भारत और अफगानिस्तान के बीच बढ़ती मित्रता के पीछे फूट डालने की इंटरनेशनल साजिश रची गई है. वैश्विक आतंकवादी और पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड मसूद अजहर के अफगानिस्तान में छिपे होने की खबर उड़ाई गई. लेकिन तालिबान सरकार के विश्वसनीय सूत्रों ने टीएफए को बताया कि मसूद अजहर के अफगानिस्तान में छिपे होने की अफवाह फैलाई जा रही है, क्योंकि कुछ देश चाहते हैं भारत और तालिबान के बीच दरार पैदा की जाए.
भारत-तालिबान के बीच दूरियां लाने के लिए इंटरनेशनल साजिश
भारत के मोस्टवांटेड मसूद अजहर को लेकर पिछले कुछ दिनों से हवा उड़ाई जा रही थी. चाहे वो सोशल मीडिया हो या फिर बिलावल भुट्टो जैसे पाकिस्तानी सियासतदान, दावा कर रहे थे कि मसूद अजहर अफगानिस्तान के खोस्त प्रांत में है. अफगानिस्तान के खोस्त प्रांत में छिपे होने की खबर के पीछे अंतरराष्ट्रीय साजिश है, जो भारत और अफगानिस्तान के बीच दूरियां बढ़ाना चाहती है. ये कहा है अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने.
ये महज भारत और अफगानिस्तान के बीच अविश्वास फैलाने की कोशिश है. क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में भारत और अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के बीच नजदीकियां बढ़ी हैं.
भारत-तालिबान में की मित्रता किसे अखर रही?
तालिबान के सूत्रों ने ये साफ नहीं किया कि इस तरह की साजिश के पीछे कौन है, लेकिन इशारा पाकिस्तान और अमेरिका की तरफ था. (https://x.com/TPASarah/status/1939403343434027226)
शनिवार को पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने एक इंटरव्यू में कहा था कि मसूद अजहर फिलहाल पाकिस्तान में नहीं है. भुट्टो ने कहा था कि मसूद अजहर अफगानिस्तान में हो सकता है.
भारत के रक्षा-सुरक्षा तंत्र से जुड़े सूत्रों ने भी मसूद अजहर के अफगानिस्तान भागने की खबरों पर शक जताया है. सूत्रों के मुताबिक, ये पाकिस्तान से ध्यान हटाने की कोशिश है. ठीक वैसे ही जैसे अलकायदा का मुखिया पाकिस्तान में छिपा था और अमेरिकी एजेंसियां, अफगानिस्तान की तोरा-बोरा पहाड़ियों में ढूंढ रही थी. बाद में ओसामा को अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए और नेवी सील ने पाकिस्तान के एबटाबाद में ढेर कर दिया था (2011).
हक्कानी नेटवर्क ने भी झाड़ लिया है मसूद से पल्ला
खुद मसूद अजहर, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हक्कानी नेटवर्क का करीबी बताता आया है. अफगान तालिबान के प्रमुख नेता सिराजुद्दीन हक्कानी के साथ नजदीकियों के दावे को हालांकि, हक्कानी ग्रुप ने खारिज कर दिया था.
पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए भारत ने पाकिस्तान में जैश ए मोहम्मद के बहावलपुर स्थित हेडक्वार्टर पर बड़ा एरियल अटैक किया था. इस अटैक में मसूद अजहर के परिवार के सदस्यों सहित 14 करीबियों की मौत हुई थी.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद मरने की ख्वाहिश जाहिर कर चुका है वैश्विक आतंकी
भारत की कार्रवाई के बाद मसूद अजहर का एक बयान भी सामने आया था जिसमें उसने कहा था कि “काश मैं भी मर जाता.” मसूद अजहर ने कहा था कि “सदमा इतना है कि बयान नहीं किया जा सकता लेकिन कोई अफसोस, निराशा, डर या खौफ नहीं है बल्कि बार-बार दिल में आता है कि काश मैं भी चौदह सदस्यों के इस खुशकिस्मत कारवां में शामिल हो जाता.”
बहुत हद तक संभव है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने ही मसूद अजहर को भारत की स्ट्राइक के डर से अंडरग्राउंड कर दिया है. क्योंकि आईएसआई और पाकिस्तानी सेना की सरपरस्ती में ही मसूद भारत के खिलाफ आतंकी हमलों को अंजाम देता है. भारत उसे निशाना बनाने के लिए फिर से पाकिस्तान पर स्ट्राइक न कर दे, इसके लिए अफगानिस्तान की थ्योरी शुरु कर दी गई है.
बिलावल भुट्टो ने कहा है कि “अगर भारत सरकार हमसे यह सूचना साझा करती है कि मसूद पाकिस्तान की धरती पर है, तो हम वादा करते है कि उसे गिरफ्तार करें और ऐसा करने में हमें खुशी होगी. भारत ने अभी तक अजहर के पाकिस्तान में होने के कोई सबूत नहीं दिए हैं.”
वैश्विक आतंकी मसूद अजहर, आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक है और 2001 के संसद हमले, मुंबई के 26/11 टेरर अटैक, 2016 में पठानकोट हमले सहित 2019 के पुलवामा हमले में शामिल रहा है.
जिस बिल्डिंग से मोदी और नेतन्याहू के खिलाफ उगली आग, उसे किया गया तबाह
बालाकोट एयर-स्ट्राइक (फरवरी 2019) के बाद से पाकिस्तान में छिपकर रह रहा आतंकी मसूद अजहर पिछले साल यानी 2024 में बहावलपुर में नजर आया था. उस दौरान मसूद अजहर ने ना सिर्फ भारत बल्कि इजरायल के खिलाफ भी खूब जहर उगला था. ग्लोबल आतंकी ने भारत के खिलाफ मुसलमानों को उकसाया था. पीएम मोदी और बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ अनाप शनाप बातें बोली थीं. मसूद अजहर के इस भाषण का वीडियो भी सामने आया था.
वीडियों में आतंकी मसूद का भाषण बहावलपुर के उम्म-उल-क़ुरा मदरसा और मस्जिद परिसर का बताया गया था. ये वही जगह थी जिसे ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारी नुकसान पहुंचाया गया था.