ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यानी एनएसए अजीत डोवल, भारतीय सेना के सभी टॉप मिलिट्री कमांडर्स को संबोधित करने वाले हैं. बताया जा रहा है कि राजधानी दिल्ली में आयोजित तीन दिवसीय (7-9 जुलाई) विशेष कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के नेतृत्व में सभी टॉप कमांडर्स एकत्रित हुए हैं. इस कार्यक्रम में एनएसए अजीत डोवल हिस्सा लेंगे और मिलिट्री कमांडर्स में जोश भरेंगे, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना के एक्शन पर समीक्षा करेंगे.
देश के टॉप मिलिट्री कमांडर्स को संबोधित करेंगे एनएसए
मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) देश के मिलिट्री कमांडर्स को संबोधित करने वाले हैं. माना जा रहा है कि इस सम्मेलन में सेना की ऑपरेश्नल तैयारियों की समीक्षा की जाएगी. साथ ही वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के प्रमोशन संबंधित मामलों पर भी चर्चा की जाएगी. हालांकि इस सम्मेलन के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गई है.
सम्मेलन में थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के अलावा वाइस चीफ, तीनों डिप्टी चीफ, सभी सात कमानों की कमांडर्स और सेना मुख्यालय में तैनात प्रिंसिपल स्टाफ ऑफिसर (पीएसओ) हिस्सा ले रहे हैं.
ऑपरेशन सिंदूर के पीछे था अजीत डोवल का दिमाग, भारतीय सेना का शौर्य
ऑपरेशन सिंदूर (6-10 मई) के दौरान थलसेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद, लश्कर ए तैयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन के टेरर लॉन्च पैंड्स को ध्वस्त किया था. ऑपरेशन के दौरान जिन नौ (09) आतंकी कैंप को निशाना बनाया गया था, उसमें से छह को बर्बाद करने की जिम्मेदारी थलसेना की थी.
आतंकी कैंप को तबाह करने के अलावा, थलसेना ने पाकिस्तान से सटी पूरी पश्चिमी सीमा पर ड्रोन अटैक का भी सफलतापूर्वक मुकाबला किया था. थलसेना ने बीएसएफ (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) और वायुसेना के साथ मिलकर पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल अटैक को पूरी तरह विफल कर दिया था.
ऑपरेशन सिंदूर के एक्शन को लाइव देख रहे थे सैन्य अधिकारी
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान थलसेना प्रमुख, वाइस चीफ और डीजीएमओ अगर वॉर-रूम से पूरी कार्रवाई को लाइव देख रहे थे, तो पश्चिमी सीमा पर तैनात कमान के चार कमांडर वर्चुअली जुड़े हुए थे.
ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को पटखनी देने के बाद पहली बार सभी राजधानी दिल्ली में एक साथ एकत्रित हुए हैं. अजीत डोवल का संबोधन बेहद खास होने वाला है, क्योंकि सरकार की ओर से साफ तौर पर कहा गया है कि ऑपरेशन सिंदूर को पॉज़ किया गया है, अगर कोई भी आतंकी गतिविधि की गई तो सीधे भारत के खिलाफ युद्ध माना जाएगा.