July 5, 2024
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नेवी को AEWCS टोही एयरक्राफ्ट की मंजूरी

समंदर की निगहबानी के लिए भारतीय नौसेना को मध्यम दूरी के सर्विलांस एयरक्राफ्ट खरीदने की मंजूरी मिल गई है. रक्षा मंत्रालय की उच्च-स्तरीय रक्षा खरीद परिषद ने इसके साथ ही वायुसेना के लिए हवा में ही रिफ्यूल करने वाले विमानों को भी मंजूरी दे दी गई है. शुक्रवार को रक्षा मंत्रालय ने सशस्त्र सेनाओं के लिए कुल 84,560 करोड़ के हथियार और सैन्य उपकरणों की खरीद को मंजूरी दी. 

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, जिन हथियारों की खरीद और डिफेंस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है उनमें आत्मनिर्भर-भारत के तहत इंडियन कंपनियों को प्रमुखता दी जाएगी. इनमें थलसेना के लिए नई जेनरेशन की एंटी-टैंक माइन्स, छोटे और नीचे उड़ान भरने वाले ड्रोन को डिटेक्ट और ट्रैक करने के लिए एयर डिफेंस टेक्टिकल कंट्रोल रडार और सॉफ्टवेयर डिफाइन्ड रेडियो सेट शामिल हैं. इसके अलावा कैनिस्टर लॉन्च एंटी आर्मर लोएटर एम्युनिशन सिस्टम को भी मंजूरी दी गई है. ये सभी सैन्य उपकरण आईडीडीएम कैटेगरी यानी इंडीजीनस डिजाइन डेवलपेड एंड मैन्युफेक्चर  के तहत अधिग्रहण किए जाएंगे. 

लेकिन रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) ने जिन प्रोजेक्ट को मंजूरी (एस्पेटेंस ऑफ नेसेसिटी-एओएन) दी है उनमें सबसे खास है नौसेना के लिए टोही विमान. समंदर की निगरानी के लिए नौसेना के पास फिलहाल लंबी दूरी के टोही विमान पी8आई (अमेरिकी) हैं. इंडियन कोस्टगार्ड के पास मल्टी मिशन डोर्नियर विमान हैं. लेकिन भारतीय वायुसेना के अवैक्स (एयरबोर्न अर्ली वार्निंग कंट्रोल सिस्टम) विमानों की सफलता को देखते हुए नौसेना भी अब इस तरह के टोही विमानों को खरीदना चाहती है. 

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, नौसेना और कोस्टगार्ड के लिए जिन मीडियम रेंज मेरीटाइम रिकोनिसेंस एंड मल्टी मिशन मेरीटाइम एयरक्राफ्ट को मंजूरी दी गई है, ये एयरक्राफ्ट बाय एंड मेक कैटेगरी के तहत लिए जाएंगे. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इन एयरक्राफ्ट के जरिए भारत के अपार समंदर की निगरानी रखी जा सकेगी और गैर-कानूनी गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सकेगी. ऐसे में माना जा रहा है कि ये सी-295 एयरक्राफ्ट हैं. नौसेना इस एयरक्राफ्ट को वायुसेना के अवैक्स (एईडब्लूसी) की तरह तब्दील कर सकती है. टाटा ग्रुप ने एयरबस कंपनी के साथ गुजरात के वडोदरा में सी-295 एयरक्राफ्ट का प्लांट लगाया है.

सूत्रों के मुताबिक, भारतीय नौसेना के लिए डीआरडीओ कुल 09 ऐसे सी-295 एयरक्राफ्ट को रडार, सेंसर और पेयलोड के साथ टोही विमान में तब्दील करेगा. इसके अलावा 06 सी-295 इंडियन कोस्टगार्ड के लिए होंगे जो मल्टी मिशन एयरक्राफ्ट के तौर पर तैनात किए जाएंगे. हालांकि, वायुसेना ने डीआरडीओ की मदद से ब्राजील से लिए तीन एयरक्राफ्ट को अवैक्स में तब्दील किया है.

गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना भी 56 सी-295 एयरक्राफ्ट खरीद रही है. इनमें से 16 सी-295 सीधे एयरबस कंपनी से खरीदे गए हैं जबकि बाकी 40 का निर्माण भारत में ही हो रहा है. 

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, शुक्रवार को हुई डीएसी बैठक में इस बात का भी निर्णय लिया गया है कि रक्षा खरीद (अधिग्रहण) प्रक्रिया 2020 के तहत एडवांस टेक्नोलॉजी स्टार्टअप और एमएसएमई कंपनियों से खरीदी जाएगी जिन्हें आईडेक्स और टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड स्कीम के तहत बढ़ावा दिया गया है. 

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