हमास-गाजा की जंग और ईरान में हमास चीफ के खात्मे के बाद पश्चिमी एशिया में बढ़ते तनाव को कम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात की है. बातचीत में पीएम मोदी ने हमास की कैद में बंद इजरायली बंधकों की रिहाई पर जोर दिया है. पिछले 11 महीने से इजरायल और हमास के बीच युद्ध चल रहा है. अमेरिका, कतर समेत कई देश सीजफायर की कोशिशें कर रहे हैं. युद्धविराम की कोशिशों के बीच पीएम मोदी का अपने इजरायली समकक्ष से बातचीत करना बेहद अहम माना जा रहा है. भारत ने कई मौकों पर इजरायल और फिलिस्तीनी अधिकारियों से युद्ध के बजाए कूटनीति का रास्ता चुनने की सलाह दी है.
पीएम मोदी और बेंजामिन नेतन्याहू में इन मुद्दों पर हुई चर्चा?
गाजा में युद्ध को समाप्त कर शांति वार्ता की चर्चाओं के बीच पीएम मोदी और बेंजामिन नेतन्याहू ने एक दूसरे से फोन पर बात की है. इस दौरान पीएम मोदी ने कई मुद्दों पर नेतन्याहू के साथ बातचीत की है. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, “भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस पर नेतन्याहू की फोन कॉल और शुभकामनाओं के लिए मैं उनकी सराहना करता हूं. हमने पश्चिम एशिया में मौजूदा स्थिति पर चर्चा की. स्थिति में और सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया. सभी बंधकों की तत्काल रिहाई, युद्ध विराम और निरंतर मानवीय सहायता की आवश्यकता के लिए अपना आह्वान दोहराया.”
थोड़ी देर बात अमेरिका का आया बयान
पीएम मोदी और बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बातचीत के थोड़ी देर बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का बयान आया. जो बाइडेन ने कहा, “हम सीजफायर के बिल्कुल करीब हैं. जल्द इस बारे में फैसला हो सकता है.” अमेरिकी राष्ट्रपति भवन की ओर से कहा गया कि “दोनों देशों के मध्यस्थ युद्ध को रोकने और बंधकों को रिहा करने के बारे में अंतिम फैसला ले सकते हैं.”
अमेरिकी राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी के मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थों ने इजरायल-हमास युद्ध को रोकने और बड़ी संख्या में बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने के उद्देश्य से वार्ता का एक नया दौर शुरू किया गया है.
दरअसल गुरुवार से इजरायल और हमास के बीच सुलह को लेकर नई वार्ता शुरु की गई है. अमेरिका खुद इस बातचीत का नेतृत्व कर रहा है, जिसमें मिस्र और कतर भी शामिल हैं. मध्यस्थता कर रहे अमेरिका, मिस्र और कतर के मुताबिक अगले हफ्ते काहिरा में बैठक होगी, जिसमें युद्ध विराम समझौते पर मुहर लगेगी. पहली बार इस बातचीत को इजरायल और हमास दोनों ही समर्थन दे रहे हैं.
हानिया की हत्या से बातचीत पटरी पर उतरी
दरअसल सिर्फ हमास के मोर्चे पर ही नहीं बल्कि इजरायल हिजबुल्लाह और ईरान से भी घिरा हुआ है. ईरान में घुसकर हमास चीफ हानिया (हनियेह) को मारा गया था, जिसके बाद हमास के साथ-साथ ईरान भी भड़का हुआ है. 31 जुलाई को तेहरान में हमास प्रमुख इस्माइल हानिया की हत्या के बाद से पश्चिम एशिया में युद्ध भड़कने की आशंका जताई जा रही है. ईरान ने इजरायल से बदला लेने की कसम खाई है. अगर गाजा युद्धविराम समझौता विफल होता है तो ईरान इजरायल पर हमला कर सकता है, वहीं अमेरिका ने ईरान को चेतावनी दी है कि अगर इजरायल पर अटैक होता है तो अमेरिका पलटवार करेगा.
जान चली जाए, पर फिलिस्तीन जाकर रहूंगा: राष्ट्रपति महमूद अब्बास
फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास, रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात के बाद तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के साथ बातचीत करने के लिए पहुंचे हैं. टर्की संसद को संबोधित करते हुए महमूद अब्बास ने कहा कि “वह इजरायल-हमास युद्ध के बीच गाजा जरूर जाएंगे. भले ही इसमें उनकी जान ही क्यों न चली जाए.”
एर्दोगन और महमूद अब्बास ने फिलिस्तीनी क्षेत्रों में इजरायली एक्शन और स्थायी युद्ध विराम के विकल्पों पर मंथन किया है. एर्दोगन वो राष्ट्राध्यक्ष हैं जिनकी इजरायली पीएम नेतन्याहू से कट्टर दुश्मनी है. और आए दिन एर्दोगन और नेतन्याहू के मंत्रियों के बीच जुबानी जंग चलती रहती है.