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पन्नू की जुर्रत, कनाडा में Consulate के घेराबंदी की धमकी

भारत और कनाडा के बीच संबंध थोड़े पटरी पर लौटने और राजनयिक रिश्ते बहाल होने से बौखला गए हैं खालिस्तानी आतंकी. भारत के मोस्ट वांटेड खालिस्तानी आतंकी और सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कनाडा में वैंकूवर उच्चायोग के घेराबंदी की धमकी दी है. 

कनाडा में पल रहे एसएफजे के आतंकियों ने वैंकूवर उच्चायोग में तैनात भारतीय उच्चायुक्त दिनेश पचनायक की आपत्तिजनक तस्वीर भी बनाई है. 

आपको बता दें कि तकरीबन 11 महीने बाद भारतीय उच्चायुक्त दिनेश पटनायक को कनाडा भेजा गया गया है.

कनाडा में खालिस्तानी आतंकियों की गीदड़भभकी, भारत विरोधी आंदोलन का ऐलान

गुरुवार को खालिस्तानी संगठन एसएफजे ने वैंकूवर दूतावास पर गुरुवार (18 सितंबर) को बड़ा प्रदर्शन करने का ऐलान किया है. आतंकी पन्नू के संगठन ने गीदड़भभकी देते हुए दूतावास पर कब्जा करने की बात कही है. एसएफजे ने कहा है कि हम गुरुवार को वाणिज्य दूतावास पर कब्जा कर लेंगे. साथ ही एसएफजे ने चेतावनी दी है कि भारतीय-कनाडाई नागरिक गुरुवार को दूतावास की नियमित यात्रा टाल दें. (https://x.com/kushal_mehra/status/1968069946631749956)

ट्रूडो पर अटकी है खालिस्तानी आतंकियों की सुई

खालिस्तानी आतंकी संगठन एसएफजे ने कहा, दो साल पहले 18 सितंबर 2023 को तत्कालीन कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने देश की संसद में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में ‘भारतीय एजेंटों की कथित भूमिका’ की जांच कराने की बात कही थी. 

लेकिन दो साल बाद सितंबर माह में ही प्रस्तावित विरोध को लेकर एसएफजे ने कहा, दो साल बाद भी भारतीय वाणिज्य दूतावास कनाडा में खालिस्तान जनमत संग्रह अभियान चलाने वालों को निशाना बना रहे हैं. संगठन ने आरोप लगाया है कि भारतीय वाणिज्य दूतावास कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों की निगरानी कर रहा है. 

एसएफजे का कहना है कि वैंकूवर वाणिज्य दूतावास का घेराव कर वे भारतीय एजेंसियों के अधिकारियों पर दबाव बनाएंगे और कनाडा में कथित ‘जासूसी और डराने-धमकाने’ के मामले में जवाब भी मांगेंगे. 

एसएफजे ने एक पोस्टर भी जारी किया है, जिसमें  भारत के नए उच्चायुक्त दिनेश पटनायक की आपत्तिजनक तस्वीर है. 

कनाडा ने माना कि आतंकी संगठन और खालिस्तानी आतंकियों को मिल रही आर्थिक मदद 

हाल ही में कनाडा की मार्क कार्नी सरकार ने माना है कि भारत विरोधी खालिस्तानी, न सिर्फ उनकी धरती पर रह रहे हैं बल्कि वित्तपोषित भी हैं. “असेस्मेंट ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एंड टेररिस्ट फाइनेंसिंग रिस्क इन कनाडा 2025” शीर्षक वाली इस रिपोर्ट के अनुसार बब्बर खालसा इंटरनेशनल जैसे आतंकी संगठनों और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन जैसे खालिस्तानी समूहों को कनाडा से ही आर्थिक मदद प्राप्त हुई है.

कनाडा सरकार की रिपोर्ट में कहा गया, खालिस्‍तानी संगठनों को कनाडा समेत अन्‍य देशों से फंड मिल रहा है. खालिस्तानी संगठन (जो भारत के पंजाब में एक स्वतंत्र खालिस्तान राज्य स्थापित करने के लिए हिंसक तरीकों का समर्थन करते हैं) अब भी वित्तीय सहयोग जुटाने में सक्रिय है.

ताजा रिपोर्ट में कहा गया कि राजनीति से प्रेरित यह चरमपंथ धार्मिक भावना से जुड़ा हो सकता है, लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य नस्लीय या जातीय वर्चस्व नहीं, बल्कि राजनीतिक आत्मनिर्णय और प्रतिनिधित्व है.

नई रिपोर्ट में इन संगठनों के द्वारा उपयोग किए जाने वाले वित्तीय स्रोतों का भी विवरण दिया गया है, जिनमें बैंकिंग क्षेत्र का दुरुपयोग, क्रिप्टोकरेंसी, धर्मार्थ और गैर-लाभकारी संस्थाओं का उपयोग, सरकारी फंडिंग आदि शामिल हैं.

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