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Maritime डिप्लोमेसी का निर्देशक है ये जहाज

भारतीय नौसेना को मिल गया है अपना नया ‘निर्देशक’. नेवी का नया ‘निर्देशक’ है एक सर्वे वेसल. नाम के अनुरूप ये सर्वे वेसल, गहरे समंदर के बारे में नौसेना को अहम जानकारी प्रदान करेगा, जिससे जंगी जहाज और पनडुब्बियों के ऑपरेशन में अहम मदद मिलेगी.  

बुधवार को विशाखापट्टनम में रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ की मौजूदगी में निर्देशक की कमीशनिंग सेरेमनी का आयोजन किया गया.

नौसेना के प्रवक्ता, विशाखापट्टनम में जिस सर्वे शिप निर्देशक को नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया है, उसे 80 प्रतिशत से ज्यादा स्वदेशी सामानों से बनाया गया है.

संजय सेठ की अध्यक्षता में कमीशनिंग समारोह में नेवी के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहें जिनमें फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, पूर्वी नौसेना कमान और अन्य वरिष्ठ नौसेना अधिकारी सहित जीआरएसई के प्रतिनिधि मौजूद थे. (https://x.com/indiannavy/status/1869003773051383985)

क्यों खास है नेवी का सर्वेक्षण पोत निर्देशक
जीआरएसई कोलकाता ने सर्वेक्षण पोत ‘निर्देशक’ का निर्माण किया है. निर्देशक का वजह 3800 टन है और लंबाई 110 मीटर है. निर्देशक दो डीजल इंजनों द्वारा संचालित होता है. निर्देशक अत्याधुनिक हाइड्रोग्राफिक और समुद्र विज्ञान सर्वेक्षण उपकरण से लैस है.

निर्देशक, हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करने, नेविगेशन में सहायता करने और समुद्री परिचालन का समर्थन करने के लिए डिजाइन किया गया है. पहले सर्वेक्षण पोत को तकरीबन 32 साल की सेवा के बाद रिटायर कर दिया

‘निर्देशक’ रिसर्च पोत बड़े सर्वे वेसल परियोजना का दूसरा जहाज है जिसे जीआरएसई ने तैयार किया है. इससे पहले संधायक को इसी साल नौसेना में शामिल कर लिया गया है. साथ ही इस परियोजना के तहत इच्छक और संशोधक नाम के सर्वेक्षण पोत भी जीआरएसई तैयार कर रहा है.

हिंद महासागर में रहेगी आईएनएस निर्देशक की अहम भूमिका
निर्देशक समुद्र में 25 दिनों से अधिक रह सकता है और इसकी गति 18 समुद्री मील से अधिक है. आईएनएस निर्देशक भारत की समुद्री क्षमताओं को बढ़ाने के लिए तैयार है. यह देश के समुद्री क्षेत्र की मैपिंग करने और विदेशी सहयोग रिसर्च के माध्यम से हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की सामरिक उपस्थिति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. (https://x.com/SpokespersonMoD/status/1869357159357551013)

क्या कहा रक्षा राज्यमंत्री ने
इस मौके पर बोलते हुए रक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के जहाज मेरीटाइम डिप्लोमेसी में भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं.