता देने पर रणधीर जायसवाल ने भारत का रुख साफ करते हुए बताया कि ‘‘भारत ने 1980 के दशक में ही फिलिस्तीन को मान्यता दे दी थी. हमारा लंबे समय से यह रुख रहा है कि हम दो राष्ट्र समाधान का समर्थन करते हैं, जिसमें मान्यता प्राप्त और परस्पर सहमत सीमाओं के भीतर एक संप्रभु, व्यवहार और स्वतंत्र फिलिस्तीन की स्थापना शामिल है, जो इजरायल के साथ शांति से रह सके.’’