मिग-21 फाइटर जेट के रिटायरमेंट से पहले रक्षा मंत्रालय ने एचएएल के साथ 62,370 करोड़ का सौदा साइन किया है. गुरुवार को रक्षा मंत्रालय ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ भारतीय वायु सेना के लिए 97 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) मार्क-1ए की खरीद के लिए करार किया है.
डील के मुताबिक, 97 तेजस एलसीए एमके 1ए विमान वायुसेना को मिलेंगे. जिनमें 68 लड़ाकू विमान, 29 ट्रेनर विमान होंगे. साल 2027-28 से इन विमानों की डिलीवरी शुरू होगी. खास बात ये है कि इन विमानों में 64% स्वदेशी टेक्नोलॉजी इस्तेमाल की गई है.
इससे पहले वर्ष 2023 में भी रक्षा मंत्रालय ने एचएएल के साथ 83 मार्क-1ए वर्जन का करार किया था. उसकी कीमत करीब 48 हजार करोड़ थी.
7-8 वर्षों में 180 एलसीए फाइटर जेट तैयार हो जाएंगे: सीएमडी, एचएएल
मिग-21 के रिप्लेसमेंट के लिए सरकार ने एलसीए तेजस फाइटर जेट को चुना है. करार के बाद एचएएल के सीएमडी (चैयरमेन कम मैनेजिंग डायरेक्टर) डी के सुनील ने बताया कि अगले 7-8 वर्षों में सभी 180 एलसीए फाइटर जेट बनकर तैयार हो जाएंगे.
सीएमडी के मुताबिक, अमेरिका से एलसीए मार्क-1ए के लिए तीन एविएशन इंजन (एफ-404) मिल चुके हैं. इन इंजन से लैस मार्क-1ए वर्जन की पहली उड़ान अगले महीने होने जा रही है. इसके बाद इन तीनों लड़ाकू विमानों को वायुसेना को सौंप दिया जाएगा.
97 मार्क-1 ए फाइटर जेट में 68 सिंगल सीटर लड़ाकू विमान हैं और 29 टूइन सीटर ट्रेनिंग विमान हैं. इन विमानों में करीब 64 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री होगी.
अमेरिका इंजन सप्लाई न होने से विलंब से चल रहा है प्रोजेक्ट: डी के सुनील
एचएएल के सीएमडी डीके सुनील के मुताबिक, नए 97 एलसीए, 83 वाली खेप से आएसा रडार और इलेक्ट्रोनिक वॉरफेयर सूट के चलते थोड़ा उन्नत होंगे. हालांकि, अमेरिका से इंजन की सप्लाई में काफी देरी हुई है. ऐसे में एलसीए प्रोजेक्ट भी दो वर्ष पीछे चल रहा है.
डीके सुनील के मुताबिक, अमेरिकी कंपनी जीई ने भरोसा दिया है कि अब एविएशन इंजन का सप्लाई सुचारु रुप से होगी. इ्स वित्तीय वर्ष (2025-26) में कुल 12 एविएशन इंजन एचएएल को मिल जाएंगे. इसके साथ ही एचएएल ने एलसीए के निर्माण के लिए कुल तीन प्रोडक्शन लाइन शुरु कर दी है ताकि वायुसेना को सप्लाई सही समय पर की जा सके (02 बेंगलुरु और 01 नासिक में).
मिग से उन्नत किस्म के है एलसीए 1 फाइटर जेट: सीएमडी
मिग 21 के रिटायरमेंट होने को सीएमडी ने एक भावुक क्षण बताया है. डी के सुनील ने कहा, एचएएल का भी मिग-21 से गहरा नाता रहा है. क्योंकि वायुसेना द्वारा ऑपरेट किए जाने वाले कुल 800 मिग-21 फाइटर जेट में से 600 का निर्माण भारत में ही एचएएल ने रुस से लाइसेंस लेकर किया था.
एचएएल के सीएमडी ने कहा, कि एलसीए, मिग-21 को रिप्लेस कर रहा है. मिग से बेहद उन्नत किस्म के हैं. क्योंकि मिग-21 का डिजाइन और तकनीक 60 के दशक की थी, जबकि एलसीएएक आधुनिक फाइटर जेट है.