रूस के यूक्रेन पर ताजा हमलों से भड़क गया है जापान. जापान ने रूस पर नए प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. रूस के अलावा नॉर्थ कोरिया और जॉर्जिया के भी संगठनों, व्यक्तियों और समूहों की संपत्तियों को फ्रीज करने का ऐलान किया है.
प्रतिबंधों का ऐलान जापान के मुख्य कैबिनेट सचिन योशीमासा हयाशी ने किया है. योशीमासा ने कहा, ये कदम जापान की ओर से जी-7 देशों के साथ मिलकर रूस के खिलाफ कठोर प्रतिबंधों को लागू करने की कोशिश का एक भाग है.
जापान ने लगाए रूस पर कड़े प्रतिबंध
रूस-यूक्रेन में चल रही जंग को तीन साल पूरे होने जा रहे हैं. रूस और यूक्रेन दोनों ही आए दिन एक दूसरे पर अटैक कर रहे हैं. जापान ने यूक्रेन के खिलाफ जंग को लेकर रूस के खिलाफ शुक्रवार को अतिरिक्त प्रतिबंधों को मंजूरी दे दी, जिनमें दर्जनों व्यक्तियों और समूहों की संपत्तियों पर रोक लगाना शामिल है.
जापान ने उन व्यक्तियों, संगठनों और बैंकों की एक सूची बनाई है, जिनकी संपत्तियों पर रोक (फ्रीज) लगाई जाएगी. इस सूची में 11 व्यक्ति, 29 संगठन और तीन रूसी बैंक शामिल हैं. इसके अलावा उत्तर कोरिया और जॉर्जिया के एक-एक बैंक भी सूची में शामिल हैं, जिन पर आरोप है कि उन्होंने रूस को प्रतिबंधों से बचने में मदद की है.
जापान ने रूस पर क्या प्रतिबंध लगाए हैं?
प्रौद्योगिकी और मशीनरी निर्माताओं सहित रूस के 22 सैन्य-संबंधी संगठनों पर पूर्ण निर्यात प्रतिबंध लगाने को मंजूरी दी है. निर्यात प्रतिबंध उन 31 गैर-रूसी समूहों पर भी लागू किए जाएंगे, जिनके बारे में जापान का आरोप है कि रूस को प्रतिबंधों से बचने में मदद की. इनमें हांगकांग के 11, चीन के 7, तुर्की के 8, किर्गिस्तान के दो और थाईलैंड सहित संयुक्त अरब अमीरात और कजाकिस्तान के एक-एक समूह शामिल हैं.
जी 7 की बैठक में रूस के खिलाफ सख्ती का किया गया था आह्वान
जापान पहले भी रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगा चुका है. प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा द्वारा दिसंबर के मध्य में ‘जी-7’ ऑनलाइन शिखर सम्मेलन में देश की नीति की पुष्टि करने के एक महीने बाद नए प्रतिबंधों की घोषणा की गई है.
हयाशी ने कहा, “यह वैश्विक शांति प्राप्त करने और रूसी आक्रमण के कारण यूक्रेन से जुड़ी समस्याओं के हल की दिशा में अंतरराष्ट्रीय प्रयास के हिस्से के रूप में जापान का योगदान है.”
ऐतिहासिक है रूस-जापान की दुश्मनी
वर्ष 1905 में रूस और जापान के बीच भयंकर युद्ध हुआ था. इस जंग में रूस को मुंह की खानी पड़ी थी. जापान से मिली हार, रूसी क्रांति (1905) का एक बड़ा कारण बनी थी. तभी से दोनों देशों के बीच संबंधों में हमेशा खटास रही है.
इंडो पैसिफिक में उकसावे के युद्धाभ्यास
हाल के सालों में रूस ने चीन के साथ मिलकर जापान के समंदर में कई बार उकसावे वाले युद्धाभ्यास किए हैं. वहीं, उत्तर कोरिया भी जापान से अदावत रखता है. रूस और उत्तर कोरिया की नजदीकियां दुनिया से छिपी नहीं रही हैं. ऐसे में सुदूर-पूर्व एशिया भी एक बड़ा फ्लैश-पॉइंट बन गया है.
जापान के हालिया प्रतिबंधों से रूस और उत्तर कोरिया की भौहें तननी लाजमी हैं.