खाड़ी देश कुवैत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने देश के सर्वोच्च सम्मान द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर से नवाजा है. पीएम मोदी से पहले कुवैत का ये नाइटहुड ऑर्डर प्रिंस चार्ल्स, बिल क्लिंटन और जॉर्ज बुश को दिया जा चुका है.
पीएम मोदी को ये सम्मान, भारत और कुवैत के संबंधों में नया आयाम जोड़ने में सहायक होगा. मोदी इन दिनों दो दिवसीय दौरे पर कुवैत में हैं (21-22 दिसंबर).
रविवार को कुवैत के आमीर शेख मेशल अल अहमद अल जाबेर अल सबाह ने प्रधानमंत्री को अल कबीर अवार्ड से सम्मानित किया.
पिछले 43 साल में पहली बार भारत का कोई प्रधानमंत्री कुवैत के दौरे पर गया है. आखिरी बार वर्ष 1981 में तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी खाड़ी के इस सबसे छोटे से देश गई थी. (https://x.com/narendramodi/status/1870785734619398421)
क्षेत्रफल और जनसंख्या में बेहद कम होने के बावजूद कुवैत एक संपन्न राष्ट्र है. इसका बड़ा कारण है यहां मिलने वाले तेल के कुएं और पेट्रोलियम उत्पाद.
भारत और कुवैत के बीच घनिष्ठ व्यापारिक संबंध हैं. दोनों देशों के बीच करीब 10.47 बिलियन डॉलर का व्यापार होता है. आंकड़ों की मानें तो कुवैत, भारत को कच्चे तेल सप्लाई करने वाले देशों में छठे स्थान पर है और देश की तीन प्रतिशत जरूरतों को पूरा करता है. बदले में भारत कुवैत को दो बिलियन डॉलर का निर्यात करता है.
साथ ही करीब 10 लाख भारतीय मूल के नागरिक कुवैत में रहते हैं जो कुल आबादी का 21 प्रतिशत हैं. साथ ही कुवैत के कुल वर्क-फोर्स में भारतीयों की करीब 30 प्रतिशत भागीदारी है. (https://x.com/narendramodi/status/1870721017154576887)
देश की कमान संभालने के बाद से पीएम मोदी को करीब 20 देशों ने सर्वोच्च सम्मान से नवाजा है. इनमें रूस, यूएई, बहरीन, गुयाना, मॉरीशस, बारबाडोस, फिलिस्तीन, मिस्र, पापुआ न्यू गिनी और भूटान शामिल हैं.
कुवैत से रक्षा सहयोग पर करार
पीएम मोदी के कुवैत दौरे के दौरान दोनों देशों ने रक्षा क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ाने पर करार किया है. इस करार के तहत दोनों देशों के सैनिक साझा ट्रेनिंग करेंगे और युद्धाभ्यास भी करेंगे. साथ ही डिफेंस उद्योग में परस्पर सहयोग करने के अलावा सैन्य उपकरणों की सप्लाई भी करेंगे. रक्षा के क्षेत्र में रिसर्च और डेवलपेमेंट मे भी हिस्सा लेंगे.