भारतीय वायुसेना के वर्क-हॉर्स माने जाने वाले एमआई-17वी5 के लिए रक्षा मंत्रालय ने बीईएल से इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) सूट के लगाने के लिए करार किया है. कुल 2385.36 करोड़ के इस एग्रीमेंट में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ईडब्ल्यू सूट के साथ एयरक्राफ्ट मॉडिफिकेशन किट भी मुहैया कराएगा. ईडब्ल्यू सूट का इस्तेमाल दुश्मन के जैमर से बचने के लिए किया जाता है.
रक्षा मंत्रालय ने किया बीईएल से करार
एयरक्राफ्ट का जाम करने के लिए दुश्मन, आसमान में जैमर का इस्तेमाल करता है. ऐसे में ईडब्ल्यू सूट से जैमर का असर नहीं होता है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यह अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट, प्रतिकूल वातावरण में हेलीकॉप्टरों की परिचालन क्षमता को काफी हद तक बढ़ाएगा. इसमें अधिकांश असेंबली और पुर्जे स्वदेशी निर्माताओं से प्राप्त किए जाएंगे.
रूस से लिए एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर को भारतीय वायुसेना, सैनिकों की आवाजाही, स्पेशल ऑपरेशन, लॉजिस्टिक और प्राकृतिक आपदा के समय राहत और बचाव कार्य के लिए इस्तेमाल करती है.
वर्ष 2021 में भारत ने रूस से लिए थे 200 एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर
वर्ष 2012 में भारत ने रूस से करीब 200 एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर खरीदे थे. दो पायलट सहित कुल तीन क्रू से ऑपरेट होने वाले इस हेलीकॉप्टर में दो दर्जन सैनिक उड़ान भर सकते हैं. करीब 8 टन वजन वाले इस हेलीकॉप्टर में 4000 किलो तक का सामान लादा जा सकता है. ये हेलीकॉप्टर करीब 6000 मीटर ऊंचाई तक उड़ान भर सकते हैं. यही वजह है कि वायुसेना इन एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर को हिमालय क्षेत्र में जमकर इस्तेमाल करती है.
एमआई-17 दुनिया के उन चुनिंदा हेलीकॉप्टर में हैं जो 70 के दशक से आज तक बनाए जा रहे हैं. भारत और रूस के अलावा दुनिया के कई दर्जन देश इन हेलीकॉप्टर को फ्लाई करते हैं.
इन हेलीकॉप्टर की भारत सहित कई देशों में क्रैश होने की घटनाएं सामने आई हैं. वर्ष 2021 में तत्कालीन सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी सहित कुल 13 सैन्य अधिकारियों की एमआई-17 हेलीकॉप्टर क्रैश होने के कारण मौत हो गई थी.
बाय-इंडियन आईडीडीएम के तहत एग्रीमेंट
रक्षा मंत्रालय ने इन ईडब्ल्यू सूट और मॉडिफिकेशन किट को रक्षा मंत्रालय ने बाय-इंडियन आईडीडीएम यानी भारतीय-स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित श्रेणी के तहत करार किया है. सोमवार को करार पर हस्ताक्षर रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की उपस्थिति में हुए.
यह परियोजना एमएसएमई सहित भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स और संबद्ध उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देगी और प्रोत्साहित करेगी. एमआई-17 वी5 के लिए सूट स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर क्षमताओं को विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो मेक-इन-इंडिया पहल के अनुरूप देश को आत्मनिर्भर बनाता है.