संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर का पावरफुल भाषण चर्चा में है. एस जयशंकर ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना आतंकवाद पर भिगो भिगो कर ऐसा मारा है कि पाकिस्तान के पास मुंह छिपाने के लिए जगह नहीं मिल रही.
एस. जयशंकर ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र की आम बहस को संबोधित किया. इस दौरान जयशंकर ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र कर पाकिस्तान पर कड़ा प्रहार किया और उसे वैश्विक आतंकवाद का केंद्र बताया.
आतंकवाद का गढ़ है भारत का पड़ोसी देश: जयशंकर
एस जयशंकर ने यूएनजीए में भारत की जनता की ओर से नमस्कार कहा, और शुरुआत आतंकवाद से की. जयशंकर ने कहा, “भारत ने आजादी के बाद से ही आतंकवाद की चुनौती का सामना किया है, क्योंकि उसका एक पड़ोसी देश आतंकवाद का गढ़ है.”
जयशंकर ने कहा, “सीमा पार बर्बरता का सबसे ताजा उदाहरण इस वर्ष अप्रैल में पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की हत्या थी, जो लोग आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों का समर्थन करते हैं, उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. पड़ोसी देश में औद्योगिक स्तर पर आतंकवादी ठिकाने संचालित हो रहे हैं और आतंकियों को सार्वजनिक रूप से महिमामंडित किया जाता है आतंकवाद के वित्तीय संसाधनों को पूरी तरह से बंद करना जरूरी है.”
दुनिया में बड़े आतंकवादी हमलों की जड़ें उसी एक देश से जुड़ी हई हैं, आतंकवाद का महिमामंडन करना गलत: जयशंकर
जयशंकर बोले, “दशकों से दुनिया में हुए बड़े आतंकवादी हमलों की जड़ें उसी एक देश से जुड़ी रही हैं. पाकिस्तान के कारण दशकों से अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी हमलों की श्रृंखला जारी रही है और संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादियों की सूची में इसके कई नागरिक शामिल हैं.”
जयशंकर ने आह्वान किया कि “आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग आवश्यक है, क्योंकि यह घृणा, हिंसा, असहिष्णुता और भय का मिश्रण है. जब कोई राष्ट्र आतंकवाद को राज्य नीति के रूप में अपनाता है, आतंकवादी केंद्र औद्योगिक स्तर पर संचालित होते हैं और आतंकियों को सार्वजनिक रूप से महिमामंडित किया जाता है, तो ऐसे कार्यों की कड़ी निंदा होनी चाहिए.”
आतंकवाद का समर्थन करने वाले भुगतेंगे: जयशंकर
विदेश मंत्री ने चेतावनी दी कि “जो देश या संस्था आतंक को बढ़ावा देने वाले देशों का समर्थन करेंगे, उन्हें इसका नकारात्मक परिणाम भुगतना पड़ेगा. आतंकवाद के वित्तपोषण को पूरी तरह बंद करने, प्रमुख आतंकियों पर प्रतिबंध लगाने और पूरे आतंकवादी तंत्र पर लगातार दबाव बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया. भारत ने इस दौरान कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति आपनाता है. भारत की अस्मिता पर आंच डालने वालों को सबक सिखाता रहेगा.”
दरअसल पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने यूएनजीए के मंच से आतंकियों का बचाव किया था, और ऑपरेशन सिंदूर को भारत का अग्रेशन बताया था. हालांकि शहबाज शरीफ के बेवकूफी भरे भाषण का भारतीय डिप्लोमैट ने ही जवाब दे देते हुए खूब सुनाया था.
दुनिया में अस्थिरता और अनिश्चिता का मुद्दा उठाते हुए अमेरिका पर जयशंकर का निशाना
जयशंकर ने टैरिफ के कारण दुनिया भर में फैली अस्थिरता और अनिश्चितत का मुद्दा भी उठाया. कहा, कि “भारत टैरिफ अस्थिरता और अनिश्चित बाजार पहुंच देख रहा है. ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा, खासकर 2022 के बाद से, संघर्ष और व्यवधानों की पहली शिकार रही हैं. संसाधनों की कमी से जूझ रहे समाज ने जिंदा रहने के लिए संघर्ष किया, और उसके बाद उन्हें पाखंडी भाषण सुनने पड़े हैं.”
आपको बता दें कि अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है. और अब जब भारत नहीं झुका है तो नाटो और ईयू पर अमेरिका दबाव बना रहा है कि भारत पर टैरिफ थोपा जाए.