उत्तर कोरिया के दौरे से लौटे रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेतावनी दी है कि अगर दक्षिण कोरिया ने यूक्रेन को घातक हथियार सप्लाई किए तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.
वियतनाम में एक दिवसीय दौरे के दौरान पुतिन ने उत्तर कोरिया से हुए सामरिक समझौते के सवाल के जवाब में कहा कि दक्षिण कोरिया को चिंता की जरूरत नहीं है. क्योंकि रुस, आक्रमण के वक्त ही उत्तर कोरिया की मदद करेगा. लेकिन पुतिन ने साफ किया कि अगर दक्षिण कोरिया ने यूक्रेन को हथियार दिए तो ये उसकी गलती होगी.
वियतनाम से पहले पुतिन ने उत्तर कोरिया का दौरा किया था. इस दौरान पुतिन ने उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के साथ सामरिक समझौता किया था. समझौते के तहत दोनों देशों ने एक दूसरे पर हमले पर हुए हमले में मदद करने का करार किया है. यानी अगर उत्तर कोरिया पर हमला होता है तो रूस मदद करेगा और अगर रूस पर कोई देश हमला करता है तो वो उत्तर कोरिया पर ही हमला माना जाएगा (पुतिन ने ड्राइव की किम जोंग की कार, किया सामरिक समझौता).
रूस और उत्तर कोरिया के समझौते से दक्षिण कोरिया के माथे पर बल पड़ने शुरु हो गए हैं. जवाब में सियोल ने यूक्रेन को हथियार देने पर पुनर्विचार करने का ऐलान किया है.
रुस और उत्तर कोरिया ने ऐसे समय में सामरिक समझौता किया है जब डि-मिलिट्राइज जोन (डीएमजेड) में तनाव बढ़ रहा है और आए-दिन फायरिंग की घटनाएं सामने आ रही हैं. उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच बॉर्डर (बफर जोन) को डीएमजेड के नाम से जाना जाता है.
यूक्रेन युद्ध के दौरान दक्षिण कोरिया लगातार कीव को समर्थन करता आया है. पिछले साल जुलाई (2023) में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति योन सूक योल ने कीव पहुंचकर जेलेंस्की से भी मुलाकात की थी. दक्षिण कोरिया लगातार यूक्रेन को वित्तीय मदद भी दे रहा है और मानवीय सहायता भी पहुंचा रहा है.
दक्षिण कोरिया की हालांकि, नीति रही है कि युद्ध में शामिल देशों को किसी तरह की सैन्य मदद न की जाए. लेकिन रूस और उत्तर कोरिया के समझौते के बाद दक्षिण कोरिया ने अपनी नीति में बदलाव लाने का ऐलान किया है. ऐसे में यूक्रेन वार-जोन से लेकर डीएमजेड तक में युद्ध के बादल छा सकते हैं. क्योंकि उत्तर और दक्षिण कोरिया में दुश्मनी का लंबा इतिहास रहा है.
कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव बढ़ते ही दक्षिण कोरिया ने अपने मित्र-देश अमेरिका से युद्धाभ्यास शुरु कर दिया है.