ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर (आईआरजीसी) के कब्जे में फंसे 17 भारतीयों की सुरक्षित वापसी को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर की पहल का असर दिखने लगा है. ईरान ने भारत सरकार के प्रतिनिधियों से अपहरण किए गए भारतीयों की मुलाकात को हरी झंडी दे दी है. ईरान और इजरायल के बीच शुरु हुई जंग के बीच में भारत के लिए चिंता का विषय है 17 भारतीयों की सुरक्षित रिहाई, जो ईरान के आईआरजीसी के कब्जे में हैं. भारतीयों की रिहाई के लिए खुद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ईरान के विदेश मंत्री एच.अमीरबदोल्लाहियन ने बात की है. साथ ही इजरायल के विदेश मंत्री से भी बातचीत की.
भारत को मिली 17 क्रू मेंबर्स से मिलने की इजाजत
ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने एस जयशंकर से बात करने के बाद बयान जारी किया है जिसमें कहा गया है कि “तेहरान जल्द ही भारत सरकार के अधिकारियों को एमसीएस एरीज जहाज में सवार भारतीयों से मिलने देगा.” ईरान के विदेश मंत्री के मुताबिक, “ईरान सरकार कब्जे में लिए गए जहाज का ब्योरा जुटा रही है और 17 भारतीयों से भारत सरकार के प्रतिनिधियों के मिलने की जानकारी जल्द साझा की जाएगी.”
ईरान-इजरायल जंग में फंसा भारतीय क्रू
ईरान ने इजरायल से जुड़े एक जहाज को कब्जा कर लिया है. ओमान की खाड़ी में ईरानी कमांडोज़ ने इजरायल के मुंबई आ रहे ‘एमसीएस एरीज’ नाम के जहाज को हाईजैक कर लिया है. जहाज पर मौजूद 25 क्रू-मेंबर्स में 17 भारतीय है. लिहाजा विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फौरन ईरान के विदेश मंत्री से बातचीत की. एस जयशंकर ने ईरान से हुई बातचीत के बारे में सोशल मीडिया एक्स पर जानकारी भी शेयर की. एस जयशंकर ने अपनी पोस्ट में लिखा कि “ईरान के विदेश मंत्री एच. अमीरबदोल्लाहियन से रविवार शाम बात की. एमएससी एरीज के 17 भारतीय चालक दल के सदस्यों की रिहाई पर चर्चा की. क्षेत्र की मौजूदा स्थिति पर भी चर्चा की गई. इस चर्चा में इस बात पर भी जोर दिया गया कि तनाव बढ़ने से बचा जाए, संयम बरता जाए और कूटनीति के जरिए मामले का हल निकाला जाए. ईरान के साथ संपर्क में बने रहने पर सहमति व्यक्त की.”
अटैक से पहले ईरान के कब्जे में इजरायली जहाज
ईरान ने इजरायल पर ड्रोन अटैक और मिसाइलों से हमले से एक दिन पहले ‘एमसीएस एरीज’ नाम के जहाज पर कब्जा कर लिया था. हाईजैकिंग का वीडियो भी सामने आया था. जिसमें देखा गया कि कैसे ‘एमसीएस एरीज’ जहाज पर ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड उतरे और जहाज पर सवार सभी 25 लोगों को बंधक बना लिया. रिवॉल्यूशनरी गार्ड जहाज को ईरान की ओर ले गए हैं.
ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने होर्मुज स्ट्रेट से गुजर रहे जिस इजरायल के जहाज को कब्जे में लिया है, वो जहाज लंदन की जोडियक मैरिटाइम की सहयोगी कंपनी गॉर्टल शिपिंग से लीज पर लिया है, और इजरायल के अरबपति इयाल ओफेर के जोडियक ग्रुप का है. यह जहाज यूएई के एक बंदरगाह से रवाना हुआ था. जहाज पर पुर्तगाल का झंडा लगा हुआ था. ईरान और इजरायल दोनों ही देशों से भारत के अच्छे संबंध हैं. लिहाजा भारत स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए है और भारत के नागरिकों को सुरक्षित छुड़ाने की कवायद में जुटा है.
‘रिवोल्यूशनरी गार्ड्स’ आतंकी संगठन घोषित हो: इजरायल
इजरायली सेना के प्रवक्ता डैनियल हगारी ने कहा है कि ईरान स्थिति को और बिगाड़ेगा को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. इजरायली विदेश मंत्री इजराइल काट्ज ने ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स को आतंकी संगठन घोषित करने की मांग की है. इजराइल काट्स ने कहा है कि “अयातुल्ला अली खामनेई का शासन एक आपराधिक शासन है. ईरान हमास जैसों का समर्थन करता है. अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करके ईरान समुद्री डाकू अभियान चला रहा है.” व्हाइट हाउस के प्रवक्ता एड्रियन वॉट्सन ने बताया है कि जहाज पर भारतीयों के अलावा फिलीपीन, पाकिस्तानी, रूसी और एस्टोनिया के नागरिक हैं. सूत्रों के मुताबिक- भारत अलग अलग चेन से बंधक बनाए गए भारतीयों की सुरक्षा के लिए कदम उठा रही है. 17 भारतीयों की सलामती और शीघ्र रिहाई के लिए भारत और ईरान के बीच राजनयिक बातचीत की जा रही है.
इजरायल पर अटैक से भारत चिंतित: एस जयशंकर
ईरान ने इजरायल पर हमला करके जंग की शुरुआत कर दी है तो इजरायल ने भी ईरान को एक बार फिर धमकाते हुए कहा है कि “सही समय आने पर ईरान से सटीक कीमत वसूलेंगे”. इन सबके बीच ईरान के अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इजरायल के विदेश मंत्री काट्स से भी फोन पर बात की है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बातचीत का सारांश साझा किया. एक्स पोस्ट में लिखा कि “अभी-अभी इजरायल के विदेश मंत्री काट्ज के साथ बातचीत की. कल (ईरान के इजरायल पर हवाई हमले) के घटनाक्रम पर चिंता जाहिर की. व्यापक क्षेत्रीय स्थिति पर चर्चा करने के साथ ही संपर्क में बने रहने पर सहमति व्यक्त की.”