चुनाव के आखिरी दौर से ठीक पहले मेटा कंपनी ने चीन से सोशल मीडिया के जरिए भारत के खिलाफ चलाए जा रही साजिश का भंडाफोड़ किया है. मेटा कंपनी ने फेसबुक, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम पर एआई की मदद से खालिस्तान की आग भड़काने वाले दर्जनों फर्जी अकाउंट को ब्लॉक कर दिया है. मेटा के मुताबिक, चीन ने भारत के खिलाफ इस साजिश को ‘ऑपरेशन-के’ का नाम दिया था.
मेटा ने वर्ष 2024 की अपनी क्वाटर्ली रिपोर्ट तैयार की है जिसे ‘एडवर्सरियल थ्रेट’ का नाम दिया गया है. इस रिपोर्ट के जरिए मेटा ने फेसबुक और इंस्टा जैसे सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए दूसरे देशों के खिलाफ चलाए जाने वाले प्रोपेगेंडा और खतरनाक कंटेंट को लेकर बड़ा खुलासा किया है. खुद अमेरिका ने भी हाल ही में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की मदद से भारत के चुनाव को प्रभावित करने की चीनी साजिश के बारे में आगाह किया था. लेकिन खालिस्तान की आड़ में भारत के खिलाफ चीन की इस नई साजिश से दोनों देशों के बीच संबंधों में अधिक कड़वाहट आने की संभावना है.
मेटा की एडवर्सरियल रिपोर्ट के मुताबिक, “फेसबुक पर 37 फर्जी अकाउंट, 13 पेज, पांच ग्रुप और 09 इंस्टा अकाउंट” को बैन (ब्लॉक) किया गया है. ये सभी अकाउंट खालिस्तानी आंदोलन के नाम से चलाए जा रहे थे. मेटा के मुताबिक, ये सभी अकाउंट चीन से संचालित किए जा रहे थे और “भारत, पाकिस्तान, कनाडा, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और नाइजीरिया जैसे देशों में रह रहे अंतरराष्ट्रीय सिख समुदाय को निशाना बनाते थे.”
मेटा के मुताबिक, ऑपरेशन-के जरिए, भारत की सरकार की आलोचना के अलावा अलगाववादी खालिस्तानी आंदोलन को समर्थन किया जा रहा था. साथ ही कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जुड़ी झूठी-सच्ची कहानियां भी सोशल मीडिया पर पोस्ट करते थे. रिपोर्ट के मुताबिक, ये अकाउंट आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों में सिख समुदाय को खालिस्तानी आंदोलन के लिए धरना-प्रदर्शन करने के लिए भी उकसाते थे. इन अकाउंट्स की पोस्ट हिंदी और इंग्लिश, दोनों में होती थी. साथ ही एआई की मदद से एडिटिंग की हुई तस्वीरों को साझा किया जाता था.
मेटा ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि चीन से जो फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट संचालित किए जा रहे थे, उनमे से एक अकाउंट की गतिविधियां बेहद संदिग्ध थी. ये अकाउंट पिछले साल मेटा द्वारा बैन किए गए ‘सीआईबी’ नेटवर्क से जुड़े एक अकाउंट से जुड़ा हो पाया गया है यानी ‘कोऑर्डिनेट्ड इनएप्रोप्रिएट बिहेवियर’. जिस चीनी अकाउंट को 2023 में बैन किया गया था वो भारत और तिब्बत के खिलाफ प्रचार करता था.
मेटा रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि चीन से ओपरेट किए जाने वाले ये फर्जी अकाउंट फेसबुक और इंस्टा तक ही सीमित नहीं थे बल्कि एक्स (ट्विटर) और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के यूजर्स को भी टारगेट करते थे. मेटा के मुताबिक, ये सभी अकाउंट कंपनी की पॉलिसी का उल्लंघन करते पाए गए थे इसलिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से पूरी तरह हटा दिया गया है. मेटा ने ये भी बताया गया कि समय रहते इन अकाउंट को हटाया गया है वर्ना ये अपनी एक बड़ी फॉलोइंग बना सकते थे. मेटा ने बताया कुछ अकाउंट की संदिग्ध गतिविधियों को देखते हुए ऑटोमैटेड सिस्टम से ही निगरानी की जा रही थी और कुछ को जांच के बाद हटाया गया है. मेटा के मुताबिक, जब इन अकाउंट्स को बंद किया गया तब तक इनके 2700 से ज्यादा फॉलोअर्स हो चुके थे और 1300 अकाउंट ने इन फर्जी अकाउंट से जुड़ गए थे. इंस्टा पर भी करीब 100 अकाउंट जुड़ चुके थे.
मेटा ने बताया कि इस रिपोर्ट में चीन के अलावा ‘छह नए कोवर्ट ऑपरेशन’ का पता चला है जो बांग्लादेश, क्रोशिया, ईरान, इजरायल, मोलडावा और मेडागास्कर से संचालित किए जा रहे थे. साथ ही रुस द्वारा चलाए जा रहे लॉन्ग टर्म कोवर्ट ऑपरेशन को भी इस रिपोर्ट में शामिल किया गया है. मेटा अपनी छमाही रिपोर्ट में इस पर विस्तार से खुलासा कर सकती है.