खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के मामले में रॉ के एक तथाकथित अधिकारी विक्रम यादव पर अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट को भारत ने एक सिरे से खारिज कर दिया है. विदेश मंत्रालय ने रिपोर्ट को ‘काल्पनिक’ और ‘गैर-जिम्मेदार’ ठहराया है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के मुताबिक, “अमेरिकी सरकार ने संगठित अपराधियों और आतंकियों इत्यादि से जुड़े सुरक्षा के जिन मुद्दों को साझा किया है उन पर भारत सरकार द्वारा गठित एक उच्च स्तरीय कमेटी जांच कर रही है. ऐसे में इस पर काल्पनिक और गैर-जिम्मेदार टिप्पणियां किसी मदद की नहीं हैं.” जायसवाल के मुताबिक, मीडिया रिपोर्ट में एक संजीदा मामले पर “गैर-जरूरी और बिना किसी तथ्य के इल्जाम लगाए गए हैं.”
सोमवार को यूएस मीडिया में पन्नू की जांच से जुड़े मामले में भारत की सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (आर एंड ए डब्लू यानी रॉ) के एक सीनियर फील्ड ऑफिसर के नाम को उजागर किया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक, रॉ के अधिकारी ‘विक्रम यादव’ ने चेक गणराज्य में रह रहे निखिल गुप्ता उर्फ निक को पन्नू की हत्या कराने का आदेश दिया था. न्यूयॉर्क कोर्ट में दायर यूएस जस्टिस डिपार्टमेंट की चार्जशीट में रॉ के इस अधिकारी को ‘सीसी-1’ नाम दिया गया है. चार्जशीट में भारत के किसी भी अधिकारी का नाम उजागर नहीं किया गया है. मीडिया रिपोर्ट में रॉ के तत्कालीन चीफ (सेक्रेटरी) सामंत गोयल पर भी पन्नू की हत्या की साजिश की जानकारी होने का आरोप लगाया गया है (अमेरिका का सीसी-1 है RAW का ‘विक्रम यादव’ ?).
पिछले साल जून के महीने में न्यूयॉर्क पुलिस की सूचना पर चेक गणराज्य ने भारतीय मूल के नागरिक निक को गिरफ्तार किया था. निक पर पन्नू की हत्या के लिए अमेरिकी ‘ड्रग एनफोर्समेंट एजेंसी’ (डीएई) के एक ‘सोर्स’ और अधिकारी को हिटमैन समझकर सुपारी देने का गंभीर आरोप लगाया गया था. भारत ने अमेरिका के सभी आरोपों को एक सिरे से नकार दिया है. हालांकि, जो सबूत अमेरिका ने सौंपे हैं उसके आधार पर भारत ने एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित कर दी है ताकि आरोपों की सच्चाई तक पहुंचा जा सके.