चीन में आयोजित एससीओ शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया. चाहे वो ग्रुप फोटो का मौका हो या फिर डिनर हॉल. एक ही हॉल में मौजूद पीएम मोदी ने शहबाज शरीफ की ओर देखा तक नहीं, सिर्फ शहबाज ही नहीं तुर्किए के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन से भी दूरी बनाई. पीएम मोदी ने सभी राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की, लेकिन शहबाज और एर्दोगन से हाथ मिलाना तो दूर उन्हें इग्नोर करके आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश दे दिया.
आतंकवाद-बात साथ-साथ नहीं, शहबाज से नहीं की पीएम मोदी ने बात
एससीओ की बैठक के लिए चीन पहुंचे सभी राष्ट्राध्यक्षों के लिए डिनर का आयोजन किया गया था. इस डिनर के हॉल की तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं. जिसमें साफ-साफ देखा जा सकता है कि पीएम मोदी ने पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ की ओर देखा तक नहीं, न तो बात की.
हॉल में मौजूद सभी राष्ट्राध्यक्षों से पीएम मोदी मिलते रहे, बातें करते रहे, लेकिन शहबाज शरीफ के सामने होने के बावजूद भी पीएम मोदी ने नजरअंदाज कर दिया.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद ये पहला मौका था, जब पीएम मोदी और पाकिस्तानी पीएम एक ही आयोजन में पहुंचे हैं.
तुर्किए के खलीफा एर्दोगन से भी पीएम मोदी ने बनाई दूरी
सिर्फ पाकिस्तानी पीएम ही नहीं, तुर्किए के राष्ट्रपति भी ताकते रह गए जब पीएम मोदी ने उन्हें देखा तक नहीं. खुद को मुस्लिम देशों का खलीफा बताने वाले तुर्किए के राष्ट्रपति एर्दोगन भी चीन पहुंचे हैं. लेकिन इस दौरान पीएम मोदी की कूटनीति पाकिस्तान के साथ-साथ तुर्किए पर भी हावी है.
रविवार को तियानजिन में एससीओ के सभी सदस्य एक मंच पर एक साथ मौजूद थे. मौका ग्रुप फोटो का था. फोटो सेशन के बाद पीएम मोदी ने पाकिस्तान और तुर्किए को छोड़ सभी देशों के नेताओं से मुलाकात की. पीएम मोदी ने पाक पीएम शहबाज शरीफ और तुर्किए के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन से दूरी बनाए रखी.
फोटो सेशन के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति, इजिप्ट पीएम, बेलारूस के राष्ट्रपति समेत कई नेताओं से मुलाकात की लेकिन उन्होंने शहबाज और एर्दोगन को नजरअंदाज किया.
पहलगाम नरसंहार के बाद शहबाज-एर्दोगन मुसकुराते नजर आए थे
आपको बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद जब पूरी दुनिया इस हमले की निंदा कर रही थी तो शहबाज और एर्दोगन निंदा करना तो दूर, दोनों एक दूसरे से मुलाकात करते हुए हंस रहे थे. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी तुर्किए ही वो देश था, जो ऑपरेशन की खिलाफत कर रहा था.
बाद में भारत ने एक्शन लेते हुए तुर्किए की कंपनी को बैन कर दिया था साथ ही बायकॉट तुर्किए की मुहिम के जरिए आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया था.
आतंकियों को पनाह देने, ट्रेनिंग देने और भारत की शांति को नुकसान पहुंचाने वाला पाकिस्तान, भारत से बातचीत के लिए चाहे कितना ही गिड़गिड़ा रहा हो, लेकिन भारत की कूटनीति के आगे पाकिस्तान और तुर्किए तियानजिन में पस्त नजर आया.