तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के बाद विदेशों में छिपे मोस्टवांटेड और वांटेड में मच गया है हड़कंप. ये मोस्ट वांटेड चाहे आतंकी हों या फिर आर्थिक अपराधों के हों. इसी कड़ी में भारत के बैंकिंग सेक्टर में सबसे बड़े घोटाले के मुख्य आरोपी को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया है. बताया जा रहा है मेहुल चोकसी को एक जाल बिछाकर गिरफ्तार किया गया, जब वो कैंसर के इलाज के बहाने बेल्जियम गया था. मेहुल चोकसी पर भारत में करीब 14 हजार करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप है. माना जा रहा है भारतीय एजेंसियां जल्द ही मेहुल चोकसी को भारत लाने की कोशिश करेंगी.
कैंसर के इलाज का बहाना, बेल्जियम में धरा गया मेहुल चौकसी
बैंकिंग फ्रॉड जिसे लेकर हमेशा से मोदी सरकार को घेरा जाता रहा है, उस बैंकिंग फ्रॉड में मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है. मेहुल चोकसी ने अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक के साथ तकरीबन 14000 करोड़ रुपये का लोन फ्रॉड किया था और भारत छोड़कर भाग गया था. तहव्वुर राणा के भारत लाए जाने के बाद विदेश में छिपे बैठे आरोपियों में दहशत फैल गई है. ऐसे ही वांटेड मेहुल चोकसी कैंसर का इलाज कराने के बहाने बेल्जियम पहुंचा था और वहां से स्विट्जरलैंड भागने की फिराक में था. मगर जब तक वो स्विट्जरलैंड में जाकर छिप पाता, उससे पहले ही भारतीय जांच एजेंसियों के जाल में फंस गया. सीबीआई पिछले दो महीने से बेल्जियम एजेंसियों के संपर्क में थीं. चोकसी से जुड़े तमाम दस्तावेज और ओपन अरेस्ट के कागजात भी बेल्जियम एजेंसियों से शेयर किए गए. इसके बाद बेल्जियम की सुरक्षा एजेंसियों ने चोकसी को पकड़ा.और भारत की अपील में बेल्जियम पुलिस ने मेहुल को गिरफ्तार कर लिया.
बेल्जियम को सीबीआई ने भेजे दस्तावेज, एंटीगुआ से भागकर बेल्जियम पहुंच गया था मेहुल
साल 2017 में मेहुल चोकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता ली थी. इसके एक साल बाद यानी 2018 में मेहुल चोकसी परिवार के साथ एंटीगुआ फरार हुआ था. वहीं, साल 2021 के आखिरी में एंटीगुआ से भी फरार हो गया था. साल 2024 में चोकसी अपनी पत्नी के साथ एंटीगुआ से बेल्जियम भाग गया था. दो सप्ताह पहले ही मेहुल चोकसी और उसकी पत्नी प्रीति चोकसी ने बेल्जियम में रह रहे एक रिश्तेदार की मदद से एफ रेजिडेंसी कार्ड प्राप्त किया है.
सरकार ने ऐसे बिछाया जाल, जल्द भारत लाया जा सकता है मेहुल
अब जब मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी कर ली गई है तो माना जा रहा है.चोकसी को जल्द भारत लाया जा सकता है, क्योंकि भारत और बेल्जियम के बीच प्रत्यर्पण संधि है. साल 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और बेल्जियम के मध्य प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर को मंजूरी दी थी. भारत और बेल्जियम के बीच होने वाली इस नए समझौते ने 1901 में ब्रिटेन और बेल्जियम के बीच हुई संधि का स्थान लिया, जो स्वतंत्रता हासिल करने से पूर्व भारत पर भी लागू हो गई थी. चोकसी ने एंटीगुआ और बरबूडा की नागरिकता हासिल कर ली थी, लेकिन भारत के साथ एंटीगुआ और बरबूडा के साथ कोई प्रत्यपर्ण संधि नहीं है. माना जा रहा है बेल्जियम से चोकसी को भारत लाकर उसके गुनाहों की सजा दी जाएगी.
मामले पर हमारी कड़ी नजर है:बेल्जियम सरकार
मेहुल चोकसी पर आईपीसी और पीएमएलए की कई धाराओं के तहत धोखाधड़ी, साजिश रचने, विश्वासघात और भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया गया है. सीबीआई और ईडी की ओर से फरार होने के अलावा मेहुल को भारत सरकार मे भगोड़ा आर्थिक अपराधी यानी एफईओ भी घोषित किया है. पिछले महीने बेल्जियम सरकार ने चोकसी की उनके देश में होने की पुष्टि की थी. बेल्जियम के फेडरल पब्लिक सर्विस (एफपीसी) फॉरेन अफेयर्स में प्रवक्ता डेविड जॉर्डन ने कहा कि सरकार मामले पर कड़ी नजर बनाए हुए है. पूरे मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है.
साल 2018 में सामने आया था बैंकिंग फ्रॉड
मेहुल चोकसी और नीरव मोदी का ये फ्रॉड करीब 7 साल पहले 2018 में सामने आया था. पीएनबी (पंजाब नेशनल बैंक) ने मेहुल चोकसी, नीरव मोदी और उनके परिवार के सदस्यों और कर्मचारियों के साथ ही बैंक अधिकारियों और अन्य लोगों पर भी लोन फ्रॉड का मामला दर्ज किया गया था. मामले की जांच कर रही एजेंसियों ने ये आरोप लगाया था कि चोकसी, उसकी फर्म गीतांजलि जेम्स और कुछ अन्य लोगों ने कुछ बैंक अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर धोखे से गारंटी पत्र (लेटर ऑफ अंडरटेकिंग) जारी करवाए और तय किए गए प्रोसेस को फॉलो किए बिना विदेशी ऋण पत्र हासिल किए. नीरव मोदी और मेहुल चोकसी एजेंसियों को चकमा देकर भारत से फरार हो गए थे. जिसको लेकर सियासी हलकों में बहुत हंगामा हुआ था. मोदी सरकार को विपक्ष ने ये आरोप लगाते हुए घेरा था, कि वो गुजराती हैं और इसलिए उन्हें देश से भागने दिया गया. भारत से भागने के बाद मेहुल एंटीगुआ और बारबाडोस में रहा है.
एजेंसी ने मेहुल की 2500 करोड़ की संपत्ति सीज की
मुंबई की एक स्पेशल कोर्ट ने अदालत ने फरवरी में मेहुल चोकसी की कंपनी गीतांजलि जेम्स लिमिटेड की 13 प्रॉपर्टी की नीलामी की अनुमति दे दी थी. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले साल दिसंबर में कहा था कि उसने पंजाब नेशनल बैंक में 13,500 करोड़ रुपये के फ्रॉड मामले में फरार मेहुल चोकसी की जब्त की गई 2500 करोड़ रुपये से ज्यादा की प्रॉपर्टी की बहाली शुरू कर दी है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिसंबर में एक बयान जारी कर नीरव मोदी मामले में 1052.58 करोड़ रुपये वसूले जाने की बात कही थी. इन रुपयों को प्राइवेट और सरकारी बैंकों को लौटाने की बात भी कही थी.