गोलान हाइट्स पर कब्जे के बाद इजरायल के कदम सीरिया में अंदर तक बढ़ चुके हैं. सीरिया में इजरायल के एक अंडरकवर ऑपरेशन में तबाह किया गया है ईरान के मिसाइल का बड़ा प्लांट जहां तैयार की जा रही थी तबाही वाली सैकड़ों मिसाइल. पूरी तरह से अंडरग्राउंड प्लांट हमास से लेकर हिजबुल्लाह और सीरिया के लिए मिसाइल आपूर्ति का गुप्त अड्डा था.
सीरिया में इजरायल का “ऑपरेशन मैनी वेज़” ऑपरेशन
इजरायल ने अपने इस बेहद गुप्त मिशन का कोडनेम “ऑपरेशन मैनी वेज़” रखा था, जिसे 8 सितंबर 2024 को सीक्रेट तरीके से शुरू लॉन्च किया गया था. यानी जब (पूर्व) राष्ट्रपति बशर अल असद सीरिया छोड़कर नहीं भागा था. ईरान ने यह मिसाइल प्लांट पश्चिमी सीरिया के मसयाफ क्षेत्र में लगा रखा था. मसयाफ को सीरियाई वायुसेना का गढ़ भी माना जाता है.
ईरान की इस सीक्रेट मिसाइल फैक्ट्री को “डीप लेयर” के नाम से जाना जाता है. आईडीएफ ने दावा किया कि यह साइट, ईरान के मिसाइल उत्पादन कार्यक्रम की एक प्रमुख परियोजना है, जिसका उद्देश्य लेबनान में हिजबुल्लाह और सीरिया में असद शासन को सटीक मिसाइलों की आपूर्ति करना था.
इजरायली कमांडोज़ से कैसे किया पूरा ऑपरेशन
ऑपरेशन के लिए इजरायली कमांडो 4 सीएच 53 हेलीकॉप्टर्स से सवाल होकर सीरियाई सीमा में पहुंचे. लड़ाकू हेलीकॉप्टर, 21 फाइटर जेट, 5 ड्रोन और 14 टोही विमानों के साथ काफिला सीरियाई रडार की पकड़ से बचने के लिए भूमध्य सागर के ऊपर उड़ान भरते हुए इजरायल से रवाना हुए. दमिश्क के वायु रक्षा क्षेत्रों से बचते हुए दूसरे इलाके में धमाके किए ताकि सीरिया का ध्यान मसायफ क्षेत्र से हट जाए. इजरायली कमांडो फैक्ट्री में पहुंचे. और 660 पाउंट विस्फोटक लगाए गए. कमांडो ने अपना मिशन तीन घंटे से कम वक्त में पूरा किया और उन्हीं हेलीकॉप्टर से वापस इजरायल रवाना हो गए, जिससे वो आए थे. आईडीएफ के इस ऑपरेशन में 30 सीरियाई गार्ड और सैनिकों की मौत हुई. (https://x.com/IDF/status/1874849694012309593)
100 फीट अंडरग्राउंड मिसाइल प्लांट, ईरान की खतरनाक साजिश: इजरायल
ईरान की मिसाइल फैक्ट्री डीप लेयर का निर्माण साल 2017 के अंत में शुरु किया गया था.ईरान को अपनी मिसाइल उत्पादन क्षमताओं को भविष्य के हवाई हमलों से सुरक्षित रखने के उद्देश्य से अंडरग्राउंड मिसाइल फैक्ट्री बाई. साल 2021 तक पहाड़ में 70 से 130 मीटर नीचे फैक्ट्रियों का निर्माण शुरु किया गया और मिसाइलें बनाई जानी शुरु की गई.
आईडीएफ ने ईरान की अंडरग्राउंड फैक्ट्री का वीडियो भी शेयर किया है. आईडीएफ के मुताबिक, मिसाइल फैक्ट्री का आकार एक घोड़े की नाल की तरह था, जिसमें 3 एंट्री गेट थे. एक गेट में कच्चा माल लाया जाता था, दूसरा मिसाइलों को बाहर लाने के लिए था और तीसरा गेट ऑफिस के लिए था. अंडरग्राउंड फैक्ट्री में 16 कमरे थे, जिनमें रॉकेट ईधन के लिए मिक्सर, मिसाइल बॉडी निर्माण क्षेत्र और पेंट रूम थे. आईडीएफ का दावा है कि एक साल में इस फैक्ट्री में 100 से 300 तक मिसाइलें बनाई गई, जो 300 किलोमीटर दूर तक टारगेट कर सकती थीं.
आईडीएफ ने शेयर किया ऑपरेशन मैनी वेज़ का वीडियो
खुफिया जानकारियों के बाद आईडीएफ के पास ईरान की इस अंडर ग्राउंड मिसाइल फैक्ट्री का लेआउट आ चुका थी. ये फैक्ट्री इजरायली सीमा से सिर्फ 200 किलोमीटर उत्तर और सीरिया के पश्चिमी तट से 45 किलोमीटर दूर थी. फैक्ट्री के जरिए हमास और हिजबुल्लाह को मदद की जा रही थी, और दोनों ही इस फैक्ट्री से सीधे मिसाइल प्राप्त करते थे. आईडीएफ ने अपने ऑपरेशन की वीडियो शेयर करके अपने अंडरकवर ऑपरेशन का खुलासा किया. 44 सेकेंड के वीडियो में इजरायली सैनिकों की बहादुरी दिखाया गया है.