स्वदेशी फाइटर जेट एलसीए मार्क-1ए अब जुलाई तक भारतीय वायुसेना को मिलने की उम्मीद है. फिलहाल मार्क-1ए में हथियारों के इंटीग्रेशन के साथ परीक्षण चल रहे हैं. इससे पहले मार्च में बिना हथियारों के साथ मार्क-1ए की पहली उड़ान हो चुकी है.
वायुसेना के मुताबिक, “भारतीय वायुसेना और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एचएएल (हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड) ने हाल ही में लड़ाकू विमान तेजस परियोजना की समीक्षा की है और अब इसे इस साल जुलाई तक वायुसेना को सौंपे जाने की उम्मीद है.” एचएएल ने लड़ाकू विमान की पहली उड़ान सफलतापूर्वक पूरी कर ली थी और वायुसेना को सौंपने से पहले कई अन्य परीक्षणों को पूरा किया जाएगा. स्वदेशी लड़ाकू विमान को शामिल करना रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा और इस अवसर पर प्रधानमंत्री को भी आमंत्रित किया जा सकता है.
83 विमानों का ऑर्डर, 97 तेजस का टेंडर
भारतीय वायुसेना ने 83 तेजस एमके-1ए का ऑर्डर एचएएल को दिया था. इसके लिए 48 हजार करोड़ रुपए की लागत आई है. वायुसेना अब 97 और तेजस का ऑर्डर देने पर विचार कर रही है. इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 97 विमानों के लिए 65,000 करोड़ रुपये का एक और ऑर्डर दिए जाने की उम्मीद है. रक्षा मंत्रालय ने एचएएल को 97 स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस मार्क 1ए खरीदने के लिए एक टेंडर जारी कर दिया है. यह टेंडर भारत सरकार द्वारा स्वदेशी सैन्य उपकरणों के लिए दिया गया अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर है. एचएएल को तीन महीने के अंदर टेंडर पर जवाब देना है.
मिग-21, मिग-23 और मिग-27 विमानों को करेगा रिप्लेस
पाकिस्तान सीमा से सटे राजस्थान के नाल एयरबेस (बीकानेर) पर मार्क 1ए की पहली स्क्वाड्रन तैनात की जाएगी जिसे कोबरा के नाम से जाना जाएगा. इस साल के अंत तक नाल में लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) मार्क 1ए की पूरी स्क्वाड्रन तैयार हो जाएगी. शुरुआत में मार्क 1ए की तीन स्क्वाड्रन को खड़ा किया जाएगा. ये तीनों ही स्क्वाड्रन वेस्टर्न बॉर्डर यानी पाकिस्तानी से सटी सीमा के फॉरवर्ड लोकेशन एयरबेस पर तैनात की जाएगी. माना जा रहा है कि दूसरी स्क्वाड्रन गुजरात के कच्छ में नलिया एयर बेस पर तैनात की जाएगी.
एलसीए तेजस से ज्यादा घातक है मार्क-1ए
वर्ष 2021 में रक्षा मंत्रालय ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से 83 एलसीए मार्क 1ए लड़ाकू विमानों का सौदा किया था. इनमें से 10 मार्क 1ए ट्रेनर एयरक्राफ्ट हैं. एचएएल का दावा है कि 2027-28 तक वायुसेना को सभी मार्क 1ए एयरक्राफ्ट मिल जाएंगे. मार्क 1ए फाइटर जेट बीवीआर यानी बियोंड विजुअल रेंज मिसाइल, एयर टू एयर रिफ्यूलिंग, आइसा रडार, इलेक्ट्रोनिक वारफेयर सूट और अर्ली वार्निंग रडार सिस्टम के चलते एलसीए तेजस (मार्क-1) से ज्यादा घातक है.
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