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कोको आईलैंड के करीब बड़ी सुरक्षा चूक

बंगाल की खाड़ी में विवादास्पद कोको आइलैंड से सटे अंडमान निकोबार के एक वीरान द्वीप में छह विदेशी नागरिकों की मौत से सनसनी फैल गई है. सवाल खड़े हो रहे हैं कि इतने संवेदनशील आइलैंड में म्यांमार के नागरिक कैसे घुसपैठ कर सकते हैं. मारे गए म्यांमार के नागरिकों के दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि दो अन्य अभी भी लापता हैं. 

म्यांमार के विवादास्पद कोको आइलैंड पर चीन ने गुपचुप तरीके से एक एयर-स्ट्रीप तैयार कर ली है. इस द्वीप की दूरी अंडमान निकोबार के सबसे उत्तर-पूर्वी द्वीप नारकोंडम से महज 126 किलोमीटर दूरी पर है. करीब 7.5 स्क्वायर किलोमीटर के एरिया वाला नारकोंडम आइलैंड एक डोरमेंट ज्वालामुखी है जहां पर पोचिंग की घटनाएं सामने आई हैं. 

इस नारकोंडम आइलैंड में गैर-कानूनी तरीके से म्यांमार के 10 नागरिकों ने घुसपैठ की थी, जिनमें से छह की अल्कोहल पीने या (और भूख-प्यास) से मौत हो गई है. चीन की गतिविधियों के कारण यहां पर अंडमान निकोबार पुलिस के अलावा भारतीय नौसेना और कोस्टगार्ड की भी जबरदस्त निगहबानी रहती हैं. इसके बावजूद म्यांमार के 10 नागरिक यहां घुस गए हैं और सुरक्षा एजेंसियों को कानो-कान खबर नहीं लगी. 

जानकारी के मुताबिक, 14 फरवरी को म्यांमार के दो शिकारियों ने नारकोंडम आईलैंड में बनी पुलिस चौकी पर गंभीर अवस्था में सरेंडर किया था. इन दोनों नागरिकों ने बताया कि इनके साथ आठ अन्य शिकारी भी कुछ दिन पहले इस आइलैंड में दाखिल हुए थे. लेकिन उनकी भूख-प्यास से मौत हो गई है जबकि दो साथियों का कोई अता-पता नहीं है. अंडमान पुलिस मृत शिकारियों के शवों को पोर्ट ब्लेयर ले आई है और लापता शिकारियों की तलाश कर रही है. 

जांच में सामने आया है कि ये सभी शिकारी म्यांमार के अयरवाडी क्षेत्र के रहने वाले हैं. ये सभी शिकारी नारकोंडम में दाखिल होने से पहले कोको आइलैंड भी गए थे और वहां से उन्होंने एल्कोहल (देशी शराब) भी ली थी. कोको आईलैंड से अंडमान समंदर में दाखिल होने के बाद इन शिकारियों ने शराब का सेवन किया और इसी दौरान रात में इनकी बोट एक बड़ी चट्टान से टकरा गई. अगले दिन सुबह ये सभी नारकोंडम आइलैंड पर आ गए, जहां पर छह शिकारियों की तबीयत खराब हो गई और बाद में मौत हो गई. इसके बाद दो शिकारी घबरा गए और आइलैंड में पुलिस चौकी जाकर सरेंडर कर दिया. 

दरअसल, अंडमान निकोबार के समंदर में मरीन-संपदा काफी भारी मात्रा में पाई जाती है. ऐसे में म्यांमार और दूसरे देशों के शिकारी पोचिंग के लिए आते रहते हैं. लेकिन भारत सरकार ने इसे गैर-कानूनी घोषित कर रखा है. 

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