दक्षिण कोरिया के नए राष्ट्रपति ली जे म्योंग ने ऐलान किया है कि डीएमजेड (डिमिलिट्राइज जोन) यानी उत्तर कोरिया से सटे संवेदनशील बॉर्डर पर अब प्रोपेगेंडा लाउडस्पीकर नहीं बजाए जाएंगे.
उत्तर कोरिया से संबंध सुधारने की दिशा में साउथ कोरिया ने ये कदम उठाया है. पिछले कई दशक से दक्षिण कोरिया इन लाउडस्पीकर का इस्तेमाल उत्तर कोरिया के सैनिकों और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को साउथ कोरिया के विकास और उपलब्धियों के बारे में प्रचार प्रसार के लिए इस्तेमाल करता है.
के-पॉप भी नहीं बजेगा उत्तर-दक्षिण कोरिया के बॉर्डर पर
हाल के सालों में वहां के-पॉप के गाने भी बजाए जाते हैं, जो उत्तर कोरिया में भी काफी प्रचलित हैं. उत्तर कोरिया ने के-पॉप को अपने देश में बैन कर रखा है. (https://x.com/neeraj_rajput/status/910506325603491843)
पिछले हफ्ते दक्षिण कोरिया की कमान संभाली नए राष्ट्रपति ने
पिछले हफ्ते ही दक्षिण कोरिया में विपक्षी नेता ली जे-म्योंग को देश की जनता ने अपना नया राष्ट्रपति चुना था. अभी तक उत्तर कोरिया के सनकी तानाशाह किम जोंग उन और उसकी बैलिस्टिक मिसाइल से पूरी दुनिया तंग रहती थी कि अब पड़ोसी देश साउथ कोरिया में भी एक ऐसा राष्ट्रपति चुना गया जिसे ‘कोरियाई डोनाल्ड ट्रंप’ की उपाधि दी जा रही है.
कोरियाई युद्ध (1950-53) के बाद से दक्षिण कोरिया की सुरक्षा की जिम्मेदारी अमेरिका की
कोरिया के ट्रंप यानी ली को अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप की आर्थिक नीतियों से भी दो-चार होना पड़ेगा. कोरियाई युद्ध (1950-53) के बाद से ही साउथ कोरिया की सुरक्षा की जिम्मेदारी अमेरिका के हाथों में है. नॉर्थ कोरिया के पारंपरिक युद्ध और न्यूक्लियर वॉर, दोनों के खिलाफ अमेरिका ने दक्षिण कोरिया को सुरक्षा का करार किया हुआ है. बावजूद इसके, ट्रंप ने ट्रेड-वॉर की लिस्ट में दक्षिण कोरिया को शामिल कर लिया है. साथ ही दक्षिण कोरिया में तैनात करीब 30 हजार अमेरिकी सैनिकों के लिए दी जाने वाली राशि को भी बढ़ाए जाने का मन ट्रंप ने बना रखा है.
साफ है कि दक्षिण कोरिया के नए राष्ट्रपति ली को चुनौती सिर्फ डीएमजेड (डि-मिलिट्राइज जोन) पर सनकी तानाशाह किम जोंग उन की बैलिस्टिक मिसाइल से ही नहीं बल्कि ओरिजनल ट्रंप से भी है. लेकिन कुछ समय के लिए ली चैन की सांस ले सकते हैं. क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप फिलहाल एलन मस्क के साथ नूरा-कुश्ती में व्यस्त हैं.