उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने स्वीकार किया है कि अपनी सेना को रूस की ओर से लड़ने के लिए भेजा था. रूस दिवस की बधाई देते हुए किम जोंग ने कहा है, कि उनका देश हमेशा रूस के साथ खड़े रहेगा. किम ने रूसी राष्ट्रपति को अपना ‘सबसे प्रिय मित्र’ बताते हुए उत्तर कोरिया और रूस के द्विपक्षीय संबंधों को दो दोस्तों के बीच वास्तविक संबंध बताया है.
प्यारे कॉमरेड पुतिन से किम का पक्का वादा
किम ने रूसी राष्ट्रपति को अपना ‘सबसे प्रिय मित्र’ कहा है. किम जोंग उन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बधाई संदेश भेजा है. इस बधाई संदेश में किम ने लिखा है, ‘डीपीआरके (‘डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया’) सरकार और मेरी अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति डीपीआरके-रूस संबंधों को आगे बढ़ाने की है.
प्योंगयांग ने पहली बार पुष्टि की थी कि उसने महीनों की चुप्पी के बाद नेता किम जोंग उन के आदेश पर यूक्रेन युद्ध में रूस के लिए लड़ने के लिए अपनी सेना भेजी थी.
हमारा पुतिन को बिना शर्त समर्थन- किम जोंग उन
किम जोंग उन और उत्तर कोरियाई नेता लगातार रूस का समर्थन करते रहे हैं. हमेशा से किम जोंग उन ने पुतिन को बिना शर्त समर्थन देने का वादा किया है. पुतिन के प्रमुख सुरक्षा सहयोगी सर्गेई शोइगु के साथ प्योंगयांग में एक बैठक के दौरान किम ने कहा कि उत्तर कोरिया रूस और सभी महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक मामलों पर उसकी विदेश नीतियों का बिना शर्त समर्थन करेगा. उत्तर कोरिया और रूस ने अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के शक्तिशाली और व्यापक संबंधों में बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की.
यूक्रेन के खिलाफ नॉर्थ कोरिया के सैनिकों ने लड़ी जंग, किम के बैलिस्टिक मिसाइल ने कीव को पहुंचाया नुकसान
रूस-यूक्रेन के युद्ध के दौरान उत्तर कोरिया, रूस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा है. युद्ध के दौरान वेस्ट ने जहां रूस पर तमाम प्रतिबंध लगाए, हथियारों को पहुंचने से रोका वहीं, 2024 में, उत्तर कोरिया ने रूस को कम से कम 100 बैलिस्टिक मिसाइलें भेजी थीं. रूस ने इन मिसाइलों का इस्तेमाल यूक्रेन में नागरिक बुनियादी ढांचे को नष्ट करने और कीव और जापोरिज्जिया जैसे आबादी वाले क्षेत्रों पर हमले करने के लिए किया था.
इसके अलावा पिछले साल खुलासा हुआ था कि कुर्स्क क्षेत्र में रूसी सैनिकों की वर्दी पहने उत्तर कोरिया के सैनिक जंग में उतरे हैं. संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा और जापान समेत कई देशों ने कहा था कि प्योंगयांग ने 2024 के अंत में पूर्वी रूस में 11,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया था.
पश्चिमी देशों के दावे पर रूस और उत्तर कोरिया ने कभी भी जवाब नहीं दिया, लेकिन अब रूस के साथ-साथ यूक्रेन ने भी स्वीकार कर लिया है कि रूस की ओर से किम के सैनिक युद्ध लड़े थे. किम जोंग ने ये भी घोषणा की है, कि आगे भी रूस को भेजते रहेंगे सैनिक.