गाजा में ‘वर्ल्ड सेंट्रल किचन’ पर अपने एक्शन को लेकर घिर गया है इजरायल. अमेरिकी समेत दुनिया के कई देशों ने इजरायल के हवाई हमले की आलोचना की है. हमास के साथ चल रही जंग के 7 महीने में पहली बार इजरायल ने भी ‘वर्ल्ड सेंट्रल किचन’ को लेकर अपनी गलती मानी है. मंगलवार को गाजा में इजरायल के एक ड्रोन अटैक में ‘वर्ल्ड सेंट्रल किचन’ संस्था के 7 कर्मी मारे गए थे. मारे गए लोगों में मिजोरम की महिला की बेटी लालजावमी फ्रैंककॉम और एक अमेरिकी नागरिक भी शामिल हैं. हमले में मारे गए लोग ऑस्ट्रेलिया, पोलैंड, ब्रिटेन, फिलिस्तीन, अमेरिका और कनाडा के नागरिक हैं. मारे गए लोग उस संस्था से जुड़े हुए थे, जो गाजा में फिलिस्तीनियों को खाना पहुंचा रही है.
इजरायल पर भड़के जो बाइडेन
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गाजा में 7 सहायता कर्मियों की मौत पर इजरायल पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. बाइडेन ने कहा है कि “नागरिकों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त काम नहीं किया गया. जिन लोगों की मृत्यु हुई वो युद्ध के बीच भूखे लोगों को भोजन पहुंचा रहे थे. मारे गए लोग बहादुर और निस्वार्थ थे. उनकी मौत एक त्रासदी है.” बाइडेन के मुताबिक, “इजरायल ने इस बात की जांच करने का वादा किया है कि सहायता कर्मियों की कार हमले की चपेट में क्यों आई. जांच तेजी से होनी चाहिए, हमले को लेकर इसमें जवाबदेही होनी चाहिए और इसके नतीजों को सार्वजनिक किया जाना चाहिए.”
इजरायल ने माना ‘गंभीर गलती हुई‘
इजरायल ने ‘वर्ल्ड सेंट्रल किचन’ पर हुए हमले पर अपनी गलती मानी है. इजरायल के सैन्य प्रमुख ने माना कि हवाई हमले में ‘गलत पहचान की गई’. लेफ्टिनेंट जनरल हर्जी हलेवी ने बुधवार को सहायता कर्मियों की मौत पर दुख जताते हुए घटना को गंभीर गलती करार दिया. लेफ्टिनेंट जनरल हर्जी हवेली ने कहा, “यह एक गलती थी जो रात में युद्ध की जटिल परिस्थितियों में उनकी गलत पहचान किए जाने के बाद हुई. ऐसा नहीं होना चाहिए था. इस हमले की इजरायल एक गहन जांच करेगी.”
क्या घटना थी, जिससे दुनियाभर में है गुस्सा ?
सोमवार देर रात गाजा में इजरायली सुरक्षाबल ने ड्रोन अटैक किया था. फिलिस्तीन क्षेत्र में हुए इस ड्रोन अटैक में एक गाड़ी भी चपेट में आ गई. दरअसल ये गाड़ी ‘वर्ल्ड सेंट्रल किचन’ के कर्मचारियों की थी, जो फिलिस्तीन में लोगों को खाना बांट रही थी. वर्ल्ड सेंट्रल किचन संस्था का दावा है कि संस्था पिछले साल अक्टूबर से अब तक खाने के 4 करोड़ 20 लाख पैकेट बांट चुकी है. संस्था की ओर से बताया गया है कि टीम तीन कारों के काफिले के साथ थी जिनमें दो सशस्त्र वाहन थे. जैसे ही अल-बलाह गोदाम से 100 टन खाद्य सामग्री लादकर गाड़ियां गाजा की तरफ बढ़ी, उनपर हमला कर दिया गया. वर्ल्ड सेंट्रल किचन के संस्थापक शेफ जोस एंडीज ने कहा कि क्षेत्र में अभियान को तुरंत रोक दिया गया है. वहीं संस्था के सीईओ इरिन गोर ने कहा कि यह केवल वर्ल्ड सेंट्रल किचन पर हमला नहीं, बल्कि कठिन परिस्थितियों में मानवीय मदद पहुंचाने वालों पर किया गया है.
ऋषि सुनक, अल्बनीज ने जताया दुख, नेतन्याहू क्या बोले?
इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने घटना पर प्रतिक्रिया दी है. नेतन्याहू ने कहा है कि “जंग में ऐसा होता रहता है. बदकिस्मती से हमारी सेना ने गाजा पट्टी में अनजाने में बेकसूर लोगों पर टारगेट किया. हम कोशिश करेंगे कि ऐसी घटना आगे ना हो.”
मारे गए लोगों में 3 ब्रिटिश नागरिक भी थे. ब्रिटेन के पीएम सुनक ने बेंजामिन नेतन्याहू से बात की है. ऋषि सुनक ने घटना पर चिंता जताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है, तो ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने अपने नागरिक की मौत के बाद इजरायली सरकार से इस घटना की पूरी जिम्मेदारी लेने की मांग की. अल्बनीज ने कहा कि “वर्ल्ड सेंट्रल किचन के छह अंतरराष्ट्रीय हेल्पर जंग वाले इलाके गाजा में लोगों को राहत पहुंचा रहे थे. इस जंग में उन लोगों को मार दिया गया. ये स्वीकार्य नहीं है.”
मिजोरम की महिला की बेटी की मौत
ऑस्ट्रेलियाई पिता और मिजोरम मां से जन्मी फ्रैंककॉम युद्धग्रस्त उत्तरी गाजा में राहत पहुंचाने के मिशन पर थीं. 43 साल की फ्रैंककॉम वर्ल्ड सेंट्रल किचन में सीनियर मैनेजर के तौर पर काम कर रही थीं. मिजोरम में रहने वाले फ्रैंककॉप के जानने वालों से घटना पर दुख जताया है. उनके चचेरे भाई ने कहा कि “घटना सुनकर हमारा दिल टूट गया. हमें फ्रैंककॉप पिछली बार जब मिजोरम आई थी, तो वह दूसरों की मदद करने की बातें करती थी.” लालज़ावमी फ्रैंककॉप ने गाजा की यात्रा से पहले व्हाट्सएप ग्रुप पर गाजा के खतरों के बारे में बताया था.