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Maldives को टूरिस्ट चाहिए या चीन !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पंगा लेने के बाद मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू अब चीन की गोद में जाकर बैठ गए हैं. सोमवार को मुइज्जू अपनी पत्नी के साथ पांच दिवसीय दौरे पर बीजिंग पहुंचे. इस दौरान उनकी मुलाकात चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से होने है. इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार और आर्थिक मुद्दों पर समझौता होना माना जा रहा है. 

हमेशा से ये परंपरा रही है कि मालदीव में सरकार बनने के बाद मालदीव के राष्ट्रपति भारत का दौरा करते थे. लेकिन मुइज्जू चीन के पिछल्लगू हैं. चीन ही नहीं मुइज्जू सत्ता में आने के बाद सबसे पहले टर्की का दौरा कर चुके हैं.

मालदीव के राष्ट्रपति की चीन भक्ति

मोहम्मद मुइज्जु नवंबर में मालदीव के राष्ट्रपति बने. मुइज्जू की दूसरी आधिकारिक विदेश यात्रा चीन की है. ऐसा कम ही देखने को मिला है कि सत्ता में आने के बाद मालदीव के राष्ट्रपति ने भारत की यात्रा न की हो. इससे पहले मालदीव के पूर्व राष्ट्रपतियों ने भारत को अपने पहले दौरे के तौर पर चुना था. कट्टर भारत विरोधी नेता मोहम्मद वाहिद भी साल 2012 में और अब्दुल्ला यामीन ने भी अपनी यात्रा के लिए भारत को ही प्राथमिकता दी थी, लेकिन मुइज्जू ने चीन का प्राथमिकता दी है. सोमवार (8 जनवरी) से 12 जनवरी तक मुइज्जू और उनकी पत्नी साजिदा मोहम्मद चीन की मेहमान है. रेड कार्पेट पर खुद चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग स्वागत करेंगे. मुइज्जू के स्वागत में शी जिनपिंग ने भोज का भी आयोजन किया है. चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने मोहम्मद मुइज्जू की यात्रा को भारत-मालदीव के बीच दरार को भड़काया है. ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि “भारत दक्षिण एशिया को अपने प्रभाव क्षेत्र के रूप में देखता है. भारत से पहले चीन जाने के मुइज्जू के फैसले का मतलब यह नहीं है कि मुइज्जू चीन समर्थक और भारत विरोधी हैं.” 

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान भी भारत से सैन्य टुकड़ियों को हटाने का वादा किया था. चुनाव के दौरान मुइज्जू का स्लोगन था ‘इंडिया आउट’. मुइज्जू के भारत विरोधी होने का फायदा चीन को है क्योंकि चीन मालदीव में प्रभाव जमाना चाहता है, जबकि अब से पहले मालदीव में भारत का प्रभाव था. 

महंगा पड़ा मालदीव को भारत से पंगा लेना
मालदीव को भारत से पंगा लेना महंगा पड़ रहा है. हाल ही में पीएम मोदी ने लक्षद्वीप में टहलते हुए अपनी तस्वीर साझा की तो मालदीव के पर्यटन को खासा नुकसान पहुंचा. टूरिस्ट (खासकर भारतीय टूरिस्ट) मालदीव छोड़कर लक्षद्वीप में बुकिंग करा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे को लेकर मालदीव के मंत्रियों ने अपमानजनक टिप्पणी की, जिस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई. भारत ने दिल्ली में मौजूद मालदीव के राजनयिक को भी तलब कर लिया. भारत की आपत्ति के बाद मुइज्जी की सरकार बैकफुट पर आ गई और उसने अपने तीन मंत्रियों को सस्पेंड करके कहा- कि मंत्रियों की व्यक्तिगत राय थी, सरकार का बयान ऐसा नहीं है. भारत में पीएम मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी को लेकर बॉलीवुड से लेकर आम जनता तक ने विरोध जताया है. सोशल मीडिया पर ‘बॉयकॉट मालदीव’, ‘मालदीव बनेगा पाकिस्तान’, ‘लक्षद्वीप टूर’ हैशटैग मुहिम चल रही है. जिसका असर भी दिखा है कि लोगों ने मालदीव की यात्रा तक रद्द कर दी है.

मालदीव की ऑन लाइन बुकिंग कैंसिल

मालदीव से भारतीय सेना आउट और फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ऊटपटांग बयान देने वाले मालदीव को भारत से पंगा लेना महंगा पड़ रहा है. मालदीव के लिए भारत की की जा रही बुकिंग कैंसिल होने से पर्यटन बिजनेस को आर्थिक तौर पर झटका लग रहा है. ऑनलाइन टूर कंपनी इजी माई ट्रिप ने मालदीव के लिए सभी फ्लाइट्स की बुकिंग रद्द कर दी है. कंपनी ने कहा है ‘हम देश के साथ खड़े हैं.’

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