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30 अक्टूबर से होगी LAC पर पैट्रोलिंग, डिसएंगेजमेंट भी होगा पूरा

पूर्वी लद्दाख से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के विवादित डेप्सांग और डेमचोक इलाके में भारत और चीन के बीच शुरू हुई डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया इसी महीने की 28-29 (अक्टूबर) तक पूरी होने की संभावना है. इसके साथ ही दोनों देशों की सेनाएं महीने के आखिर से एलएसी पर पैट्रोलिंग करना भी शुरू कर देंगी.

भारतीय सेना के सूत्रों के मुताबिक, डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया यानी दोनों देशों के सैनिकों के पीछे हटने के साथ ही ‘मॉनिटरिंग और सर्विलांस; भी शुरू हो जाएगा. इसे ड्रोन के जरिए पूरा किया जा सकेगा.

सूत्रों के मुताबिक, भारतीय सेना अपने ‘पारंपरिक पैट्रोलिंग पॉइंट’ तक गश्त करेगी. इसके लिए पैट्रोलिंग टीम में सैनिकों की संख्या कितनी होगी, ये भी तय कर लिया गया है. सूत्रों के मुताबिक, दोनों देशों के स्थानीय मिलिट्री कमांडर से बात को तय करेंगे कि पैट्रोलिंग के दौरान फिर से फेस-ऑफ जैसी स्थिति ना बन जाए.

जानकारी के मुताबिक, फील्ड कमांडर बातचीत के दौरान ये भी सुनिश्चित करेंगे कि डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया के दौरान सैनिकों के साथ-साथ हथियार, मिलिट्री व्हीकल्स और टेंट इत्यादि को भी पीछे खिसका लिए जाए.

शुक्रवार को जम्मू कश्मीर के उधमपुर में भारतीय सेना की उत्तरी कमान के कमांडिंग इन चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल सुचिंद्र कुमार ने डिसएंगेजमेंट के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि नॉर्दन थिएटर (चीनी सीमा) में सेना अपनी ‘क्षमताओं को मजबूत’ करती रहेगी. इसके लिए उत्तरी सीमा पर ‘मल्टी-एजेंसी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट ड्राइव’ चलाई गई है ताकि सीमावर्ती इलाकों में कनेक्टिविटी को बढ़ाया जा सके.

ले.जनरल कुमार ने बताया कि सैनिकों की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए नए हथियार और सैन्य उपकरणों को खरीदा जा रहा है तो इस्तेमाल किए जाने वाले अस्त्र-शस्त्रों को मॉडिफाई या फिर ओवरहालिंग की जा रही है ताकि उनकी ऑपरेशन क्षमताएं बढ़ाई जा सके.

शुक्रवार को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जायिन ने बताया कि भारत और चीन के सैनिक फ्रंट लाइन से दोनों देशों के सैनिक बेहद शांति तरीके से प्रगति कर रहे हैं. प्रवक्ता के मुताबिक, भारत और चीन के बीच जो प्रस्ताव पारित (करार) किया गया है उसके मुताबिक ही ये कार्य चल रहा है. (https://x.com/ChinaDaily/status/1849745398791012862)

सोमवार (21 अक्टूबर) को भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर डिसएंगेजमेंट करार हुआ था, उसके बाद पिछले साढ़े चार साल से एलएसी पर बंद पैट्रोलिंग को शुरू करने पर सहमति बन गई है.

गुरुवार को शुरू हुई डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया में डेप्सांग और डेमचोक, दोनों ही जगह भारत और चीन के सैनिकों ने पीछे हटना शुरु कर दिया है. साथ ही दोनों देशों द्वारा आमने सामने लगाए गए टेंट और तंबूओं को हटाना भी शुरू कर दिया गया है. डेप्सांग प्लेन में चीनी सेना ने मिलिट्री व्हीकल्स के बीच में जो तंबू लगाए थे, उन्हें हटा लिया गया है.

जानकारी के मुताबिक, डिसएंगेजमेंट के बाद स्थानीय चरवाहे अपनी भेड़-बकरियों को चराने के लिए एलएसी पर भी जा सकेंगे. (मोदी Xi की पांच साल बाद मुलाकात, वैश्विक शांति में मिलेगी मदद)

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