इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कतर के चैनल ‘अल जज़ीरा’ पर प्रतिबंध लगा दिया है. इजरायल-हमास के बीच चल रही जंग की शुरुआत से ही अल जजीरा चैनल और इजरायल में तनातनी चल रही थी. इजरायल अल जज़ीरा पर पक्षपात रिपोर्टिंग करने का आरोप लगा रहा था तो अल जज़ीरा ने गाजा में हुए अटैक में अपने कर्मचारियों की मौत को लेकर इजरायल को घेर रहा था. पर अब बेंजामिन नेतन्याहू ने एक कानून पास करके अल जज़ीरा को ‘आतंकी चैनल’ बताते हुए कतर सहित खाड़ी देशों को बड़ा झटका दिया है.
आतंकी चैनल अल जजीरा नहीं होगा प्रसारित: नेतन्याहू
बेंजामिन नेतन्याहू ने सोशल मीडिया एक्स पर ‘अल जज़ीरा’ पर एक्शन लेने की जानकारी दी. इजरायली पीएम ने पोस्ट में लिखा, ”अल जज़ीरा’ ने इजरायल की सुरक्षा को नुकसान पहुंचाया. 7 अक्टूबर के हमले में हमास के साथ सक्रिय रूप से भाग लिया, साथ ही चैनल ने आईडीएफ सैनिकों के खिलाफ इजरायली नागरिकों को उकसाया. अब समय आ गया है कि इजरायल से हमास के मददगार को हटाया जाए. आतंकी चैनल अब इजरायल में प्रसारित नहीं होगा. मैं इजरायल के संसद में पारित कानून को तुरंत लागू करने जा रहा हूं.मैं संचार मंत्री श्लोमो कराई द्वारा प्रचारित कानून का स्वागत करता हूं.” (https://x.com/netanyahu/status/1774827092544233627?s=20)
प्रसारण बंद करने के लिए इजरायल लाया कानून
इजरायली संसद में अल जज़ीरा को बंद करने के कानून लाया गया था. ना सिर्फ चैनल बल्कि कानून के दायरे में अल जज़ीरा की वेबसाइट भी आती है. कानून के तरह अल जज़ीरा की वेबसाइट को भी ब्लॉक की जा सकती है. ये कानून इजरायल की सरकार को अल जजीरा के क्षेत्रीय ब्यूरो को बंद करने और उसके उपकरण जब्त करने की अनुमति देता है. यह कानून स्थानीय केबल और सैटेलाइट टीवी प्रसारण करने वालों को भी चैनल प्रसारित करने से रोकता है. चैनल के प्रसारण की रोक शुरुआती 45 दिनों तक हो सकती है या फिर गाजा में जंग खत्म होने तक भी चैनल का प्रसारण रोका जा सकता है. ये सरकार पर निर्भर करेगा कि चैनल को कितने दिनों तक बैन किया जाएगा.
इजरायल के आरोप निराधार: अल जज़ीरा
इजरायली सरकार के आरोपों और बैन से जुड़े कानून को मंजूरी पर अल जजीरा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. अल जज़ीरा इंग्लिश ने एक्स पोस्ट में लिखा, “नेतन्याहू झूठ बोल रहे हैं. नेतन्याहू दुनिया भर में हमारे पत्रकारों के खिलाफ उकसाते हैं. यह नया उपाय अल जजीरा को चुप कराने के लिए इजरायली हमलों का एक हिस्सा है, पर हम साहसिक कवरेज जारी रखेंगे.”
अल जज़ीरा के प्रसारण पर रोक, अमेरिका ने क्या कहा ?
व्हाइट हाउस ने इजरायल में अल जज़ीरा को बंद करने के फैसले को चिंताजनक करार दिया है. व्हाइट हाउस के प्रेस कैरिन जीन-पियरे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रतिक्रिया दी है. जीन पियरे ने कहा कि “अमेरिका दुनियाभर के पत्रकारों के कार्यों का समर्थन करता है और अमेरिका उन पत्रकारों के साथ है जो गाजा में युद्ध की रिपोर्टिंग कर रहे हैं.”
भारत में सीएए को लेकर भी विवादों में रहा चैनल
अल जज़ीरा का विवादों से पुराना नाता है. भारत में सीएए लागू होने पर अल जज़ीरा ने विवादित न्यूज़ चलाई. अल जज़ीरा ने अपनी हेडलाइन में लिखा था ‘भारत ने चुनाव से कुछ हफ्ते पहले ‘मुस्लिम विरोधी’ 2019 नागरिकता कानून लागू किया’. अल जजीरा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘हिन्दू राष्ट्रवादी’ बताता है और लगातार मोदी सरकार के खिलाफ
प्रोपेगेंडा के आरोप लगते रहे हैं. अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर भी अल जज़ीरा ने ‘मरा हुआ लोकतंत्र’ करके आर्टिकल लिखा था. भारत में भी समय समय पर अल जज़ीरा को बंद करने की माँग की जाती रही है.
दरअसल अल जज़ीरा अरब में बेहद ही लोकप्रिय है. चैनल और वेबसाइट को अल जज़ीरा नंबर 1 होने का दावा करता है. अल जजीरा मीडिया समूह का हेड ऑफिस कतर की राजधानी दोहा में है. अल जज़ीरा साल 1996 को दोहा में लॉन्च हुआ. अल जज़ीरा ग्रुप अरबी और अंग्रेजी में अपने कई चैनलों के माध्यम से खबर प्रसारित करता है. कहा जाता है कि अल जजीरा को कतर की सरकार से फंडिंग मिलती है, लेकिन अल जजीरा आरोपों को बेबुनियाद बताता है.