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आतंकी हमलों के लिए नौसेना से जानकारी लीक

By Khushi Vijai Singh

विशाखापट्टनम में नौसेना के जासूसी मामले की जांच में जुटी एनआईए ने बड़ा खुलासा किया है. खुलासा ये कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई, जासूसी के जरिए भारतीय नौसेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारी को आतंकी हमलों में इस्तेमाल करने की साजिश रच रही थी. इस मामले में एनआईए ने आरोपियों के ठिकानों पर एक बार फिर से छापेमारी की है. 2021 में सामने आए ‘डॉल्फिन-नोज’ मामले में अब तक करीब एक दर्जन गिरफ्तारियां हो चुकी है जिसमें नौसैनिक भी शामिल हैं. 

विशाखापत्तनम के डॉल्फिन-नोज जासूसी मामले में शामिल संदिग्धों पर कार्रवाई करते हुए, एनआईए ने गुजरात और महाराष्ट्र में तीन स्थानों पर व्यापक छापेमारी की. एनआईए ने संदिग्धों के निवासों की तलाशी ली और कई आपत्तिजनक सामग्रियां, जिनमें मोबाइल फोन और दस्तावेज शामिल हैं, जब्त की. 

एनआईए ने नौसेना जासूसी मामले में एक प्रमुख आरोपी इमरान याकूब गिटेली के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. याकूब पर आरोप था कि उसने भारतीय नौसेना के कर्मियों के खातों में पैसे जमा किए थे, जिसके बदले मे पाकिस्तान को संवेदनशील जानकारी लीक की गई थी. 

एनआईए के मुताबिक, याकूब पाकिस्तानी एजेंटों के संपर्क में था और पाकिस्तान यात्रा के दौरान उनसे मुलाकात करता था. पाकिस्तानी आईएसआई एजेंटों के निर्देश पर वह नौसेना कर्मियों के खातों में पैसे ट्रांसफर कर रहा था. याकूब ने अवैध “कपड़े के व्यापार” की आड़ में आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाया था. पाकिस्तानी एजेंट भारतीय नौसेना के जहाजों और पनडुब्बियों की स्थिति और मूवमेंट के बारे में संवेदनशील और वर्गीकृत जानकारी एकत्र कर रहे थे. 

जांच में यह भी पता चला कि कुछ नौसैनिक, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (फेसबुक, व्हाट्सएप इत्यादि) के माध्यम से पाकिस्तानी नागरिकों के संपर्क में आए थे. इन एजेंटों ने महिलाओं के रूप में नौसैनिकों से चैटिंग की और उन्हें पैसे के बदले जानकारी देने के लिए प्रेरित किया.  

एनआईए ने 20 नवंबर 2023 को विशाखापत्तनम जासूसी मामले में एक और आरोपी अमान सलीम शेख को गिरफ्तार किया था. अमान पर आरोप है कि उसने पाकिस्तानी जासूसों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे सिम कार्ड को सक्रिय किया था. 

एनआईए ने जून 2023 में इस मामले को अपने हाथ में लिया था. एनआईए की जांच से पता चला है कि पाकिस्तानी एजेंट्स ने इस जासूसी रैकेट में गिरफ्तार आरोपियों के साथ मिलकर काम किया था. इस मामले की जांच अभी भी जारी है. एनआईए ने जांच के दौरान कई मोबाइल फोन और संवेदनशील दस्तावेज जब्त किए हैं.

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