‘20 डेज इन मारियूपोल’ डॉक्यूमेंट्री को मिले ऑस्कर पुरस्कार के बाद अब रुस ने शहर की नई तस्वीरें जारी की हैं. रुस ने डॉक्यूमेंट्री को प्रोपेगेंडा करार कर मारियूपोल शहर की जो नई तस्वीरें जारी की हैं उनमें नई बिल्डिंग, खूबसूरत पार्क में खेलते बच्चे और हाथों में फूल लेकर खुश होते लोग दिखाई पड़ रहे हैं.
कभी यूक्रेन का हिस्सा रहा मारियूपोल एक पोर्ट-सिटी है जो रुस-यूक्रेन युद्ध में सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था. युद्ध के शुरुआती हफ्तों में शहर में दोनों देशों की सेनाओं में जमकर गोलाबारी हुई थी. इसका नतीजा ये हुआ कि शहर का 80-90 प्रतिशत हिस्सा पूरी तरह तबाह हो गया था. बुजुर्ग और असहाय लोगों को छोड़कर पूरी जनता शहर छोड़ गई थी. बड़ी संख्या में लोगों की मौत भी हुई थी.
हाल ही में ऑस्कर पुरस्कारों में ‘20 डेज इन मारियूपोल’ को बेस्ट डॉक्यूमेंट्री का अवार्ड दिया गया था. ये डॉक्यूमेंट्री एक अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी के पत्रकार के 20 दिनों की रिपोर्टिंग को दर्शाती है. ये पत्रकार युद्ध शुरु होने से एक दिन पहले मारियूपोल पहुंच गया था और 20 दिन वहां रहकर रिपोर्टिंग की थी. डॉक्यूमेंट्री में दिखाया गया है कि किस तरह रुस ने यहां जबरदस्त हमले किए थे और लोगों की जान गई थी. ये भी दिखाया गया है कि बड़ी संख्या में शवों को दफनाया गया है.
रुस ने डॉक्यूमेंट्री को झूठ का पुलिंदा बताते हुए कहा कि जिस मेटरनिटी हॉस्पिटल में रूसी सेना के हमले का आरोप लगाया है वो दरअसल, यूक्रेन सेना की अजोव यूनिट का हेडक्वार्टर था. जिस गर्भवती महिला का इंटरव्यू दिखाया गया है वो बाद में कह चुकी थी कि हमले के दौरान वो वहां मौजूद नहीं थी. उसे हमले के बाद इंटरव्यू के लिए वहां लाया गया था. रुस ने इसे ‘फेक-ऑस्कर’ करार दिया है.
डॉक्यूमेंट्री को अवार्ड मिलने के बाद रुस ने सोशल मीडिया पर मारियूपोल शहर की नई तस्वीरें जारी की हैं. पिछले साल खुद रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मारियूपोल शहर का दौरा कर नवीनीकरण की समीक्षा की थी. इस दौरान रुस द्वारा बनाए गए नए अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों से भी पुतिन ने मुलाकात की थी. हालांकि, उस दौरान तस्वीरों के बैकग्राउंड में गोलाबारी और आग से स्याह हो चुकी बर्बाद इमारतें साफ देखी जा सकती थी. इस बार जो तस्वीरें मारियूपोल शहर की जारी की गई हैं, उनमें भी बहुमंजिला रिहायशी बिल्डिंग और पार्क दिखाए गए हैं. इन तस्वीरों के जरिए ये बताने की कोशिश की गई है कि शहर अब सामान्य जिंदगी की तरफ लौट रहा है.
ये बात सही है कि रुस-यूक्रेन जंग के शुरुआती हफ्तों में मारियूपोल शहर को जबरदस्त नुकसान हुआ था. अप्रैल 2022 के महीने में लेखक ने खुद शहर जाकर रिपोर्टिंग की थी. उस दौरान बड़ी संख्या में लोग शहर से पलायन करते हुए दिखाई पड़े थे. वाकई में शहर की 80-90 प्रतिशत इमारतें तबाह हो चुकी थी. लेकिन यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और पश्चिमी मीडिया का शहर में रुसी सेना द्वारा ‘कैमिकल अटैक’ को लेकर लेखक ने भंडाफोड़ कर दिया था. क्योंकि जेलेंस्की के आरोप के अगले दिन ही लेखक ने मारियूपोल शहर का दौरा किया था. शहर में केमिकल अटैक का कोई लक्षण नहीं मिला था और ना ही वहां रह रहे किसी इंसान ने इस बात की शिकायत की थी. उस दौरान शहर पूरी तरह रूसी सेना के कब्जे में आ चुका था लेकिन अजोव स्टील प्लांट की जंग जारी थी. शहर में रिपोर्टिंग के दौरान बमबारी की आवाज साफ सुनाई पड़ रही थी.
लेखक ने मारियूपोल के उस ऐतिहासिक थियेटर (मारियूपोल थियेटर) से भी रिपोर्टिंग की थी जिस पर हुए हमले में ‘300-400 लोगों के मरने’ की बात कही गई थी. हालांकि, वहां मौजूद रूसी सेना के अधिकारियों ने दावा किया था कि मारे गए लोग यूक्रेनी सैनिक थे क्योंकि यूक्रेन ने थियेटर को ‘एम्युनेशन स्टोर’ के रूप में तब्दील कर दिया था. आंतरिक विस्फोट के कारण वहां मौजूद यूक्रेनी सैनिकों की जान चली गई थी.
(नीरज राजपूत, रुस-यूक्रेन युद्ध पर लिखी बुक ‘ऑपरेशन जेड लाइव ‘के लेखक भी हैं. उन्होंने युद्ध के शुरूआती हफ्तों में वॉर-जोन से रिपोर्टिंग की थी.)
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