ईरान के नए राष्ट्रपति ने साफ कर दिया है कि अपने ‘राष्ट्रीय हितों’ और शांति के लिए सभी देशों के साथ ‘संतुलित संबंध’ बनाए जाएंगे लेकिन अमेरिका के ‘दबाव में नहीं’ आएंगे. साथ ही ईरान ने अपनी रक्षा नीति में परमाणु हथियारों को शामिल न करने की बात भी कही है.
नए राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने ईरान के सरकारी अखबार में एक लेख के जरिए अपने विचारों को दुनिया के सामने प्रकट किया है. उदारवादी माने जाने वाले पेजेशकियान हाल ही में तेहरान के नए राष्ट्रपति चुने गए हैं.
मई के महीने में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलिकॉप्टर क्रेश में मौत हो गई थी. ऐसे में ईरान में नए राष्ट्रपति के लिए चुनाव कराए गए थे. पेजेशकियान को चुनाव में बहुमत मिला है और जल्द राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालेंगे. उन्होंने कट्टरवादी सईद जलीली को चुनाव में हराया है.
पेजेशकियान ने अपने लेख में पड़ोसी अरब देशों से संबंध सुधारने को प्राथमिकता बताते हुए इजरायल-हमास युद्ध को जल्द से जल्द रोकने पर जोर दिया है. ईरान के नव-नियुक्त राष्ट्रपति ने डिप्लोमेसी के जरिए अरब देशों से युद्धविराम कराने का आह्वान किया है. हालांकि, ईरान ने फिलिस्तीन को समर्थन जारी रखने की बात कही है.
इजरायल का आरोप है कि ईरान की शह पर ही हमास और हिजबुल्लाह जैसे आतंकी संगठन फल-फूल रहे हैं. साथ ही पिछले 7 अक्टूबर को आतंकी संगठन हमास द्वारा इजरायल पर हमले के लिए ईरान की मदद लेने का आरोप भी लगाया था. हालांकि, ईरान ने इजरायल के आरोपों को बेबुनियाद बताया था.
अपने लेख में पेजशकियान ने ये भी लिखा कि ईरान, “अमेरिका दवाब पर प्रतिक्रिया नहीं देगा.” ईरान के राष्ट्रपति ने अपने देश पर लगाए बारी आर्थिक प्रतिबंधों और उनके जरिए लोगों को आई मुश्किलों का भी जिक्र किया. पेजेशकियान ने यूरोपीय देशों से भी संबंधों को सामान्य बनाने की बात कही है.
पेजशकियान ने चीन और रुस जैसे मित्र-देशों की तारीफ की है जो मुश्किल परिस्थितियों में ईरान के साथ खड़े दिखाई पड़ते हैं. रुस को अहम सामरिक सहयोगी बताते हुए पेजशकियान ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया है.
पेजशकियान ने अपने लेख में सऊदी अरब के साथ हाल ही में राजनयिक संबंधों को सामान्य बनाने में चीन की प्रशंसा की है.