भारत से रिश्ते और मजबूत करते हुए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के बाद अब मालदीव के विदेश मंत्री डॉ. अब्दुल्ला खलील तीन दिन के भारत दौरे पर पहुंचे हैं. चीन की दोस्ती को पीछे छोड़ते हुए मालदीव अपने परंपरागत दोस्त के साथ ही गठजोड़ मजबूत कर रहा है.
मुइज्जू के मंत्री ऐसे वक्त में भारत आए हैं, जब हाल ही में अमेरिका के मीडिया हाउस ने भारत और मालदीव के संबंधों में सेंध लगाने के लिए बेबुनियाद और तर्कहीन रिपोर्ट प्रकाशित की है. भारत ने अमेरिकी रिपोर्ट को पूरी तरह से खारिज कर दिया है.
इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मालदीव के समकक्ष को भरोसा दिया कि “भारत, आपके साथ हमेशा खड़ा है. भारत और मालदीव के बीच निकटता हिंद महासागर की सुरक्षा के दृष्टिकोण से बेहद अहम है.”
मालदीव के साथ हमेशा खड़े हैं: एस जयशंकर
मालदीव के विदेश मंत्री से द्विपक्षीय वार्ता के बाद एस जयशंकर ने कहा, “सीमा पार लेनदेन के लिए स्थानीय मुद्राओं के उपयोग को बढ़ावा देने की रूपरेखा पर हस्ताक्षर किए गए हैं. हमने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी भागीदारी बढ़ाई है और मैं यह कहना चाहता हूं कि भारत हमेशा मालदीव के साथ खड़ा रहा है. आप हमारी पड़ोस पहले की नीति में बहुत महत्व रखते हैं.
भारत के लिए मालदीव के साथ सहयोग हमारी पड़ोस पहले नीति का शानदार उदाहरण है.” विदेश मंत्री ने मालदीव को भारत की ओर से दी गई आर्थिक सहायता के बारे में भी जानकारी दी. एस जयशंकर ने कहा- “हमें निश्चित रूप से उम्मीद है कि हमारे संबंधों ने कठिन समय में आपकी मदद की है.”
मालदीव के विदेश मंत्री ने की भारत की सराहना
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि मालदीव के विदेश मंत्री ने जरूरत के वक्त भारत द्वारा मालदीव को दी गई आपातकालीन वित्तीय सहायता की सराहना की है. विदेश मंत्रालय ने कहा- “विदेश मंत्री खलील ने भारत-मालदीव व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी के संयुक्त दृष्टिकोण को साकार करने में भारत सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए राष्ट्रपति मुइज्जु और मालदीव सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि की.”
मुइज्जू के खिलाफ भारत का नाम लेना अमेरिकी मीडिया की साजिश: रणधीर जायसवाल
विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी मीडिया की उस रिपोर्ट की निंदा की है, जिसमें ये कहा गया था कि मालदीव के राष्ट्रपति को हटाने के लिए मालदीव की विपक्षी पार्टी ने भारत से 06 मिलियन डॉलर की मदद मांगी थी.
रणधीर जायसवाल ने कहा, “भारत के खिलाफ अमेरिका का मीडिया हाउस और पत्रकार दोनों कंपल्सिव हॉस्टिलिटी (जबर्दस्त दुश्मनी) रखता है. आप उनकी एक्टिविटी का एक पैटर्न देख सकते हैं. मैं उनकी क्रेडिबिलिटी का फैसला आप पर छोड़ता हूं. जहां तक हमारा सवाल है, हमारे लिए उनकी कोई क्रेडिबिलिटी नहीं है.”