क्या यूक्रेन के बाद मोल्डोवा पर अटैक करने वाला है रूस. ये आशंका इसलिए जताई जा रही है, क्योंकि रूस की खुफिया एजेंसी ने खुलासा किया है कि कि मोल्डोवा की राष्ट्रपति मैया सांडू, यूक्रेन की सीमा के नजदीक एक सैन्य अभियान शुरु करने वाली हैं. सैंडू, पुतिन की कट्टर विरोधी मानी जाती हैं.
खबर ये भी है कि 25 दिसंबर को एक रूसी मिसाइल ने मोल्डोवा में प्रवेश किया था. रूस और मोल्दोवा एक दूसरे के ऊपर गंभीर आरोप लगा रहे हैं, तो वहीं मोल्डोवा ने रूसी मिसाइल का अपने क्षेत्र में प्रवेश को अंतर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन बताया है. मोल्दोवा की राष्ट्रपति मैया ने इस मंगलवार को ही दोबारा राष्ट्रपति पद की शपथ ली है.
मोल्डोवा में पहुंची रूसी मिसाइल, भड़कीं मोल्दोवा की राष्ट्रपति
25 दिसंबर को यूक्रेन के खिलाफ रूसी सैन्य अभियान के दौरान मिसाइल मे मोल्डोवा में प्रवेश किया. जिसके बाद माल्दोवा की राष्ट्रपति मैया सैंडू भड़क गई हैं. बताया जा रहा है कि रूस की क्रूज मिसाइल मोल्डोवा से पश्चिमी शहर चेर्नित्सि की ओर उड़ रही थी. राष्ट्रपति सैंडू ने कहा है कि रूस के ये हमले स्पष्ट रूप से अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करते हैं. मोल्डोवा, यूक्रेन के साथ पूरी एकजुटता के साथ खड़ा रहेगा. (https://x.com/sandumaiamd/status/1871842496868942187)
मोल्डोवा में बड़ा सैन्य अभियान, अमेरिका ने भेजे हथियार: रूस
रूस की खुफिया एजेंसियों ने मोल्डोवा पर गंभीर आरोप लगाया है. रूसी खुफिया एजेंसियों ने कहा है कि मोल्डोवा की राष्ट्रपति सैंडू यूक्रेन की सीमा के नजदीक ट्रांसनिस्ट्रिया में एक सैन्य अभियान चलाने की योजना बना रही हैं. रूस का मानना है कि मोल्डोवा का यह अभियान युद्ध में भी बदल सकता है.
रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा ने इस मुद्दे पर अमेरिका और नाटो देशों पर निशाना साधते हुए कहा है कि ‘अमेरिका के नेतृत्व में नाटो, मोल्डोवा को यूक्रेन के लिए एक हथियारों के अड्डे में बदल रहा है. इसके लिए पिछले कुछ महीनों में ही नाटो देशों ने बड़ी मात्रा में हथियार मोल्डोवा पहुंचाए हैं.”
जाखारोवा के मुताबिक, “मॉस्को मानता है कि यह हथियार यूक्रेन के लिए ही भेजे गए हैं.” रूस के विदेश मंत्रालय ने ये भी कहा कि राष्ट्रपति (मैया) का पश्चिमी प्रेम किसी से छिपा नहीं है, मोल्डोवा की राष्ट्रपति ने वेस्ट में रहकर पढ़ाई की है.”
यूक्रेन की मदद करने वाले देशों को धमका चुके हैं पुतिन
पश्चिमी देशों को ये आशंका है कि पुतिन अपने युद्ध को विस्तार देने के लिए मोल्डोवा या पोलैंड जैसे छोटे देशों को निशाना बना सकते हैं. क्योंकि पुतिन ने कई बार अपने बयानों में कहा है कि रूस के निशाने पर यूक्रेन की मदद करने वाले देश भी हैं. और कहीं ना कहीं मॉस्को ये मौका तलाश रहा है कि वो मोल्डोवा या पोलैंड पर अटैक करे. मोल्दोवा में रूसी क्रूज मिसाइल भेजकर तनातनी बढ़ ही गई है.
रूस कर रहा ट्रांसनिस्ट्रिया पर कब्जे की तैयारी
1990 में सोवियत संघ के टूटने के बाद यूक्रेन के पश्चिम में मोल्डोवा एक अलग देश के तौर पर स्थापित हुआ था. मोल्डोवा के अंतर्गत ट्रांसनिस्ट्रिया एक अलग राज्य है. अंतरराष्ट्रीय और कानूनी तौर पर ट्रांसनिस्ट्रिया मोल्डोवा का हिस्सा है. साल 2006 में ट्रांसनिस्ट्रिया में सरकार ने एक जनमत संग्रह भी कराया, जिसमें ट्रांसनिट्रिया ने खुद की स्वतंत्रता के साथ रूस के साथ जुड़ने की मांग को दोहराया, लेकिन मोल्डोवा ने इस जनमत संग्रह को मान्यता नहीं दी. इसके बावजूद ट्रांसनिस्ट्रिया में रूसी सेना की टुकड़ियां तैनात हैं.
मोल्डोवा को इसलिए भी खतरा है, क्योंकि रूस-यूक्रेन का युद्ध शुरु होने की वजह भी कुछ ऐसा ही मामला था, जब रूस ने लुहांस्क और डोनेत्सक पर कब्जा कर लिया था, जिसपर यूक्रेन अपना अधिकार जमाता था.
मोल्डोवा की राष्ट्रपति जता चुकी हैं रूसी हमले की आशंका
छोटा सा देश मोल्डोवा ईयू में अपनी दावेदारी पेश कर रहा है. यूरोपीय संघ की ओर से हालांकि, कोई फैसला नहीं लिया गया है. रूसी अटैक की आशंका के चलते मोल्डोवा, ईयू में शामिल होना चाहता है पर राह में कई अड़चनें हैं. राष्ट्रपति सैंडू कई बार कह चुकी हैं कि रूस का अगला टारगेट मोल्डोवा हो सकता है. इसी सप्ताह मोल्डोवा में दोबारा राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बादे सैंडू ने कहा था कि हमने यूरोपीय संघ (ईयू) के लिए दरवाजे खुले छोड़ दिए हैं.