दीवाली से पहले, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने देश को दी है एलसीए तेजस के एडवांस वर्जन के तौर पर खास सौगात. शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में नासिक में स्वदेशी फाइटर जेट एलसीए मार्क-1ए ने पहली उड़ान भरी.
नासिक में मार्क-1ए की नई असंबेली लाइन
बेंगलुरु के बाद नासिक में भी एचएएल ने लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट की एक नई असेंबली लाइन शुरु कर दी है.
मार्क-1ए वर्जन एलसीए-तेजस से हथियारों और एवियोनिक्स के मामले में बेहद उन्नत हैं. मार्क-1ए लड़ाकू विमान, बियोंड विजुअल रेंज (बीवीआर) यानी करीब 200 किलोमीटर की रेंज वाली आसमान से आसमान में मार करनी वाली मिसाइल से लेकर 360 डिग्री नजर रखने वाली आइसा रडार, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट, आसमान में रिफ्यूलिंग और अर्ली वार्निंग रडार से लैस है.
शुक्रवार को पहली फ्लाइट के दौरान, नासिक में ही तैयार किए सुखोई फाइटर जेट और स्वदेशी ट्रेनर एयरक्राफ्ट, हिंदुस्तान ट्रबो ट्रांसपोर्ट (एचटीटी-40) के साथ फ्लाई किया। साथ ही आसमान में मैन्युवर भी किया.
एचएएल पर वायुसेना को भरोसा: राजनाथ
इस दौरान एचएएल के कर्मचारियों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि “जहां तक हमारी वायुसेना की बात है, तो जिस शौर्य और पराक्रम के साथ, इन्होंने भारत की वायु सीमा को सुरक्षित रखा है, वह अपने आप में काबिले-तारीफ है. हमारे प्रत्येक एयर वॉरियर के पराक्रम पर इस देश के बच्चे-बच्चे तक को भरोसा है और मैं समझता हूं कि जिस तरह से उन एयर वॉरियर्स का भरोसा एचएएल के ऊपर है, वह भी अपने आप में, आप लोगों के लिए प्रेरणादायक है.”
रक्षा क्षेत्र में 65 प्रतिशत आत्मनिर्भरता: राजनाथ
रक्षा क्षेत्र में लगातार बढ़ रही आत्मनिर्भरता पर राजनाथ सिंह ने कहा कि “एक समय था, जब देश रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए अन्य देशों पर निर्भर था, और लगभग 65-70 प्रतिशत सैन्य उपकरण आयात किए जाते थे. लेकिन आज इस स्थिति में बदलाव आया है, अब भारत 65 प्रतिशत निर्माण अपनी ही धरती पर कर रहा है.”
रक्षा मंत्री ने कहा कि “बहुत जल्द हम अपनी घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को भी 100% तक ले जाएंगे.”
फर्स्ट फ्लाइट के बाद मिसाइल परीक्षण जल्द
शुक्रवार की फ्लाइट के बाद जल्द ही इस फाइटर जेट से मिसाइल दागने का परीक्षण किया जाएगा. सभी वेपन के इंटीग्रेट होने के बाद मार्क-1ए लड़ाकू विमान, भारतीय वायुसेना में शामिल होने के लिए तैयार हो जाएंगे. एचएएल के मुताबिक, बेंगलुरु और नासिक में मिलाकर मार्क-1ए के कुल 10 फाइटर जेट तैयार हो चुके हैं. इनमें अमेरिका से मिले एफ-404 एविएशन इंजन भी लगने शुरू हो चुके हैं. दो वर्ष के देरी के बाद एचएएल को अमेरिकी कंपनी जीई से 99 में से 04 इंजन मिल चुके हैं. इस वर्ष 08 अन्य इंजन भी मिल सकते हैं.
मिग-21 के रिटायरमेंट के बाद वायुसेना की स्क्वाड्रन घटी
पिछले महीने वायुसेना के पुराने पड़ चुके मिग-21 फाइटर जेट भी रिटायर हो चुके हैं. ऐसे में वायुसेना की स्क्वाड्रन की कमी इन मार्क-1ए से पूरी की जाएगी. नासिक में ही पिछले 60 वर्षों से ही एचएएल की फैसिलिटी में मिग-21 बनाए जाते थे. साथ ही रूस की मदद से सुखोई फाइटर जेट भी बनाए गए थे.
एचएएल को 180 मार्क-1ए के ऑर्डर
पिछले महीने ही सरकार ने वायुसेना के लिए अतिरिक्त 97 स्वदेशी लड़ाकू विमान, एलसीए मार्क-1ए की खरीद को हरी झंडी दी थी. इस खरीद की कुल कीमत करीब 62 हजार करोड़ है. इससे पहले वर्ष 2021 में रक्षा मंत्रालय ने एचएएल से वायुसेना के लिए 83 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) मार्क-1ए का करार किया था. इस करार की कुल कीमत करीब 48 हजार करोड़ थी. इस तरह वायुसेना को एचएएल से कुल 180 मार्क-1ए फाइट जेट मिलेंगे.
इन एलसीए लड़ाकू विमानों के लिए भारत ने अमेरिका की जीई कंपनी से 99 एफ-404 एविएशन इंजन का सौदा किया है. अमेरिका ने भरोसा दिया है कि कि मार्च 2026 तक कुल 12 इंजन की सप्लाई की जाएगी. एचएएल का दावा है कि इंजन सप्लाई दुरुस्त होने से वायुसेना को इस साल (मार्च 2026) तक 10 लड़ाकू विमानों की सप्लाई हो सकती है.